मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना (Mukhyamantri Samuhik Vivah Yojana)

मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना भारत के विभिन्न राज्यों में सरकार द्वारा संचालित एक सामाजिक कल्याण योजना है, जिसका उद्देश्य गरीब एवं आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों की बेटियों की शादी में सहायता प्रदान करना है। इस योजना के तहत सरकार द्वारा सामूहिक विवाह कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, जिसमें निर्धन परिवारों की बेटियों का विवाह संपन्न कराया जाता है।


मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना (Mukhyamantri Samuhik Vivah Yojana)


योजना का उद्देश्य

मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना का मुख्य उद्देश्य गरीब परिवारों को वित्तीय सहायता प्रदान करना और सामाजिक समरसता को बढ़ावा देना है। यह योजना समाज में दहेज प्रथा जैसी कुरीतियों को समाप्त करने और विवाह को सादगीपूर्ण तरीके से संपन्न कराने के लिए प्रोत्साहित करती है।


मुख्य विशेषताएँ

निःशुल्क विवाह आयोजन – सरकार द्वारा सामूहिक विवाह कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।

वित्तीय सहायता – नवविवाहित जोड़ों को सरकारी सहायता राशि दी जाती है, जो उनके नए जीवन की शुरुआत में मदद करती है।

अंतरजातीय विवाह को प्रोत्साहन – यदि कोई विवाह अंतरजातीय होता है, तो अतिरिक्त आर्थिक सहायता दी जाती है।

सामाजिक एकता और समरसता – इस योजना के माध्यम से गरीब परिवारों को समान अवसर और सामाजिक सम्मान दिया जाता है।


योजना के अंतर्गत दी जाने वाली सहायता राशि

इस योजना के तहत राज्य सरकार द्वारा नवविवाहित जोड़ों को आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है, जो निम्न प्रकार से हो सकती है:

विवाह कार्यक्रम का खर्च – प्रत्येक जोड़े के विवाह के आयोजन का खर्च सरकार द्वारा उठाया जाता है।

नवविवाहित जोड़े को आर्थिक सहायता – सरकार द्वारा प्रत्येक जोड़े को ₹35,000 से ₹51,000 तक की सहायता राशि दी जाती है (राज्य सरकार के अनुसार राशि भिन्न हो सकती है)।

कन्या को उपहार सामग्री – नवविवाहित दंपत्ति को गृहस्थी शुरू करने के लिए सामान्य घरेलू उपयोग की वस्तुएँ दी जाती हैं, जैसे बर्तन, कपड़े, फर्नीचर आदि।

अंतरजातीय विवाह को प्रोत्साहन राशि – यदि विवाह अंतरजातीय होता है, तो जोड़े को अतिरिक्त प्रोत्साहन राशि दी जाती है।


पात्रता मानदंड

इस योजना का लाभ लेने के लिए पात्रता मानदंड निम्नलिखित हैं:

आय सीमा – परिवार की वार्षिक आय राज्य सरकार द्वारा निर्धारित सीमा के भीतर होनी चाहिए (आमतौर पर ₹2 लाख से कम)।

निवास प्रमाण पत्र – आवेदक को उस राज्य का निवासी होना चाहिए, जहाँ योजना लागू की गई है।

शादी योग्य आयु – लड़की की उम्र 18 वर्ष या अधिक और लड़के की उम्र 21 वर्ष या अधिक होनी चाहिए।

सामाजिक श्रेणी – इस योजना का लाभ गरीबी रेखा से नीचे (BPL) आने वाले परिवारों, अनुसूचित जाति (SC), अनुसूचित जनजाति (ST), अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC), अल्पसंख्यक समुदायों और आर्थिक रूप से कमजोर सामान्य वर्ग के लोगों को भी दिया जाता है।

पहली शादी – इस योजना के तहत केवल पहली शादी करने वाले जोड़ों को ही लाभ मिलता है।


आवेदन प्रक्रिया

ऑनलाइन आवेदन

अपने राज्य की समाज कल्याण विभाग की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएँ।

"मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना" के विकल्प पर क्लिक करें।

ऑनलाइन आवेदन फॉर्म भरें और आवश्यक दस्तावेज अपलोड करें।

आवेदन सबमिट करने के बाद, एक पंजीकरण संख्या प्राप्त होगी जिससे आवेदन की स्थिति को ट्रैक किया जा सकता है।


ऑफ़लाइन आवेदन

ग्राम पंचायत, नगर पालिका, तहसील कार्यालय या समाज कल्याण विभाग में जाकर आवेदन पत्र प्राप्त करें।

सभी आवश्यक दस्तावेजों के साथ आवेदन पत्र भरकर जमा करें।

आवेदन की समीक्षा के बाद, पात्र लाभार्थियों को सामूहिक विवाह कार्यक्रम में शामिल किया जाएगा।


आवश्यक दस्तावेज़

आधार कार्ड

आय प्रमाण पत्र

निवास प्रमाण पत्र

उम्र का प्रमाण (जन्म प्रमाण पत्र / स्कूल प्रमाण पत्र)

विवाह का प्रमाण पत्र

बैंक खाता विवरण

बीपीएल प्रमाण पत्र (यदि लागू हो)

पासपोर्ट साइज फोटो


योजना के लाभ

गरीब परिवारों को वित्तीय राहत मिलती है।

दहेज प्रथा पर रोक लगने में सहायता मिलती है।

सामाजिक समरसता को बढ़ावा मिलता है।

सरल और सम्मानजनक विवाह प्रक्रिया को प्रोत्साहित किया जाता है।

नवविवाहितों को आर्थिक सहायता और उपहार प्रदान किए जाते हैं, जिससे वे अपना नया जीवन सुचारू रूप से शुरू कर सकें।


निष्कर्ष

मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना एक महत्वपूर्ण सामाजिक कल्याण योजना है, जो गरीब और जरूरतमंद परिवारों की बेटियों के विवाह का बोझ कम करने में मदद करती है। यह योजना सामाजिक समानता, महिला सशक्तिकरण और दहेज प्रथा के उन्मूलन की दिशा में एक प्रभावी कदम है। कई राज्यों में इस योजना को सफलतापूर्वक लागू किया गया है, जिससे हजारों गरीब परिवारों को राहत मिली है।

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