फास्टैग (FASTag)

फास्टैग (FASTag) भारत में इलेक्ट्रॉनिक टोल संग्रहण प्रणाली (Electronic Toll Collection - ETC) है, जिसे राष्ट्रीय राजमार्गों पर टोल शुल्क के स्वचालित भुगतान के लिए विकसित किया गया है। इसे भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) और भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI) द्वारा प्रबंधित किया जाता है। फास्टैग रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन (RFID) तकनीक पर आधारित है और वाहन की विंडशील्ड पर चिपकाए गए टैग के माध्यम से काम करता है। यह प्रणाली टोल प्लाजा पर वाहन की स्वचालित पहचान करके जुड़े बैंक खाते या डिजिटल वॉलेट से टोल शुल्क काट लेती है, जिससे लंबी कतारों और नकद लेन-देन की आवश्यकता को समाप्त किया जा सकता है।


फास्टैग (FASTag)


इतिहास और विकास

फास्टैग की शुरुआत भारत में पहली बार 2014 में की गई थी, जब इसे राष्ट्रीय राजमार्ग 8 (दिल्ली-मुंबई) के कुछ टोल प्लाज़ाओं पर पायलट प्रोजेक्ट के रूप में लागू किया गया। इसके बाद, इसे देशभर में चरणबद्ध तरीके से विस्तारित किया गया।

  • 2016 – भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) और भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI) ने इसे राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिक टोल संग्रह (NETC) प्रणाली के रूप में विकसित किया।
  • 2017 – सभी प्रमुख राष्ट्रीय राजमार्गों पर फास्टैग अनिवार्य करने की योजना शुरू हुई।
  • 2020 – सरकार ने 15 फरवरी 2021 से फास्टैग को सभी वाहनों के लिए अनिवार्य कर दिया।


फास्टैग कैसे काम करता है?

फास्टैग एक RFID-सक्षम स्टिकर होता है, जिसे वाहन की विंडशील्ड पर लगाया जाता है। जब कोई वाहन टोल प्लाजा से गुजरता है, तो टोल गेट पर लगे सेंसर इस टैग को स्कैन करते हैं और जुड़े बैंक खाते या डिजिटल वॉलेट से टोल शुल्क स्वतः काट लिया जाता है।


फास्टैग की विशेषताएँ:


  • RFID तकनीक: रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन (RFID) के जरिए स्वचालित टोल कटौती।
  • बैंकिंग सुविधा: विभिन्न बैंकों और मोबाइल वॉलेट से लिंक करने की सुविधा।
  • समय और ईंधन की बचत: टोल प्लाजा पर रुकने की जरूरत नहीं होती।
  • कई वाहनों के लिए अलग-अलग टैग: एक टैग केवल एक वाहन के लिए मान्य होता है।
  • ऑनलाइन रिचार्ज: UPI, नेट बैंकिंग, डेबिट/क्रेडिट कार्ड के जरिए रिचार्ज किया जा सकता है।
  • अन्य सेवाओं के लिए उपयोग: फास्टैग का उपयोग पेट्रोल पंपों, पार्किंग शुल्क और अन्य टोल संग्रह प्रणालियों में भी किया जा रहा है।


फास्टैग के लाभ

1. वाहन चालकों के लिए

  • टोल प्लाजा पर लंबी कतारों में खड़े रहने की जरूरत नहीं।
  • ईंधन की बचत और यात्रा का समय कम होता है।
  • बिना नकदी के टोल भुगतान करने की सुविधा।
  • टैग से जुड़े खाते में सभी लेन-देन का पूरा विवरण उपलब्ध रहता है।

2. सरकार और प्रशासन के लिए

  • टोल प्लाजा पर भीड़ को कम करने में मदद।
  • नकद लेन-देन को कम करके पारदर्शिता बढ़ाना।
  • टोल संग्रह प्रणाली को अधिक कुशल और सुरक्षित बनाना।


फास्टैग कैसे प्राप्त करें?

फास्टैग विभिन्न बैंकों, ऑनलाइन प्लेटफॉर्म और पेट्रोल पंपों पर उपलब्ध होता है। इसे निम्नलिखित माध्यमों से खरीदा जा सकता है:

  1. बैंकिंग संस्थान: SBI, HDFC, ICICI, Axis Bank, Paytm Payments Bank आदि।
  2. डिजिटल वॉलेट और ऐप्स: Paytm, Google Pay, PhonePe आदि।
  3. NHAI टोल प्लाजा और पेट्रोल पंपों पर।
  4. MyFASTag ऐप के जरिए ऑनलाइन आवेदन।

फास्टैग को खरीदने के लिए वाहन के रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट (RC), वाहन मालिक का पहचान प्रमाण और बैंक खाता विवरण आवश्यक होता है।


फास्टैग से जुड़े नए नियम और अपडेट

सरकार समय-समय पर फास्टैग से जुड़े नियमों में बदलाव करती रहती है।

  • 2021 से सभी वाहनों के लिए अनिवार्य: 15 फरवरी 2021 से फास्टैग सभी चार पहिया और वाणिज्यिक वाहनों के लिए अनिवार्य कर दिया गया।
  • दोगुना टोल शुल्क: यदि किसी वाहन का फास्टैग अमान्य या निष्क्रिय है, तो उसे नकद भुगतान के रूप में दोगुना टोल देना होगा।
  • ब्लैकलिस्टिंग और चार्जबैक नियम: अगर फास्टैग में न्यूनतम बैलेंस नहीं है और यह ब्लैकलिस्ट हो जाता है, तो तुरंत रिचार्ज करने के बावजूद टोल प्लाजा पर भुगतान अस्वीकृत हो सकता है।
  • कूलिंग पीरियड: अगर टोल रीडिंग में 10 मिनट से अधिक का अंतर होता है, तो अतिरिक्त शुल्क लिया जा सकता है।


चुनौतियाँ और आलोचना

हालांकि फास्टैग प्रणाली को व्यापक रूप से अपनाया गया है, लेकिन कुछ चुनौतियाँ और आलोचनाएँ भी सामने आई हैं:

  • तकनीकी समस्याएँ: कुछ टोल प्लाजा पर स्कैनर ठीक से काम नहीं करते, जिससे भुगतान में परेशानी आती है।
  • बैंकिंग मुद्दे: कई बार भुगतान प्रक्रिया में देरी होती है या ट्रांजेक्शन फेल हो जाते हैं।
  • डबल चार्जिंग: कई उपयोगकर्ताओं ने शिकायत की है कि एक ही टोल प्लाजा पर दो बार भुगतान हो जाता है।
  • नकद लेन-देन की समस्या: कुछ स्थानों पर अभी भी नकद लेन-देन को पूरी तरह समाप्त नहीं किया जा सका है।


भविष्य की योजनाएँ और विस्तार

भारत सरकार और NHAI भविष्य में फास्टैग को और अधिक उन्नत बनाने की योजना बना रहे हैं:

  • राज्य राजमार्गों और पार्किंग में फास्टैग का विस्तार।
  • फास्टैग को ईंधन भुगतान और अन्य सेवाओं के लिए उपयोग में लाना।
  • स्वचालित टोल कटौती प्रणाली को अधिक कुशल और सुरक्षित बनाना।
  • फास्टैग डेटा का उपयोग ट्रैफिक प्रबंधन और टोल संग्रह की निगरानी के लिए करना।