सारांशचंद्रबाबू नायडू ने चौथी बार आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। उनकी सरकार में 23 मंत्री हैं, जिसमें TDP के 19, जनसेना के 3 और भाजपा का एक मंत्री शामिल है। पवन कल्याण डिप्टी सीएम बने।


आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में चौथी बार चंद्रबाबू नायडू ने ली शपथ, पवन कल्याण बने डिप्टी सीएम


शपथ ग्रहण समारोह

नई दिल्ली। तेलुगु देशम पार्टी (TDP) के प्रमुख एन चंद्रबाबू नायडू ने 12 जून 2024 को विजयवाड़ा के केसरपल्ली आईटी पार्क में चौथी बार आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। इस समारोह में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा और बंडी संजय कुमार समेत कई अन्य प्रमुख नेता उपस्थित थे। अमित शाह और जेपी नड्डा मंगलवार शाम को ही समारोह में शामिल होने के लिए हैदराबाद पहुंच गए थे।


पवन कल्याण बने डिप्टी सीएम

चंद्रबाबू नायडू के बाद जनसेना प्रमुख और अभिनेता पवन कल्याण ने डिप्टी सीएम पद की शपथ ली। नायडू की सरकार में कुल 23 मंत्री हैं, जिसमें TDP के 19, जनसेना से 3 और भाजपा से एक मंत्री शामिल हैं। एक पद फिलहाल खाली रखा गया है।


नारा लोकेश और अन्य मंत्री

चंद्रबाबू नायडू के बेटे और टीडीपी के महासचिव नारा लोकेश को भी मंत्री बनाया गया है। इसके अतिरिक्त टीडीपी आंध्र प्रदेश अध्यक्ष के. अत्चन्नायडू और जनसेना पार्टी की राजनीतिक मामलों की समिति के अध्यक्ष नादेंडला मनोहर भी कैबिनेट में शामिल हैं। TDP के मंत्रियों में 17 नए चेहरों को मौका मिला है। जनसेना पार्टी के तीन मंत्री पवन कल्याण, नादेंडला मनोहर और कंडुला दुर्गेश हैं, जबकि भाजपा के कोटे से सत्य कुमार यादव एकमात्र मंत्री हैं। चंद्रबाबू नायडू के मंत्रिमंडल में तीन महिलाएं भी शामिल हैं, और एन मोहम्मद फारूक के रूप में एक मुस्लिम चेहरे को भी शामिल किया गया है।


चुनाव परिणाम और पार्टी प्रदर्शन

2024 के लोकसभा चुनावों के साथ-साथ आंध्र प्रदेश विधानसभा चुनाव भी हुए थे। इन चुनावों में तेलुगू देशम पार्टी ने जनसेना और भाजपा के साथ मिलकर चुनाव लड़ा और जगन मोहन रेड्डी की सरकार को बुरी तरह हराया। आंध्र प्रदेश विधानसभा चुनाव में एनडीए को 175 में से 164 सीटों पर जीत मिली। चंद्रबाबू नायडू की टीडीपी को 135 सीटें, पवन कल्याण की जनसेना को 21 और भाजपा को 8 सीटें मिलीं। वहीं, जगन मोहन रेड्डी की वाईएसआरसीपी को सिर्फ 11 सीटों पर ही जीत मिली, जबकि कांग्रेस का खाता भी नहीं खुला।


गठबंधन सरकार की विशेषताएँ

इस नई गठबंधन सरकार में चंद्रबाबू नायडू के नेतृत्व में टीडीपी, जनसेना और भाजपा का एकजुट प्रयास देखने को मिला। मंत्रिमंडल में विभिन्न पार्टी के नेताओं को शामिल कर सरकार ने संतुलन बनाए रखा है। महिलाओं और अल्पसंख्यकों को भी प्रतिनिधित्व देकर नायडू ने एक समावेशी सरकार बनाने की कोशिश की है। यह गठबंधन सरकार राज्य में विकास और समृद्धि के नए मार्ग खोलने की दिशा में काम करेगी।


सरकार के आगामी लक्ष्य

नायडू की नई सरकार ने आगामी पांच वर्षों के लिए कई महत्वपूर्ण लक्ष्य निर्धारित किए हैं। इनमें बुनियादी ढांचे का विकास, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार, और ग्रामीण विकास प्रमुख हैं। इसके अलावा, सरकार राज्य की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने के लिए भी कई नई योजनाओं की घोषणा करने की तैयारी में है।


विपक्ष की भूमिका

विपक्ष ने सरकार की नीतियों और क्रियाकलापों पर अपनी आलोचना प्रस्तुत करने की तैयारी की है। विशेष रूप से वाईएसआरसीपी ने चुनाव में मिली हार के बाद अपनी रणनीतियों में बदलाव किया है और सरकार के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद करने का संकल्प लिया है।


जनता की अपेक्षाएँ

आंध्र प्रदेश की जनता ने इस नई सरकार से बड़ी अपेक्षाएँ रखी हैं। लोग उम्मीद कर रहे हैं कि चंद्रबाबू नायडू के नेतृत्व में राज्य में विकास की गति तेज होगी और उन्हें अपने जीवन में सकारात्मक बदलाव देखने को मिलेंगे। जनता ने अपने विश्वास को वोट के माध्यम से प्रकट किया है और अब सरकार से उन वादों को पूरा करने की आशा कर रही है।

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