सारांश : शुक्रवार को भारतीय शेयर बाजार में तेज उतार-चढ़ाव देखने को मिला। सेंसेक्स 236 अंकों की गिरावट के साथ खुला, जबकि निफ्टी 22,500 के नीचे फिसल गया। अमेरिकी बाजार में गिरावट और विदेशी निवेशकों की बिकवाली का असर घरेलू बाजार पर भी पड़ा। बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि अप्रैल तक सुधार की संभावना कम है। अधिकांश सेक्टरों में गिरावट देखी गई, हालांकि रियल एस्टेट और मीडिया सेक्टर में हल्की मजबूती बनी रही।
शुक्रवार को भारतीय शेयर बाजार में शुरुआती कारोबार में भारी उतार-चढ़ाव देखने को मिला। अमेरिका के शेयर बाजार में गिरावट के बाद भारतीय बाजारों में भी बिकवाली का दबाव दिखा। बीएसई सेंसेक्स 236 अंक लुढ़ककर 74,296 पर खुला, जबकि निफ्टी 7.25 अंकों की गिरावट के साथ 22,537.45 पर पहुंच गया।
अमेरिकी बाजार की गिरावट का असर
गुरुवार को अमेरिकी बाजारों में भारी गिरावट देखने को मिली, जिसका सीधा असर भारतीय शेयर बाजार पर पड़ा। निवेशकों की धारणा कमजोर हुई और बाजार में उतार-चढ़ाव बढ़ गया। डाओ जोंस, नैस्डैक और एसएंडपी 500 में गिरावट के चलते भारतीय निवेशकों में भी सतर्कता देखी गई।
विशेषज्ञों की राय: अप्रैल तक सुधार की संभावना कम
बाजार विशेषज्ञों के अनुसार, विदेशी निवेशकों (एफपीआई) की बिकवाली के कारण बाजार पर दबाव बना हुआ है। विशेषज्ञों का मानना है कि अप्रैल से पहले बाजार में सुधार की संभावना कम है क्योंकि निवेशक भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक और कंपनियों के तिमाही नतीजों का इंतजार कर रहे हैं।
बैंकिंग और वित्तीय विशेषज्ञ अजय बग्गा के अनुसार, "भारतीय बाजार पर एफपीआई की लगातार बिकवाली का दबाव बना हुआ है। जब तक कंपनियों के तिमाही नतीजे और आरबीआई की नीति बैठक के नतीजे सामने नहीं आते, तब तक घरेलू निवेशकों के लिए कोई बड़ा सकारात्मक संकेत नहीं दिख रहा है। साथ ही, अमेरिका और भारत के बीच व्यापार वार्ता का परिणाम भी बाजार की दिशा तय करेगा।"
सेक्टोरल परफॉर्मेंस: अधिकांश सेक्टरों में गिरावट
शेयर बाजार में आई गिरावट का असर अलग-अलग सेक्टरों पर भी दिखा। निफ्टी बैंक, निफ्टी ऑटो और निफ्टी आईटी में क्रमशः 0.34%, 0.16% और 0.31% की गिरावट दर्ज की गई। हालांकि, रियल एस्टेट और मीडिया सेक्टर में हल्की बढ़त देखने को मिली।
सेंसेक्स और निफ्टी के प्रमुख स्टॉक्स की स्थिति
निफ्टी 50 में, 14 स्टॉक्स बढ़त के साथ खुले, जबकि 25 स्टॉक्स में गिरावट दर्ज की गई।
टॉप गेनर्स:
एचसीएल टेक
डॉ. रेड्डीज लैब्स
सिप्ला
टॉप लूजर्स:
टाटा मोटर्स
एचडीएफसी बैंक
रिलायंस इंडस्ट्रीज
वैश्विक संकेतों का प्रभाव
अमेरिकी शेयर बाजार में गिरावट, कच्चे तेल की बढ़ती कीमतें और डॉलर के मुकाबले रुपये की कमजोरी भी भारतीय बाजार के लिए नकारात्मक संकेत बने हुए हैं।
निवेशकों के लिए क्या रणनीति होनी चाहिए?
विशेषज्ञों के अनुसार, मौजूदा परिस्थितियों में निवेशकों को सतर्क रहने की जरूरत है। अल्पकालिक निवेशकों को बाजार के स्थिर होने तक इंतजार करना चाहिए, जबकि दीर्घकालिक निवेशकों के लिए यह गिरावट निवेश का अच्छा अवसर हो सकता है।
निष्कर्ष
भारतीय शेयर बाजार में शुक्रवार को भारी उतार-चढ़ाव देखने को मिला, जिसका मुख्य कारण अमेरिकी बाजारों की गिरावट और विदेशी निवेशकों की बिकवाली रहा। विशेषज्ञों का मानना है कि अप्रैल तक बाजार में सुधार की संभावना कम है। अधिकांश सेक्टरों में गिरावट दर्ज की गई, हालांकि कुछ क्षेत्रों में हल्की मजबूती बनी रही। निवेशकों को सतर्कता बरतने की सलाह दी जा रही है।
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