सारांश: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, जो शराब घोटाला मामले में तिहाड़ जेल में बंद हैं, ने सीबीआई द्वारा की गई गिरफ्तारी को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। सुप्रीम कोर्ट 20 अगस्त को उनकी जमानत याचिका पर सुनवाई करेगा। इससे पहले ईडी मामले में केजरीवाल को अंतरिम जमानत मिल चुकी है, लेकिन सीबीआई मामले में जमानत पर अभी भी फैसला आना बाकी है।


केजरीवाल की सीबीआई गिरफ्तारी पर सुप्रीम कोर्ट में 20 अगस्त को होगी अहम सुनवाई: जमानत पर टिकी निगाहें


दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का नाम शराब घोटाला मामले में उभर कर आया, जिसके बाद उन्हें तिहाड़ जेल में भेजा गया। इस मामले में उन्हें प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गिरफ्तार किया था, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें इस मामले में अंतरिम जमानत प्रदान की थी। अब उनकी नजरें केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के मामले में जमानत पर टिकी हैं, जिसमें उन्हें अब तक राहत नहीं मिली है।


दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, जिन्हें इसी मामले में पहले गिरफ्तार किया गया था, अब जेल से बाहर आ चुके हैं। केजरीवाल, जो पहले से ही तिहाड़ जेल में बंद हैं, ने अपनी जमानत याचिका के लिए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है। उनकी तरफ से वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने सुप्रीम कोर्ट से अपील की है कि इस मामले की सुनवाई जल्द से जल्द की जाए।


सुप्रीम कोर्ट ने 20 अगस्त को इस मामले की सुनवाई करने का फैसला लिया है। केजरीवाल के वकील ने जोर दिया कि अन्य आरोपियों की जमानत याचिकाएं पहले से ही सूचीबद्ध की जा चुकी हैं और केजरीवाल की याचिका को भी जल्द से जल्द सुना जाना चाहिए।


दिल्ली हाई कोर्ट ने हाल ही में केजरीवाल की जमानत याचिका खारिज कर दी थी और उन्हें ट्रायल कोर्ट का दरवाजा खटखटाने का निर्देश दिया था। हाई कोर्ट ने सीबीआई की कार्रवाई को सही ठहराते हुए कहा था कि उसकी जांच में कोई दुर्भावना नहीं है। अदालत ने यह भी माना कि केजरीवाल गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं, जिससे उनके खिलाफ गवाही देना मुश्किल हो सकता है।


केजरीवाल ने दिल्ली हाई कोर्ट के इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। उन्होंने अपनी याचिका में कहा कि सीबीआई की गिरफ्तारी अनावश्यक और असंवैधानिक है। सिंघवी ने इस दलील पर जोर दिया कि अन्य मामलों में जमानत याचिकाओं की तरह, केजरीवाल की याचिका को भी तत्काल सुनवाई का मौका मिलना चाहिए।


इससे पहले सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने इस मामले में सिंघवी से कहा था कि वह याचिका को ईमेल के माध्यम से प्रस्तुत करें, ताकि वह इस पर विचार कर सकें।

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