सारांश: सोमवार (17 जून) को देशभर में मुस्लिम समुदाय ने ईद अल-अधा (बकरीद) मनाई। इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कांग्रेस नेता राहुल गांधी और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शुभकामनाएं दीं।
देश के नेताओं ने ईद अल-अधा पर दीं शुभकामनाएं
सोमवार, 17 जून को देशभर के मुस्लिम समुदाय ने ईद अल-अधा, जिसे बकरीद भी कहा जाता है, का पर्व मनाया। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने लोगों को शुभकामनाएं दीं और समाज में शांति, समृद्धि और सद्भाव की कामना की।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की शुभकामनाएं
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ईद अल-अधा पर अपने संदेश में सभी को बधाई देते हुए कहा, "ईद-उल-अधा की बधाई! यह विशेष अवसर हमारे समाज में सद्भाव और एकजुटता के बंधन को और मजबूत करे। हर कोई खुश और स्वस्थ रहे।" प्रधानमंत्री ने इस त्योहार के महत्व को रेखांकित किया और इसके जरिए समाज में सद्भाव और एकता को बढ़ावा देने की अपील की।
राहुल गांधी का संदेश
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी इस अवसर पर लोगों को शुभकामनाएं दीं। उन्होंने अपने संदेश में लिखा, "ईद मुबारक! यह विशेष दिन सभी के लिए समृद्धि, खुशी और सद्भाव लाए।" राहुल गांधी ने भी इस त्योहार को समाज में आपसी मेलजोल और खुशहाली का प्रतीक बताया और सभी के लिए अच्छे स्वास्थ्य और सुख-समृद्धि की कामना की।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का संदेश
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भी ईद अल-अधा के मौके पर राष्ट्र को बधाई दी। उन्होंने अपने संदेश में लिखा, "सभी देशवासियों, विशेषकर भारत और विदेश में रहने वाले मुस्लिम भाइयों और बहनों को ईद-उज़-अधा की हार्दिक शुभकामनाएं! त्याग और बलिदान का यह पर्व हमें अपनी खुशियां सभी के साथ साझा करने का संदेश देता है। आइए, इस अवसर पर हम सभी देशवासियों, विशेषकर वंचित वर्ग के लोगों के हित के लिए मिलकर काम करने का संकल्प लें।"
ईद अल-अधा का महत्व
ईद अल-अधा, जिसे बकरीद के नाम से भी जाना जाता है, इस्लामी कैलेंडर के 12वें महीने धू अल-हिज्जा के 10वें दिन मनाई जाती है। यह पर्व हज यात्रा के समापन का प्रतीक होता है और इसे त्याग और बलिदान के पर्व के रूप में मनाया जाता है। इस दिन मुस्लिम समुदाय के लोग अपनी इच्छाओं का त्याग कर अल्लाह की राह में कुर्बानी देते हैं और इस कुर्बानी का मांस अपने परिवार, दोस्तों और जरूरतमंदों में बांटते हैं।
उत्सव का महत्व
ईद अल-अधा का त्योहार सिर्फ एक धार्मिक पर्व नहीं है, बल्कि यह समाज में आपसी सहयोग और मेलजोल को बढ़ावा देने का एक महत्वपूर्ण अवसर है। यह त्योहार हमें याद दिलाता है कि समाज के सभी वर्गों के साथ मिलकर चलना और उनकी खुशियों में शामिल होना कितना जरूरी है। प्रधानमंत्री मोदी, राहुल गांधी और राष्ट्रपति मुर्मू के संदेशों में भी यही भावना स्पष्ट होती है कि हम सभी को मिलकर समाज में शांति, समृद्धि और एकता की दिशा में काम करना चाहिए।
सांस्कृतिक और सामाजिक महत्व
इस पर्व का सांस्कृतिक और सामाजिक महत्व भी है। यह हमें हमारी जिम्मेदारियों का अहसास कराता है और हमें दूसरों के प्रति संवेदनशील बनाता है। इस दिन को मनाते हुए हमें यह याद रखना चाहिए कि हम सभी एक समाज के सदस्य हैं और हमें मिलकर काम करना चाहिए ताकि हर कोई खुशहाल और सुरक्षित महसूस कर सके।
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