सारांश: झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन और बीजेपी के बीच बातचीत की खबरें सामने आ रही हैं। चंपई सोरेन के साथ जेएमएम के तीन अन्य विधायकों के भी बीजेपी में शामिल होने की संभावना है। हालाँकि, चंपई सोरेन ने फिलहाल इस बारे में कोई स्पष्ट बयान नहीं दिया है, लेकिन दिल्ली पहुंचने के बाद से अटकलों को और बल मिला है।


झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन का बीजेपी में शामिल होने की अटकलें तेज, JMM के विधायकों का भी साथ संभव


झारखंड की सियासत में विधानसभा चुनाव से पहले एक बड़ा उलटफेर देखने को मिल सकता है। झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन, जो जेएमएम (झारखंड मुक्ति मोर्चा) के प्रमुख नेता हैं, इन दिनों भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के संपर्क में हैं। उनके साथ जेएमएम के तीन प्रमुख विधायक—समीर मोहंती, लोबिन हेम्ब्रम और राम दास सोरेन—भी बीजेपी में शामिल हो सकते हैं। इस घटनाक्रम से राज्य की राजनीतिक फिजा में काफी हलचल मची हुई है।


चंपई सोरेन 18 अगस्त को कोलकाता से दिल्ली पहुंचे हैं। इस दौरे के दौरान उनके गृह मंत्री अमित शाह और बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात करने की उम्मीद है। सूत्रों की मानें तो बीजेपी और चंपई सोरेन के बीच कई मुद्दों पर चर्चा चल रही है, जो आने वाले समय में एक बड़े सियासी बदलाव की ओर संकेत कर रही है।


हाल ही में चंपई सोरेन ने रांची में पत्रकारों से बातचीत के दौरान बीजेपी में शामिल होने की अटकलों पर सीधा जवाब देने से बचते हुए कहा था, "हम जहां थे वहीं हैं।" इस बयान से स्पष्ट नहीं हो सका कि वे बीजेपी में शामिल होने की योजना बना रहे हैं या नहीं। उन्होंने आगे कहा कि समय आने पर वे सब कुछ स्पष्ट करेंगे, लेकिन फिलहाल उन्हें इस खबर के फैलने का कारण समझ नहीं आ रहा है।


दिल्ली आने से पहले झारखंड में चंपई सोरेन और लोबिन हेम्ब्रम के बीच एक महत्वपूर्ण मुलाकात भी हुई थी। इस मुलाकात के बाद कयास लगाए जा रहे थे कि इस बैठक में बीजेपी में शामिल होने की चर्चा हो सकती है। लेकिन जब चंपई सोरेन से इस मुलाकात के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि यह एक सामान्य बातचीत थी और इसमें बीजेपी को लेकर कोई चर्चा नहीं हुई।


क्या चंपई सोरेन को CM पद से हटाने पर है नाराजगी?

सियासी गलियारों में यह भी चर्चा है कि चंपई सोरेन को मुख्यमंत्री पद से हटाए जाने के बाद से ही वे जेएमएम से नाराज चल रहे हैं। जनवरी 2024 में, जब झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को ईडी ने गिरफ्तार किया था, तो उन्होंने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देकर चंपई सोरेन को यह जिम्मेदारी सौंपी थी। हालांकि, जब हेमंत सोरेन को जमानत मिल गई और वे जून में जेल से बाहर आए, तो उन्होंने फिर से मुख्यमंत्री की कमान अपने हाथों में ले ली। माना जा रहा है कि इस फैसले से चंपई सोरेन खुश नहीं हैं और उनके जेएमएम छोड़कर बीजेपी में शामिल होने की अटकलें उसी समय से शुरू हो गई थीं।


बीजेपी और चंपई सोरेन पर बयान

बीजेपी के संपर्क में होने की खबरों पर असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने बयान दिया था कि उनकी पार्टी ने झारखंड मुक्ति मोर्चा के किसी नेता से कोई संपर्क नहीं किया है। उन्होंने चंपई सोरेन को एक वरिष्ठ राजनेता बताते हुए कहा कि उनके बारे में किसी तरह का बयान देना उचित नहीं होगा। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि अगर चंपई सोरेन खुद बीजेपी के साथ जुड़ना चाहते हैं, तो पार्टी इस पर विचार कर सकती है।


चंपई सोरेन का बीजेपी में शामिल होना झारखंड की राजनीति में क्यों महत्वपूर्ण है?

चंपई सोरेन का बीजेपी में शामिल होना झारखंड की राजनीति में एक बड़ा बदलाव हो सकता है। वे न सिर्फ जेएमएम के प्रमुख नेता हैं, बल्कि राज्य की राजनीति में भी उनका महत्वपूर्ण स्थान है। उनके साथ जेएमएम के अन्य विधायक भी अगर बीजेपी में शामिल होते हैं, तो यह झारखंड की राजनीति में विपक्ष की ताकत को बढ़ा सकता है।


इसके अलावा, झारखंड में आगामी विधानसभा चुनावों के मद्देनजर यह घटनाक्रम बेहद महत्वपूर्ण हो सकता है। बीजेपी, जो राज्य में सत्ता में वापस आने की कोशिश में है, चंपई सोरेन और उनके साथियों के बीजेपी में शामिल होने से अपनी स्थिति मजबूत कर सकती है।


हालाँकि, यह देखना बाकी है कि चंपई सोरेन का यह कदम किस हद तक सफल होता है और क्या वे वास्तव में बीजेपी में शामिल होते हैं या नहीं। इस सियासी घटनाक्रम पर सभी की निगाहें टिकी हुई हैं। अगर वे बीजेपी में शामिल होते हैं, तो इससे झारखंड की राजनीतिक तस्वीर पूरी तरह बदल सकती है और जेएमएम को बड़ा झटका लग सकता है।

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