सारांश: जब पूरा देश रविवार, 9 जून को पीएम नरेन्द्र मोदी के तीसरी बार प्रधानमंत्री बनने का जश्न मना रहा था, उसी समय जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले में आतंकवादियों ने तीर्थयात्रियों से भरी बस पर हमला किया। इस हमले में एक बच्चे सहित 9 लोगों की मौत हो गई और 33 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए।


पीएम मोदी के शपथ समारोह के दौरान जम्मू-कश्मीर में आतंकी हमला: तीर्थयात्रियों से भरी बस पर हमला, 9 की मौत, 33 घायल


रविवार, 9 जून, को जब प्रधानमंत्री  नरेन्द्र मोदी तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ ले रहे थे, तभी जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले में एक आतंकवादी हमला हुआ। इस हमले में तीर्थयात्रियों से भरी एक बस को निशाना बनाया गया, जिसमें एक बच्चे सहित 9 लोगों की मौत हो गई और 33 लोग घायल हो गए। रियासी की वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) मोहिता शर्मा ने बताया कि यह हमला रनसू इलाके से आ रही एक यात्री बस पर हुआ। आतंकियों के हमले के बाद बस के ड्राइवर ने नियंत्रण खो दिया और बस एक गहरी खाई में जा गिरी।


हमले का विवरण:

घटना के बाद, पुलिस और स्थानीय ग्रामीणों ने मिलकर बचाव कार्य शुरू किया। एसएसपी मोहिता शर्मा ने बताया कि बचाव अभियान को जल्दी से पूरा कर लिया गया और घायलों को नजदीकी अस्पतालों में भेजा गया। हालांकि, मृतकों और घायलों की पहचान अभी तक नहीं हो पाई है, लेकिन ऐसा माना जा रहा है कि वे सभी उत्तर प्रदेश के निवासी थे। पुलिस ने बताया कि बस तीर्थयात्रियों को शिव खोरी गुफा मंदिर से रियासी जिले के कटरा ले जा रही थी, और शाम करीब 6:10 बजे राजौरी जिले की सीमा से लगे रियासी जिले के पौनी इलाके के तेरयाथ गांव में हमला हुआ।


बचाव और राहत कार्य:

पुलिस की ओर से जारी एक बयान में कहा गया, "ड्राइवर को टक्कर लगी और उसने नियंत्रण खो दिया, जिसके परिणामस्वरूप बस पास की खाई में फिसल गई। स्थानीय ग्रामीणों की मदद से पुलिस ने रात 8:10 बजे तक सभी यात्रियों को बाहर निकाल लिया। एसपी रियासी ने निकासी की निगरानी की।" घायलों को विभिन्न अस्पतालों में स्थानांतरित कर दिया गया है, जिनमें 13 घायलों को जिला मुख्यालय अस्पताल रियासी, 5 को सीएचसी त्रेयथ और 15 अन्य घायल यात्री को जीएमसी भेजा गया है।


घटना के बाद की स्थिति:

हमले के बाद, सुरक्षा बलों ने इलाके में तलाशी अभियान शुरू कर दिया है। पुलिस और सेना की संयुक्त टीमों ने हमलावरों की तलाश के लिए अभियान चलाया हुआ है। इलाके की घेराबंदी कर दी गई है और संदिग्धों की पहचान के प्रयास किए जा रहे हैं।


स्थानीय प्रशासन की प्रतिक्रिया:

रियासी जिले की वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) मोहिता शर्मा ने कहा, "हमने तुरंत प्रतिक्रिया दी और स्थानीय ग्रामीणों की मदद से बचाव कार्य को जल्द से जल्द पूरा किया। घायलों को अस्पतालों में भर्ती कराया गया है और उनकी हालत पर निगरानी रखी जा रही है।"


मृतकों और घायलों के परिवारों की सहायता:

स्थानीय प्रशासन ने मृतकों और घायलों के परिवारों को सहायता प्रदान करने की घोषणा की है। सरकार ने मृतकों के परिजनों को मुआवजा देने और घायलों के इलाज का खर्च उठाने का वादा किया है। इसके अलावा, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी इस घटना पर शोक व्यक्त किया और घायलों के जल्द स्वस्थ होने की कामना की।


राजनीतिक प्रतिक्रियाएँ:

इस हमले के बाद, विभिन्न राजनीतिक दलों ने घटना की निंदा की है और सरकार से आतंकवाद के खिलाफ सख्त कदम उठाने की मांग की है। विपक्षी दलों ने सुरक्षा की स्थिति पर सवाल उठाते हुए कहा है कि सरकार को जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा बढ़ानी चाहिए और ऐसे हमलों को रोकने के लिए कड़े कदम उठाने चाहिए।


सुरक्षा बलों की भूमिका:

हमले के बाद, सुरक्षा बलों ने पूरे इलाके की घेराबंदी कर दी और हमलावरों की तलाश शुरू कर दी। पुलिस और सेना की संयुक्त टीमों ने इलाके में व्यापक तलाशी अभियान चलाया हुआ है। इसके साथ ही, सुरक्षा बलों ने स्थानीय लोगों से भी सहयोग की अपील की है ताकि हमलावरों को जल्द से जल्द पकड़ा जा सके।


राष्ट्रीय एकता और समर्थन:

इस घटना ने देश को एक बार फिर याद दिलाया कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में सभी को मिलकर काम करना होगा। इस हमले के बाद, विभिन्न समुदायों और संगठनों ने पीड़ित परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की है और एकजुटता का संदेश दिया है।

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