सारांश: गौतम अडानी, एशिया के दूसरे सबसे बड़े रईस, डिजिटल पेमेंट्स सेक्टर में एक बड़ी छलांग लगाने की तैयारी कर रहे हैं। वह पेटीएम की पेरेंट कंपनी वन97 कम्युनिकेशंस में हिस्सेदारी खरीदने पर विचार कर रहे हैं। हाल ही में पेटीएम के संस्थापक विजय शेखर शर्मा और अडानी के बीच मुलाकात हुई। हालांकि, पेटीएम और अडानी ग्रुप दोनों ने इस रिपोर्ट को अफवाह बताया है।
मुख्य बातें:
- अडानी ग्रुप डिजिटल पेमेंट्स सेक्टर में प्रवेश करने की योजना बना रहा है।
- पेटीएम के फाउंडर विजय शेखर शर्मा ने अडानी से अहमदाबाद में मुलाकात की।
- पेटीएम ने एक्सचेंजेज को बताया कि इस डील की कोई बातचीत नहीं हो रही है।
- अडानी ग्रुप ने भी इस रिपोर्ट को निराधार अफवाह बताया है।
- पेटीएम में विजय शेखर शर्मा की हिस्सेदारी करीब 19 प्रतिशत है।
- सेबी के नियमों के अनुसार, 25 प्रतिशत से कम हिस्सेदारी के लिए 26 प्रतिशत हिस्सेदारी की खुली पेशकश करनी होती है।
नई दिल्ली: एशिया के दूसरे सबसे बड़े रईस और भारत के प्रमुख उद्योगपति गौतम अडानी डिजिटल पेमेंट्स सेक्टर में अपनी उपस्थिति दर्ज कराने की योजना बना रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक, अडानी ग्रुप देश की सबसे बड़ी डिजिटल पेमेंट्स कंपनी पेटीएम की पेरेंट कंपनी वन97 कम्युनिकेशंस में हिस्सेदारी खरीदने पर विचार कर रहा है। इस संदर्भ में पेटीएम के संस्थापक और सीईओ विजय शेखर शर्मा ने हाल ही में अहमदाबाद में अडानी के ऑफिस में उनसे मुलाकात की थी। इस मुलाकात में दोनों के बीच इस डील की बारीकियों पर चर्चा हुई।
अगर यह डील सफल होती है, तो इससे अडानी ग्रुप की फिनटेक सेक्टर में बड़ी एंट्री होगी, जहां उसका मुकाबला Google Pay, Walmart के मालिकाना हक वाले PhonePe और मुकेश अंबानी की कंपनी Jio Financial से होगा। यह अंबुजा सीमेंट्स और एनडीटीवी के बाद अडानी की एक और महत्वपूर्ण डील होगी।
हालांकि, पेटीएम ने स्टॉक एक्सचेंजों को बताया कि यह रिपोर्ट मात्र अफवाह है और कंपनी इस बारे में कोई बातचीत नहीं कर रही है। अडानी ग्रुप ने भी इस रिपोर्ट को आधारहीन अफवाह बताते हुए इसका खंडन किया है। अडानी ग्रुप के प्रवक्ता ने स्पष्ट किया कि यह पूरी तरह गलत है और इसमें कोई सच्चाई नहीं है।
विजय शेखर शर्मा की हिस्सेदारी:
विजय शेखर शर्मा के पास वन97 कम्युनिकेशंस में लगभग 19 प्रतिशत हिस्सेदारी है, जिसकी वैल्यू मंगलवार के बंद भाव के अनुसार 4,218 करोड़ रुपये है। मंगलवार को कंपनी का शेयर 342.45 रुपये पर बंद हुआ था। शर्मा के पास पेटीएम में सीधे तौर पर 9 प्रतिशत हिस्सेदारी है और एक विदेशी एंटिटी रेसिलिएंट एसेट मैनेजमेंट के जरिए उनकी 10 प्रतिशत हिस्सेदारी है।
सेबी के नियम:
सेबी के नियमों के अनुसार, अगर किसी खरीदार की टारगेट कंपनी में 25 प्रतिशत से कम हिस्सेदारी है तो उसे न्यूनतम 26 प्रतिशत हिस्सेदारी के लिए खुली पेशकश करनी होगी। खरीदार कंपनी की पूरी शेयर पूंजी के लिए भी खुली पेशकश दे सकता है।
अडानी और शर्मा की बातचीत:
सूत्रों के मुताबिक, अडानी और शर्मा के बीच पिछले कुछ समय से बातचीत चल रही है और मंगलवार को अहमदाबाद में अडानी कॉरपोरेट हाउस में हुई उनकी बैठक में सौदे की रूपरेखा को अंतिम रूप दिया गया। उन्होंने बताया कि अडानी पश्चिम एशिया के कुछ फंड्स से भी बातचीत कर रहे हैं ताकि उन्हें वन97 में निवेशक के तौर पर लाया जा सके।
पेटीएम की स्थापना और बाजार मूल्य:
पेटीएम की स्थापना विजय शेखर शर्मा ने 2007 में की थी। कंपनी ने 2021 में आईपीओ लाई थी जो देश का अब तक का दूसरा सबसे बड़ा आईपीओ है। अभी इसका मार्केट कैप 21,773 करोड़ रुपये है।
विश्लेषकों की राय:
कैटालिस्ट एडवाइजर्स के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर बिनॉय पारिख ने कहा कि पेटीएम जिस वित्तीय दबाव और रेगुलेटरी समस्याओं का सामना कर रही है, उसे देखते हुए अडानी ग्रुप के साथ गठजोड़ करने से उसे इन समस्याओं से निकलने में मदद मिलेगी। यह सौदा अडानी के लिए भी फायदेमंद होगा। उन्हें पेटीएम के स्थापित डिजिटल भुगतान प्लेटफॉर्म से अपना डिजिटल फुटप्रिंट बढ़ाने और फिनटेक सेक्टर में अग्रणी कंपनी बनने में मदद मिलेगी।
पेटीएम का विकास:
वन97 ने रिचार्ज प्लेटफॉर्म के रूप में शुरुआत की थी। कंपनी ने अपना पेमेंट और मर्चेंट एक्वायरिंग बिजनस पेटीएम पेमेंट्स बैंक (PPBL) में ट्रांसफर कर दिया था। लेकिन हाल में भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने पीपीबीएल की कुछ एक्टिविटीज पर रोक लगा दी थी।
कुल मिलाकर:
यह देखना दिलचस्प होगा कि अडानी और शर्मा के बीच यह डील होती है या नहीं, और अगर होती है, तो यह भारतीय डिजिटल पेमेंट्स सेक्टर में किस तरह का बदलाव लाएगी। फिलहाल, दोनों पक्षों ने इस रिपोर्ट को अफवाह बताया है, लेकिन अगर यह डील सफल होती है, तो अडानी ग्रुप की फिनटेक सेक्टर में एक बड़ी एंट्री होगी और प्रतिस्पर्धा की नई परिभाषा गढ़ी जाएगी।
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