सारांश : पाकिस्तान के बलूचिस्तान में बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA) द्वारा हाईजैक की गई जाफर एक्सप्रेस से अब तक पाकिस्तानी सेना 155 बंधकों को छुड़ा चुकी है, जबकि 100 से अधिक लोग अब भी विद्रोहियों के कब्जे में हैं। इस घटना में अब तक 30 से अधिक पाकिस्तानी सैनिकों के मारे जाने का दावा किया गया है। BLA ने पाक सरकार को 48 घंटे का अल्टीमेटम दिया है और मांग की है कि जेल में बंद बलूच कैदियों को रिहा किया जाए।
बलूचिस्तान में ट्रेन हाईजैक, 214 लोग बने बंधकपाकिस्तान के अशांत क्षेत्र बलूचिस्तान में आतंकियों ने एक बड़ी वारदात को अंजाम दिया है। बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA) ने जाफर एक्सप्रेस नामक ट्रेन को हाईजैक कर लिया और उसमें सवार 214 यात्रियों को बंधक बना लिया। बंधकों में आम नागरिकों के साथ-साथ पाकिस्तानी सेना, अर्धसैनिक बल, पुलिस और खुफिया एजेंसियों के अधिकारी भी शामिल हैं। इस घटना ने पूरे पाकिस्तान में हड़कंप मचा दिया है।
हमले में 30 से अधिक सैनिकों की मौत का दावाBLA ने इस हमले की जिम्मेदारी लेते हुए दावा किया है कि मुठभेड़ के दौरान अब तक 30 से अधिक पाकिस्तानी सैनिक मारे जा चुके हैं। विद्रोहियों ने चेतावनी दी है कि अगर पाकिस्तानी सेना ने कोई कार्रवाई की तो वे सभी बंधकों को मार देंगे। इस हमले के बाद से इलाके में दहशत का माहौल बना हुआ है।
पाकिस्तानी सेना का जवाबी अभियानपाकिस्तानी सेना और सुरक्षाबलों ने इस घटना के तुरंत बाद जवाबी कार्रवाई शुरू की। सेना की ओर से अब तक 155 बंधकों को छुड़ाने का दावा किया गया है, लेकिन अभी भी 100 से अधिक लोग BLA के कब्जे में हैं। इस बीच, पाकिस्तानी सरकार ने इस पूरे घटनाक्रम पर अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है।
BLA ने दिया 48 घंटे का अल्टीमेटमबलूच लिबरेशन आर्मी ने पाकिस्तान सरकार को 48 घंटे का अल्टीमेटम दिया है और मांग की है कि जेल में बंद बलूच कैदियों को रिहा किया जाए। विद्रोहियों का कहना है कि अगर उनकी मांगें पूरी नहीं होती हैं, तो वे सभी बंधकों को मार देंगे।
पाकिस्तान में बढ़ते विद्रोह का संकेतबलूचिस्तान में लंबे समय से पाकिस्तान सरकार और सेना के खिलाफ विद्रोह की स्थिति बनी हुई है। यह इलाका कई अलगाववादी संगठनों का गढ़ रहा है, जो बलूचिस्तान की आजादी की मांग कर रहे हैं। BLA भी इन्हीं संगठनों में से एक है, जिसे पाकिस्तान, ब्रिटेन और अमेरिका ने आतंकी संगठन घोषित किया हुआ है।
पहले भी हुए हैं हमलेबलूचिस्तान में पहले भी इस तरह के हमले होते रहे हैं। हाल ही में, नवंबर में क्वेटा रेलवे स्टेशन पर हुए धमाके में 26 लोगों की मौत हो गई थी और 62 लोग घायल हुए थे। इसके अलावा, इस क्षेत्र में सुरक्षा बलों और विद्रोहियों के बीच लगातार संघर्ष की स्थिति बनी रहती है।
सरकार और सेना की रणनीति पर सवालइस हमले के बाद पाकिस्तानी सेना और सरकार की रणनीति पर सवाल उठ रहे हैं। बलूचिस्तान में लगातार बढ़ रही हिंसा को रोकने में सरकार विफल साबित हो रही है। विपक्षी दलों ने सरकार की नीतियों की आलोचना करते हुए कहा है कि अगर जल्द ही इस समस्या का समाधान नहीं निकाला गया, तो हालात और भी बिगड़ सकते हैं।
आगे की रणनीति पर नजरअब देखना होगा कि पाकिस्तानी सेना और सरकार इस स्थिति से कैसे निपटती है। क्या वे बलूच कैदियों की रिहाई के लिए समझौता करेंगे या फिर कोई सैन्य कार्रवाई करेंगे? इन सब सवालों के जवाब आने वाले दिनों में स्पष्ट होंगे।
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