Indian Railway : ओडिशा के बालासोर में हुए भीषण ट्रेन हादसे से सबक लेकर इंडियन रेलवे ने अपने यात्रियों के लिए बड़ी सुविधा शुरू की है. अब टिकट बुक करते ही यात्रियों को 10 लाख रुपये की सुरक्षा दे दी जाएगी. अभी तक यात्री अपनी मर्जी से इस सुविधा का चुनाव करते थे.

हाइलाइट्स

  • नई व्‍यवस्‍था के तहत अब टिकट बुक करते ही यात्रियों को बीमा की सुरक्षा मिल जाएगी.
  • इसका मतलब है कि अब यात्रियों को इस सुविधा के लिए अलग से ऑप्‍शन नहीं चुनना पड़ेगा.
  • अभी तक यह पर्सनल एक्‍सीडेंट इंश्‍योरेंस कवर की यह सुविधा ऑप्‍शनल होती थी.

नई दिल्‍ली. ओडिशा के बालासोर में पिछले महीने हुए रेल हादसे से सबक लेते हुए भारतीय रेलवे (Indian Railway) ने अपने यात्रियों के लिए एक नई सुविधा शुरू की है. बालासोर हादसे में जान गंवाने वाले 70 फीसदी यात्रियों ने रेलवे की तरफ से पेश किए जाने वाले इंश्‍योरेंस का विकल्‍प नहीं चुना था और इस खास सुविधा से वंचित रह गए. नई व्‍यवस्‍था के तहत अब टिकट बुक करते ही यात्रियों को बीमा की सुरक्षा मिल जाएगी. इसके एवज में खर्चा भी बहुत कम आएगा.

दरअसल, रेलवे ने आईआरसीटीसी (IRCTC) से टिकट बुकिंग के समय दी जाने वाली इंश्‍योरेंस की सुविधा को बाई डिफॉल्‍ट बना दिया है. इसका मतलब है कि अब यात्रियों को इस सुविधा के लिए अलग से ऑप्‍शन नहीं चुनना पड़ेगा, बल्कि टिकट बुकिंग के समय यह ऑप्‍शन अपने आप ही सेलेक्‍ट हो जाएगा. इस सुविधा के तहत रेलवे किसी हादसे की स्थिति में 10 लाख रुपये तक बीमा कवर देता है. इसका खर्चा भी महज 35 पैसे होता है. अभी तक यह पर्सनल एक्‍सीडेंट इंश्‍योरेंस कवर की यह सुविधा ऑप्‍शनल होती थी और इसका चुनाव करना यात्रियों की मर्जी पर निर्भर करता था.

रेलवे ने पाया कि बड़ी संख्‍या में यात्री इस सुविधा को नहीं चुनते थे. रेलवे के एक बड़े अधिकारी का कहना है कि यात्रियों के हितों को देखते हुए अब इस सुविधा को ऑटोमेटिक कर दिया गया है. अब टिकट बुकिंग के समय इसका चुनाव करने की जरूरत नहीं होगी. टिकट के साथ ही यह सुविधा अपने आप यात्री को मिल जाएगी. दरअसल, बालासोर हादसे का शिकार बने ज्‍यादातर यात्रियों ने इस सुविधा का ऑप्‍शन नहीं चुना था और वे एक बड़ा कवर पाने से चूक गए. इसी को ध्‍यान में रखते हुए अब रेलवे ने इस सुविधा को ऑटोमेटिक बना दिया है.

छोड़ भी सकते हैं विकल्‍प

ऐसा नहीं है कि रेलवे पर्सनल एक्‍सीडेंट कवर वाले इस इंश्‍योरेंस को यात्रियों पर जबरदस्‍ती थोप रहा है. अगर यात्रियों की मंशा नहीं है तो वे इस ऑप्‍शन को छोड़ भी सकते हैं. इसके लिए उन्‍हें अब ऑप्‍ट आउट ऑप्‍शन पर क्लिक करना होगा. लेकिन, 10 लाख की बीमा सुविधा के लिए रेलवे सिर्फ 35 पैसे ही ले रहा है तो इसे छोड़ना सही कदम नहीं माना जाएगा. इस बीमा के तहत ट्रेन हादसे की स्थिति में जान गंवाने या दिव्‍यांग होने पर मुआवजा और घायल होने पर इलाज का खर्चा दिया जाता है.

क्‍या हुआ बालासोर हादसे में

मामले से जुड़े अधिकारी का कहना है कि बालासोर हादसे से सबक लेकर यह सुविधा शुरू की गई है. आईआरसीटीसी (IRCTC) की ओर से यह इंश्‍योरेंस लेने पर एसबीआई जनरल इंश्‍योरेंस कंपनी लिमिटेड और लिबर्टी जनरल इंश्‍योरेंस कंपनी लिमिटेड की ओर से बीमा कवर दिया जाता है. बीते महीने बालासोर हादसे में 288 यात्रियों की जान गई थी, जबकि 1,000 से ज्‍यादा लोग घायल हुए थे.

कितने लोगों को मिला कवर

बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण (IRDAI) की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार, बालासोर हादसे का शिकार बने 624 पैसेंजर्स ने यह बीमा कवर लिया था. इसमें से 22 क्‍लेम के तहत कुल 60.52 लाख रुपये का भुगतान इलाज के खर्च के लिए किया गया. हालांकि, एक भी डेथ को लेकर क्‍लेम नहीं किया गया. लिबर्टी इंश्‍योरेंस कंपनी के पास 5 क्‍लेम आए जिसमें से दो क्‍लेम पर 17,800 रुपये का भुगतान किया गया और 3 क्‍लेम पर 6 लाख रुपये का भुगतान अभी बाकी है. एसबीआई जनरल इंश्‍योरेंस के पास 17 क्‍लेम आए जिसमें अपंगता और इलाज के लिए 50.52 लाख का दावा किया गया है. अभी तक 2.25 लाख रुपये के 2 क्‍लेम सेटल किए गए हैं.

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