लू (Heatwave) एक प्राकृतिक आपदा है जो अत्यधिक गर्म और शुष्क हवाओं के कारण होती है। यह स्थिति तब उत्पन्न होती है जब तापमान सामान्य से काफी अधिक हो जाता है और लंबे समय तक बना रहता है। लू का प्रभाव विशेष रूप से गर्मियों के महीनों में देखा जाता है, और यह मानव स्वास्थ्य, कृषि, और जल संसाधनों पर प्रतिकूल प्रभाव डालता है।
परिभाषा और मानदंड
लू की परिभाषा और मानदंड भौगोलिक क्षेत्र और जलवायु परिस्थितियों के अनुसार भिन्न हो सकते हैं। भारत में, भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के अनुसार, जब अधिकतम तापमान मैदानों में 40°C से ऊपर और पहाड़ी क्षेत्रों में 30°C से ऊपर चला जाता है और सामान्य से 4-5°C अधिक होता है, तब इसे लू कहा जाता है। जब तापमान सामान्य से 6°C या अधिक हो जाता है, तो इसे "गंभीर लू" कहा जाता है।
कारण
लू के मुख्य कारणों में शामिल हैं:
- उच्च वायुमंडलीय दबाव: उच्च दबाव के क्षेत्र के कारण गर्म हवाएं नीचे की ओर आती हैं और तापमान बढ़ता है।
- सूर्य की तीव्रता: ग्रीष्म ऋतु में सूर्य की किरणें अधिक सीधे पड़ती हैं, जिससे तापमान में वृद्धि होती है।
- स्थिर वायुमंडलीय स्थिति: हवा की स्थिरता के कारण गर्म हवा ठहर जाती है और तापमान अधिक समय तक ऊँचा रहता है।
प्रभाव
लू का मानव स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव पड़ता है, जिसमें शामिल हैं:
- हीट स्ट्रोक: शरीर का तापमान बहुत अधिक बढ़ जाने से हीट स्ट्रोक हो सकता है, जो जीवन के लिए खतरा बन सकता है।
- डिहाइड्रेशन: अत्यधिक पसीना आने से शरीर में पानी की कमी हो जाती है।
- गर्मी से संबंधित बीमारियाँ: थकान, चक्कर आना, और मांसपेशियों में ऐंठन जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
कृषि पर प्रभाव:
फसल नुकसान: उच्च तापमान और पानी की कमी से फसलों का उत्पादन प्रभावित होता है।
पशुधन पर प्रभाव: पशुओं को भी हीट स्ट्रेस का सामना करना पड़ता है, जिससे उनकी उत्पादकता में कमी आती है।
जल संसाधनों पर प्रभाव:
जल स्तर में कमी: जल स्रोतों का स्तर घट जाता है, जिससे जल संकट उत्पन्न हो सकता है।
रोकथाम और उपचार
लू से बचाव और इसके प्रभाव को कम करने के लिए कई उपाय किए जा सकते हैं:
- जलयोजन: पर्याप्त मात्रा में पानी पीना और शरीर को हाइड्रेटेड रखना।
- हल्के कपड़े: ढीले, हल्के और हल्के रंग के कपड़े पहनना।
- धूप से बचाव: दोपहर के समय धूप में बाहर निकलने से बचना।
- शीतल स्थान: ठंडे और हवादार स्थानों पर रहना।
- स्वास्थ्य देखभाल: हीट स्ट्रोक के लक्षणों के मामले में तुरंत चिकित्सा सहायता लेना।
सरकार और संगठन
लू के प्रभाव को कम करने और जागरूकता बढ़ाने के लिए विभिन्न सरकारी और गैर-सरकारी संगठन सक्रिय हैं। वे लू की चेतावनी जारी करने, सामुदायिक जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करने, और राहत कार्यों में सहायता प्रदान करने का कार्य करते हैं।