सारांश उत्तर प्रदेश में भीषण गर्मी और लू का कहर जारी है, जिससे पिछले 24 घंटे में 170 लोगों की जान चली गई। मॉनसून की देरी से बारिश का इंतजार और लंबा हो गया है, जिससे राहत के आसार कम हैं। पूर्वांचल, बुंदेलखंड और कानपुर मंडल में स्थिति बेहद गंभीर है, जहां सबसे अधिक मौतें हुई हैं। मौसम विभाग का अनुमान है कि 18-20 जून तक मॉनसून उत्तर प्रदेश में प्रवेश कर सकता है।


उत्तर प्रदेश में जानलेवा गर्मी का कहर: लू और हीट स्ट्रोक से 24 घंटे में 170 लोगों की मौत, मॉनसून की देरी से बढ़ी मुसीबत

भीषण गर्मी से मौत का तांडव


उत्तर प्रदेश में भीषण गर्मी और लू का कहर जारी है। मॉनसून की देरी ने समस्या को और भी विकराल बना दिया है। पिछले 24 घंटे में राज्य के अलग-अलग जिलों में कुल 170 लोगों की मौत हो चुकी है। पूर्वांचल के चार जिलों में ही 50 लोगों की जान गई, जिसमें अकेले वाराणसी में 33 मौतें शामिल हैं।


पूर्वांचल में त्रासदी


वाराणसी, गाजीपुर, मिर्जापुर, और चंदौली जिलों में लू और हीट स्ट्रोक ने भारी तबाही मचाई है। वाराणसी में 33, गाजीपुर में 10, मिर्जापुर में 5, और चंदौली में 2 लोगों की मौत हुई है। ये आंकड़े बढ़ती गर्मी की विकरालता को दर्शाते हैं, जिससे लोग घरों से बाहर निकलने से भी डरने लगे हैं।


बुंदेलखंड और कानपुर मंडल में स्थिति भयावह


बुंदेलखंड और कानपुर मंडल में तो हालात और भी गंभीर हैं। यहां 100 लोगों की जान जा चुकी है। कानपुर में 26, हमीरपुर में 19, चित्रकूट में 14, फतेहपुर में 13, महोबा में 12, बांदा और औरैया में 6-6, जालौन में 3 और फर्रुखाबाद में 1 व्यक्ति की मौत हो चुकी है। इन जिलों में चिकित्सा सुविधाएं भी पर्याप्त नहीं हैं, जिससे स्थिति और भी विकट हो गई है।


अन्य जिलों में भी मौत का कहर


प्रयागराज में 8, कौशांबी में 5, और प्रतापगढ़ में 2 लोगों की मौत हो चुकी है। गर्मी और लू से मरने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है, और लोग राहत की उम्मीद लगाए बैठे हैं। सरकारी और निजी अस्पतालों में मरीजों की संख्या बढ़ गई है, लेकिन संसाधनों की कमी के कारण इलाज में दिक्कतें आ रही हैं।


मॉनसून की देरी से बढ़ी चिंता


मौसम विभाग के अनुसार, फिलहाल भीषण गर्मी से राहत मिलने के आसार कम हैं। मॉनसून की देरी के कारण बारिश का इंतजार लंबा होता जा रहा है। मौसम विभाग का पूर्वानुमान है कि अगले दो दिनों में वाराणसी के रास्ते मॉनसून उत्तर प्रदेश में प्रवेश कर सकता है। इसके बाद 4-5 दिन में इसे पूरे प्रदेश में एक्टिव होने की संभावना है। 18-20 जून तक मॉनसून की उत्तर प्रदेश में एंट्री हो सकती है, जिसके बाद रिमझिम फुहारों के साथ बारिश हो सकती है।


गर्मी से बचने के उपाय


गर्मी से बचने के लिए विशेषज्ञ सलाह दे रहे हैं कि लोग दिन के समय बाहर निकलने से बचें, अधिक से अधिक पानी पिएं, हल्के और ढीले कपड़े पहनें, और आवश्यक होने पर ही बाहर जाएं। बच्चों और बुजुर्गों का विशेष ध्यान रखें, क्योंकि वे हीट स्ट्रोक के प्रति अधिक संवेदनशील होते हैं।


सरकार की तैयारियां और चुनौतियां


उत्तर प्रदेश सरकार ने गर्मी और लू से निपटने के लिए कुछ कदम उठाए हैं, लेकिन स्थिति की गंभीरता को देखते हुए ये पर्याप्त नहीं हैं। अस्पतालों में इलाज की व्यवस्था, पानी की सप्लाई, और बिजली की उपलब्धता में सुधार की जरूरत है। साथ ही, लोगों को जागरूक करने के लिए अभियान चलाए जा रहे हैं, लेकिन ग्रामीण इलाकों में जागरूकता की कमी बनी हुई है।


भविष्य की रणनीति


लंबी अवधि के लिए सरकार को पानी के संसाधनों का संरक्षण, वृक्षारोपण, और शहरी क्षेत्रों में हरियाली बढ़ाने के उपाय करने होंगे। इसके अलावा, आपदा प्रबंधन योजनाओं को और अधिक प्रभावी बनाना होगा ताकि ऐसी स्थिति में तेजी से और प्रभावी तरीके से निपटा जा सके।

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