अविश्वास प्रस्ताव मंजूर होने के बाद कांग्रेस ने अपने सभी सांसदों के नाम लोकसभा में व्हिप जारी किया है. वैसे व्हिप का सही अर्थ चाबुक और सचेतक दोनों होता है. संसदीय राजनीति में व्हिप कितना जरूरी है और इसके बारे में सबकुछ जानिए

हाइलाइट्स

  • संसदीय प्रणाली में व्हिप के जरिए सदन में पार्टियां अपने सदस्यों को अनुशासित और निर्देशित करती हैं
  • मुख्य तौर पर इस शब्द का अर्थ चाबुक होता है लेकिन राजनीति में इसका अर्थ सचेतक यानि चेताने वाला है

लोकसभा में नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ संयुक्त विपक्ष का अविश्वास प्रस्ताव मंजूर होने के बाद कांग्रेस ने अपने सभी सांसदों से पार्टी व्हिप जारी करके संसद में मौजूद रहने को कहा है. हम अक्सर व्हिप के बारे में सुनते हैं. संसदीय राजनीति में ये एक आदेश की तरह होता है, जो कोई पार्टी अपने सदन के सदस्यों को देती है और इस आदेश को सदस्यों को मानना होता है.

व्हिप की परिपाटी लोकतांत्रिक संसदीय प्रणाली में हर जगह मौजूद है. इसके जरिए ही अहम मौकों पर पार्टी अपने लोगों को खास दिशानिर्देश पालन करने के लिए कहती है. संसदीय प्रणाली में पार्टी व्हिप नया नहीं है. हालांकि ये ब्रिटेन की संसदीय प्रणाली से निकलकर आया है.

व्हिप जारी करने का उद्देश्य विधायकों या सांसदों को क्रॉस वोटिंग करने से रोकना होता है. व्हिप जारी करने का मकसद अपने सदस्यों को एकजुट करना होता है.

क्या होता है व्हिप

संसदीय संसद में व्हिप किसी पार्टी के सदस्यों के लिए वो लिखित आदेश है जो उन्हें सदन में मौजूद रहने और वोटिंग के लिए दिया जाता है. व्हिप पार्टियां इसलिए भी जारी करती हैं कि उसके सदस्यों को सदन में मौजूद रहकर वोटिंग के समय किसे वोट करना है. व्हिप जारी होते ही पार्टी के सदस्य इससे बंध जाते हैं. उन्हें इसे मानना ही होता है. हर पार्टी इसके लिए एक सदस्य को इसके लिए नियुक्त करती हैं जो चीफ व्हिप कहलाता है.

व्हिप शब्द कहां से आया

व्हिप शब्द पार्टी लाइन का पालन करने के लिए पुरानी ब्रिटिश प्रथा ” whipping ” से आया है, मोटे तौर पर इसका मतलब सचेतक या मार्ग दिखाने वाला होता है.

कौन व्हिप जारी कर सकता है

भारत में सभी पार्टियां अपने सदस्यों को व्हिप जारी कर सकती हैं. पार्टियां व्हिप जारी करने के लिए सदन के सदस्यों में एक वरिष्ठ सदस्य को मुख्य सचेतक यानि मुख्य व्हिप बनाती हैं. वह अपने पार्टी के लोगों को मौके पर व्हिप जारी करता है.

व्हिप कितनी तरह का होता है

व्हिप मोटे तौर पर तीन तरह होता है. इसमें एक से तीन लाइनों में सीधे सीधे पार्टी सदस्यों को बताया जाता है कि उन्हें क्या करना है.

एक लाइन का व्हिप – जिसे एक बार रेखांकित किया गया है, इसमें बस एक लाइन पर रेखांकित दिशानिर्देश होता है. ये आमतौर पर वोट की स्थिति में होता है. बताया जाता है कि उन्हें वोटिंग में क्या करना है. पार्टी लाइन का पालन नहीं करने के मामले में व्हिप उन्हें पार्टी त्यागने की अनुमति देता है.

दो लाइन का व्हिप – ये उन्हें वोट के दौरान मौजूद होने का निर्देश देता है.

तीन लाइन का व्हिप – ये आमतौर पर अविश्वास प्रस्ताव की स्थिति पर लागू होता है, जिसमें सदस्यों से सदन में मौजूद रहने और पार्टी लाइन का पालन करने का दायित्व होता है. हालिया व्हिप तीन लाइन का व्हिप होगा, जिसे कांग्रेस ने अपने सांसदों को जारी किया है. ये सबसे अहम व्हिप भी माना जाता है.

व्हिप का पालन नहीं करने पर क्या होता है

अगर पार्टी सदस्य ने पार्टी व्हिप की अवमानना की और उसे नहीं माना तो उसकी संसद सदस्यता या विधायक के तौर पर स्थिति खतरे में पड़ जाती है. दलबदल-रोधी कानून के तहत उसे अयोग्य घोषित किया जा सकता है. लेकिन अगर ऐसी स्थिति में किसी पार्टी के एक तिहाई सदस्य व्हिप को तोड़ने हुए अगर पार्टी लाइन के खिलाफ वोट करते हैं तो इसे मान लिया जाता है कि वो पार्टी से टूटकर नई पार्टी बना चुके हैं.

राजनीतिक प्रणाली में व्हिप का क्या महत्व है

सरकार के संसदीय रूप में विभिन्न राजनीतिक दलों के व्हिप लोकसभा, राज्यसभा या विधानसभा के अंदर पार्टियों के आंतरिक संगठन और अनुशासन की महत्वपूर्ण कड़ी हैं. व्हिप के जरिए पार्टी सदस्यों को गाइडलाइन मिलती है.

वैसे व्हिप की तुलना चाबुक से क्यों करते हैं

दरअसल व्हिप एक अंग्रेजी शब्द whip है, जो किसी ऐसे चाबुक को कहते हैं, जिससे मनुष्य या जानवरों को मारकर उन्हें काबू में रखा जा सके. लेकिन पॉलिटिक्स में ये अनुशासन कायम रखने में इस्तेमाल होता है लेकिन इसका सही अर्थ चाबुक ही है.

कुछ देशों में व्हिप की स्थिति

आमतौर पर व्हिप को ब्रिटिश संसदीय प्रणाली से जोड़ा जाता है और इसे वेस्टमिंस्टर सिस्टम कहा जाता है. वो देश जो कभी ब्रिटेन के उपनिवेश रहे या ब्रिटेन द्वारा शासित रहे, वहां की संसदीय प्रणाली में व्हिप लागू है.

  • आस्ट्रेलिया में सभी राज्यों और केंद्र में पार्टियों में सदस्यों को अलग अलग मौकों पर अनुशासित करने या दिशानिर्देश देने के लिए व्हिप का इस्तेमाल किया जाता है. आमतौर पर वोटिंग की स्थिति में.
  • कनाड़ा में पार्टी व्हिप का बहुत ध्यान रखा जाता है और बिल आने की स्थिति में इसे बकायदा कागज पर तैयार किया जाता है. इसका संसद में हर पार्टी एक पद रखती है, जो सक्रिय भूमिका अपनाता है.
  • आयरलैंड में भी व्हिप सभी संसदीय दलों पर लागू होता है. सरकार के व्हिप की स्थिति मंत्री के बराबर होती है. वह कैबिनेट मीटिंग अटैंड करता है.

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