नई दिल्ली नगर पालिका परिषद (NDMC) भारत की राजधानी नई दिल्ली के कुछ विशेष क्षेत्रों की नगरपालिका है। NDMC की स्थापना 1927 में हुई थी और यह नई दिल्ली के वीवीआईपी क्षेत्रों, सरकारी कार्यालयों, राजनयिक इलाकों, और प्रमुख संस्थानों की देखभाल एवं प्रबंधन के लिए जिम्मेदार है।
इतिहास
नई दिल्ली नगर पालिका परिषद की स्थापना ब्रिटिश शासन के दौरान 1927 में हुई थी। इसका मुख्य उद्देश्य नई दिल्ली क्षेत्र के बुनियादी ढांचे का विकास और रखरखाव करना था, जिसमें सरकारी कार्यालय, प्रमुख सरकारी आवास और राजनयिक मिशन शामिल थे।
क्षेत्राधिकार
NDMC का क्षेत्राधिकार नई दिल्ली के महत्वपूर्ण और वीवीआईपी इलाकों तक सीमित है। इसके अंतर्गत आने वाले प्रमुख क्षेत्र इस प्रकार हैं:
- राष्ट्रपति भवन
- संसद भवन
- नॉर्थ और साउथ ब्लॉक
- प्रमुख केंद्रीय मंत्रालयों के कार्यालय
- सुप्रीम कोर्ट और दिल्ली हाई कोर्ट
- राजनयिक मिशन और दूतावास
- इंडिया गेट, कनॉट प्लेस और अन्य प्रमुख स्थान
कार्य और जिम्मेदारियाँ
NDMC विभिन्न कार्यों और सेवाओं का प्रबंधन करती है, जिनमें शामिल हैं:
- जल आपूर्ति और प्रबंधन
- विद्युत आपूर्ति और रखरखाव
- सफाई और ठोस अपशिष्ट प्रबंधन
- सड़क निर्माण और रखरखाव
- पार्कों और उद्यानों की देखरेख
- स्वास्थ्य सेवाएं और अस्पतालों का प्रबंधन
- शैक्षिक संस्थानों का प्रबंधन
प्रशासनिक संरचना
NDMC का प्रशासनिक ढांचा एक अध्यक्ष, जो आमतौर पर एक वरिष्ठ भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) अधिकारी होता है, और अन्य सदस्यों द्वारा संचालित होता है। इसमें निर्वाचित सदस्य और नामित सदस्य शामिल होते हैं, जो परिषद के विभिन्न कार्यों और नीतियों के निर्माण में योगदान देते हैं।
प्रमुख परियोजनाएं
NDMC ने नई दिल्ली क्षेत्र में कई प्रमुख परियोजनाएं शुरू की हैं:
- स्मार्ट सिटी पहल के तहत स्मार्ट सुविधाओं का विकास
- हरित क्षेत्र और पार्कों का विस्तार
- जल संरक्षण और प्रबंधन योजनाएँ
- स्वच्छता और ठोस अपशिष्ट प्रबंधन में सुधार
चुनौतियाँ
NDMC के सामने कई चुनौतियाँ भी हैं:
- बढ़ती जनसंख्या और शहरीकरण के कारण बढ़ती मांग
- जल संकट और बिजली आपूर्ति की समस्याएं
- यातायात प्रबंधन और प्रदूषण नियंत्रण
संपर्क और मुख्यालय
NDMC का मुख्यालय पालिका केंद्र, संसद मार्ग, नई दिल्ली में स्थित है। यह आम जनता के लिए विभिन्न सेवाएं और सुविधाएं प्रदान करने के लिए समर्पित है।
NDMC का मुख्य उद्देश्य नई दिल्ली क्षेत्र को स्वच्छ, हरा-भरा और सुगठित बनाना है, जिससे यह न केवल भारत की राजधानी के रूप में बल्कि एक वैश्विक शहर के रूप में भी उत्कृष्ट बने।