सारांश : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के तीसरे शपथ ग्रहण समारोह में भारत के पड़ोसी देशों के नेताओं और सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के मजदूरों, सफाई कर्मियों, ट्रांसजेंडर समुदाय को आमंत्रित किया गया है। राष्ट्रपति भवन में 8,000 से अधिक मेहमानों के लिए व्यवस्था की गई है।
शपथ ग्रहण समारोह में पड़ोसी देशों के नेता
9 जून 2024 की शाम को राष्ट्रपति भवन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके मंत्रिपरिषद का शपथ ग्रहण समारोह आयोजित होगा। इस ऐतिहासिक अवसर पर, भारत के पड़ोसी और हिंद महासागर क्षेत्र के देशों के नेताओं को विशिष्ट अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया है। इनमें श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे, मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू, सेशेल्स के उपराष्ट्रपति अहमद अफीफ, बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना, मॉरीशस के प्रधानमंत्री प्रविंद कुमार जगन्नाथ, नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल 'प्रचंड' और भूटान के प्रधानमंत्री शेरिंग टोबगे शामिल हैं।
'नेबर फर्स्ट' पॉलिसी की झलक
इन सभी नेताओं ने शपथ ग्रहण समारोह में भाग लेने का निमंत्रण स्वीकार कर लिया है। इसके अलावा, ये नेता उसी शाम राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा आयोजित भोज में भी शामिल होंगे। भारत के पड़ोसी देशों के नेताओं को शपथ ग्रहण में आमंत्रित करने के पीछे प्रधानमंत्री की 'नेबर फर्स्ट' पॉलिसी को ध्यान में रखा गया है, जिससे पड़ोसी देशों के साथ भारत के मजबूत और स्थायी संबंधों का प्रतीक है।
समाज के विशेष वर्ग का सम्मान
सूत्रों के अनुसार, सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट पर काम करने वाले मजदूरों, सफाई कर्मियों और ट्रांसजेंडर समुदाय के लोगों को भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में विशेष अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया है। यह प्रधानमंत्री की समावेशी नीति और समाज के सभी वर्गों को सम्मान देने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
विकसित भारत के एम्बेसडर
रविवार शाम को राष्ट्रपति भवन में आयोजित होने वाले इस शपथ ग्रहण समारोह में वंदे भारत और मेट्रो ट्रेनों पर काम करने वाले रेलवे कर्मचारियों और केंद्र सरकार की योजनाओं के लाभार्थियों को भी आमंत्रित किया गया है। यह कदम सरकार की विकास और समृद्धि की दिशा में किए गए कार्यों को दर्शाने के लिए उठाया गया है।
भव्य आयोजन की तैयारी
राष्ट्रपति भवन में 8,000 से अधिक मेहमानों के लिए व्यापक व्यवस्था की जा रही है। इस आयोजन को भव्य और ऐतिहासिक बनाने के लिए सभी आवश्यक तैयारियां की जा रही हैं।
तीसरी बार प्रधानमंत्री
देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के बाद, नरेंद्र मोदी लगातार तीसरी बार सत्ता में आने वाले दूसरे भारतीय नेता हैं। 2024 के लोकसभा चुनावों में भाजपा 2019 में अपने भारी बहुमत 303 से घटकर 240 सीटों पर आ गई, फिर भी एनडीए गठबंधन ने 293 सीटों पर जीत हासिल की, जो बहुमत के लिए जरूरी 272 के आंकड़े से ज्यादा है। यह नरेंद्र मोदी के नेतृत्व और जनता के विश्वास का प्रतीक है।
निष्कर्ष
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के तीसरे शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने वाले विशेष अतिथियों की सूची में विविधता और समावेशिता की झलक है। यह समारोह न केवल भारत के पड़ोसी देशों के साथ संबंधों को मजबूत करने का प्रतीक है, बल्कि समाज के सभी वर्गों को सम्मान देने का भी उदाहरण है। इस आयोजन से स्पष्ट है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नेतृत्व नई ऊंचाइयों को छूने के लिए तैयार है।
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