सारांश : लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजों के बाद बीजेपी को पूर्ण बहुमत नहीं मिला, जिससे एनडीए सरकार बनाने के लिए गठबंधन सहयोगियों पर निर्भर है। नीतीश कुमार और चंद्रबाबू नायडू किंगमेकर की भूमिका में उभर कर सामने आए हैं। ये दोनों नेता अपने समर्थन के बदले कई महत्वपूर्ण मंत्रालयों की मांग कर रहे हैं।
एनडीए के घटक दलों की मांगें:
लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजों में बीजेपी 240 सीटें जीतकर सबसे बड़ी पार्टी बनी है, लेकिन अकेले बहुमत से दूर है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और टीडीपी प्रमुख चंद्रबाबू नायडू ने एनडीए को समर्थन देने की पुष्टि की है, लेकिन उनकी अपनी शर्तें और मांगें हैं। जदयू और टीडीपी, दोनों दलों ने महत्वपूर्ण मंत्रालयों की मांग की है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि उनका समर्थन शर्तों के आधार पर ही मिलेगा।
जदयू की मांगें:
जदयू ने केंद्रीय मंत्रिमंडल में अपने लिए कई महत्वपूर्ण मंत्रालयों की मांग की है। नीतीश कुमार की पार्टी ने रेल, वित्त और कृषि मंत्रालय की मांग रखी है। सूत्रों का दावा है कि इस बार केंद्र में 80 मंत्रियों की कैबिनेट बनाई जा सकती है, जिससे चार सांसदों पर एक मंत्री बनाने का फॉर्मूला लागू हो सकता है। जदयू का कहना है कि इस बार उनकी 12 सीटें 2019 की तुलना में अधिक मूल्यवान हैं, जब उन्हें सिर्फ एक मंत्री पद मिला था।
महत्वपूर्ण मंत्रालयों की सूची:
जदयू की नजर रेलवे, ग्रामीण विकास और जल शक्ति मंत्रालय पर है। नीतीश कुमार पहले भी एनडीए सरकार में रेलवे, कृषि और परिवहन मंत्री रह चुके हैं। जदयू का मानना है कि जल शक्ति मंत्रालय बिहार के जल संकट को हल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। इसके अलावा, ग्रामीण विकास मंत्रालय बिहार की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने में मदद कर सकता है। रेलवे मंत्रालय भी बिहार के लिए गर्व की बात होगी।
चंद्रबाबू नायडू की मांगें:
चंद्रबाबू नायडू की सबसे बड़ी मांग आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा दिलाना है। 2014-18 के दौरान वह इस लक्ष्य को प्राप्त करने में असफल रहे थे, जिसके बाद उन्होंने बीजेपी से गठबंधन तोड़ लिया था। अब बीजेपी की स्थिति कमजोर है और वह जदयू और टीडीपी पर निर्भर है, जिससे नायडू को अपनी मांगों को फिर से उठाने का अवसर मिला है।
टीडीपी की मंत्रालयों की मांग:
टीडीपी ने ग्रामीण विकास, आवास और शहरी मामले, बंदरगाह और शिपिंग, सड़क परिवहन और राजमार्ग एवं जल शक्ति मंत्रालय की मांग रखी है। इसके अलावा, टीडीपी ने वित्त मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार भी मांगा है। आंध्र प्रदेश की राजधानी अमरावती के बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए कई हजार करोड़ रुपये की जरूरत है, जो टीडीपी की प्रमुख मांगों में शामिल है।
सरकार बनाने की चुनौतियाँ:
बीजेपी के लिए सरकार बनाना इस बार चुनौतीपूर्ण साबित हो सकता है। किंगमेकर की भूमिका निभा रहे नीतीश कुमार और चंद्रबाबू नायडू की मांगें पूरी करना अनिवार्य हो गया है। यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि बीजेपी इन मांगों को किस हद तक पूरा करती है और इसके बदले में किंगमेकरों का समर्थन पाती है।
निष्कर्ष:
लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजों के बाद एनडीए के घटक दलों की मांगें बीजेपी के लिए एक बड़ी चुनौती साबित हो रही हैं। नीतीश कुमार और चंद्रबाबू नायडू जैसे किंगमेकरों का समर्थन प्राप्त करने के लिए बीजेपी को उनके शर्तों को मानना होगा। इन मांगों को पूरा करना सरकार की स्थिरता और भविष्य के लिए महत्वपूर्ण होगा।
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