सारांश : केरल के वायनाड जिले में भारी बारिश के बाद भूस्खलन हुआ, जिसमें 43 लोगों की मौत हो गई और सैकड़ों लोग मलबे में दब गए। मुंडक्कई, चूरलमाला, अट्टामाला और नूलपुझा गांव सबसे अधिक प्रभावित हुए हैं। राहत और बचाव कार्यों के लिए एनडीआरएफ की टीमें तैनात की गई हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राहुल गांधी ने घटना पर शोक व्यक्त किया और हरसंभव मदद का आश्वासन दिया है।

Kerala के Wayanad में विनाशकारी भूस्खलन: 43 की मौत, सैकड़ों लोग मलबे में दबे

केरल के वायनाड जिले में भारी बारिश के कारण हुए भूस्खलन ने पूरे क्षेत्र में त्रासदी मचा दी है। मेप्पडी के पास हुए इस भूस्खलन ने मुंडक्कई, चूरलमाला, अट्टामाला और नूलपुझा गांवों को बुरी तरह प्रभावित किया है। भूस्खलन के मलबे में दबकर अब तक 43 लोगों की मौत हो चुकी है, जिनमें कई बच्चे भी शामिल हैं। अधिकारियों के अनुसार, 400 से अधिक लोग अभी भी मलबे में दबे हो सकते हैं।


भूस्खलन का भयानक मंजर:

मंगलवार तड़के हुई भारी बारिश ने पहाड़ी इलाकों को कमजोर कर दिया, जिससे भूस्खलन हुआ। इस आपदा ने थोंडरनाड गांव में रहने वाले नेपाली परिवार के एक साल के बच्चे की भी जान ले ली। प्रभावित गांवों के निवासियों के अनुसार, भूस्खलन के कारण कई घर तबाह हो गए और लोगों के पास भागने का समय भी नहीं मिला। लगातार बारिश के चलते राहत कार्यों में भी बाधा उत्पन्न हो रही है।


एनडीआरएफ और स्थानीय प्रशासन की भूमिका:

केरल राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (KSDMA) ने अग्निशमन विभाग और राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (NDRF) की टीमों को तुरंत प्रभावित क्षेत्रों में तैनात किया। कन्नूर रक्षा सुरक्षा कोर की दो टीमों को भी वायनाड भेजा गया है ताकि बचाव कार्यों में मदद मिल सके। भारतीय वायुसेना के दो हेलीकॉप्टर Mi-17 और ALH भी सुलूर से रवाना किए गए हैं जो राहत और बचाव कार्यों में सहायता कर रहे हैं।


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का शोक संदेश:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन से बात की और इस दुखद घटना पर गहरा शोक व्यक्त किया। उन्होंने ट्वीट कर लिखा, 'वायनाड में भूस्खलन से व्यथित हूं। मेरी संवेदनाएं उन सभी के साथ हैं जिन्होंने अपने प्रियजनों को खो दिया है और घायलों के लिए प्रार्थना करता हूं।' प्रधानमंत्री ने जान गंवाने वालों के परिजनों के लिए प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष (PMNRF) से 2-2 लाख रुपये और घायलों को 50-50 हजार रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की है।


राहुल गांधी की संवेदना और मदद की अपील:

वायनाड के पूर्व सांसद और कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी इस घटना पर गहरा शोक व्यक्त किया है। उन्होंने ट्वीट कर कहा, 'मैं वायनाड में हुए भूस्खलन से बहुत दुखी हूं। मेरी संवेदनाएं शोक संतप्त परिवारों के साथ हैं। मुझे उम्मीद है कि फंसे हुए लोगों को जल्द ही सुरक्षित निकाला जाएगा।' राहुल गांधी ने केरल के मुख्यमंत्री और वायनाड के जिला कलेक्टर से बात की और बचाव कार्यों में तेजी लाने का अनुरोध किया। उन्होंने सभी यूडीएफ कार्यकर्ताओं से भी बचाव और राहत कार्यों में प्रशासन की सहायता करने का आग्रह किया है।


राहत कार्यों में आ रही समस्याएं:

भूस्खलन से प्रभावित क्षेत्रों में लगातार भारी बारिश हो रही है, जिससे बचाव कार्यों में मुश्किलें आ रही हैं। स्वास्थ्य विभाग और राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन ने एक नियंत्रण कक्ष स्थापित किया है और आपातकालीन सहायता के लिए हेल्पलाइन नंबर 9656938689 और 8086010833 जारी किए हैं। एनडीआरएफ की टीमें मलबे में फंसे लोगों को निकालने के लिए दिन-रात काम कर रही हैं, लेकिन बारिश और भूस्खलन के कारण स्थिति और भी जटिल हो गई है।


स्थानीय प्रशासन की कार्रवाई:

स्थानीय प्रशासन और पुलिस ने भी बचाव कार्यों में अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। गांव के लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के लिए अस्थायी शिविर स्थापित किए गए हैं। प्रभावित क्षेत्रों में राहत सामग्री पहुंचाने का काम भी तेजी से जारी है। पुलिस ने बताया कि प्रभावित क्षेत्रों में स्थिति बेहद गंभीर है और उन्हें लोगों को सुरक्षित निकालने में काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।


जनजीवन पर प्रभाव:

भूस्खलन के कारण वायनाड जिले के कई हिस्सों में जनजीवन पूरी तरह से अस्त-व्यस्त हो गया है। सड़कें और पुल टूट गए हैं, जिससे गांवों का संपर्क अन्य इलाकों से कट गया है। बिजली और पानी की आपूर्ति भी बाधित हो गई है। स्थानीय लोग अपने घरों से बाहर निकलने में असमर्थ हैं और सुरक्षित स्थानों पर शरण ले रहे हैं।


मदद और सहयोग की अपील:

प्रभावित क्षेत्रों में रह रहे लोगों ने सरकार और प्रशासन से अधिक से अधिक मदद की अपील की है। उन्होंने राहत कार्यों में तेजी लाने और प्रभावित परिवारों को आवश्यक सहायता प्रदान करने की मांग की है। स्थानीय संगठनों और गैर-सरकारी संगठनों ने भी राहत कार्यों में सहयोग देने का आश्वासन दिया है।


निष्कर्ष:

केरल के वायनाड जिले में हुए इस भूस्खलन ने कई जिंदगियों को तबाह कर दिया है और सैकड़ों लोग मलबे में दबे हैं। प्रशासन और बचाव दल पूरी कोशिश कर रहे हैं कि प्रभावित लोगों को जल्द से जल्द मदद पहुंचाई जा सके। इस दुखद घटना ने सभी को झकझोर कर रख दिया है और लोगों की दुआएं और संवेदनाएं प्रभावित परिवारों के साथ हैं। 

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