सारांश: कुवैत के दक्षिण मंगाफ में एक पांच मंजिला इमारत में आग लगने से 49 भारतीयों की मौत हो गई है, जिसमें 14 केरल के निवासी शामिल हैं। केंद्र सरकार ने हादसे पर दुख जताते हुए पीड़ित परिवारों को दो-दो लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने का ऐलान किया है।
कुवैत के दक्षिण मंगाफ शहर में लगी आग से एक पांच मंजिला इमारत ध्वस्त हो गई, जिससे विदेश में बसे कई भारतीय परिवारों पर दुख का पहाड़ टूट पड़ा। इस दर्दनाक हादसे में कुल 49 भारतीयों की जान चली गई। मरने वालों में सबसे अधिक 14 लोग केरल राज्य से हैं। इस त्रासदी ने कई परिवारों को उजाड़ दिया है, जिनमें तमिलनाडु और उत्तर प्रदेश के निवासी भी शामिल हैं।
केरल के 14 निवासियों की दर्दनाक मौत
कुवैत की इस आग त्रासदी में केरल के 14 निवासी अपनी जान गंवा बैठे। इनमें पंडालम के आकाश एस नायर (23), कोल्लम पूयप्पल्ली के उमरुद्दीन शमीर (33), कोट्टायम पंपडी के स्टेफिन अब्राहम साबू (29), कासरगोड के केआर रंजीत (34), और कासरगोड के केलू पोनमलेरी (55) शामिल हैं। इसके अलावा, पीवी मुरलीधरन भी इस हादसे का शिकार हो गए।
वहीं, केरल के वजहमुट्टम, पथनमथिट्टा से साजन जॉर्ज, पुनालुर, कोल्लम से लुकोस (48), कोल्लम से साजू वर्गीस (56), कोन्नी से तिरुवल्ला के थॉमस ओम्मन, विश्वास कृष्णन धर्माडोम, कन्नूर से नूह कूटायी, तिरुर, मलप्पुरम से एमपी बहुलायन और चंगनास्सेरी, कोट्टायम से श्रीहरि प्रदीप भी इस दुखद हादसे में अपनी जान गंवा बैठे।
केंद्र की अनुग्रह राशि की घोषणा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस हादसे पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए सभी मृतक भारतीयों के परिवारों को दो-दो लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की है। यह सहायता राशि प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष से दी जाएगी। कुवैत में लगी इस भीषण आग ने भारतीय प्रवासी समुदाय को गहरे सदमे में डाल दिया है। आग से निकले धुएं और जलने के कारण कई लोगों की जान गई है।
दुर्घटना का विवरण
इस पांच मंजिला इमारत में लगी आग ने देखते ही देखते पूरे भवन को अपनी चपेट में ले लिया। आग इतनी भयंकर थी कि वहां मौजूद लोगों को बाहर निकलने का मौका भी नहीं मिला। धुएं के घुटन और झुलसने के कारण कई लोगों की मौत हो गई। कुवैत के स्थानीय प्रशासन ने आग पर काबू पाने की कोशिश की, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी।
कुवैत में भारतीय समुदाय का शोक
कुवैत में भारतीय समुदाय इस हादसे से गहरे सदमे में है। भारत के विभिन्न हिस्सों से आए इन प्रवासियों ने वहां अपनी नई जिंदगी शुरू की थी, लेकिन इस दुर्घटना ने उनके सपनों को चकनाचूर कर दिया। भारतीय दूतावास ने भी इस घटना पर शोक व्यक्त किया है और पीड़ित परिवारों को हर संभव सहायता देने का आश्वासन दिया है।
पीड़ित परिवारों का दर्द
हादसे में जान गंवाने वालों के परिवारों पर गम का पहाड़ टूट पड़ा है। पंडालम के आकाश एस नायर की मां ने बताया कि उनका बेटा हाल ही में कुवैत गया था और उसने वहां नौकरी शुरू की थी। कोल्लम के उमरुद्दीन शमीर के परिवार ने कहा कि वे उसकी शादी की तैयारियां कर रहे थे, लेकिन यह दुखद खबर उनके लिए सब कुछ खत्म कर गई।
राहत और बचाव कार्य
कुवैत प्रशासन ने तुरंत राहत और बचाव कार्य शुरू किए। भारतीय दूतावास ने भी स्थानीय प्रशासन के साथ मिलकर मृतकों के शवों को भारत लाने की प्रक्रिया शुरू की है। भारतीय समुदाय के सदस्य भी इस दुख की घड़ी में एक-दूसरे का सहारा बन रहे हैं।
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