सारांश : रूसी मीडिया ने दावा किया है कि अमेरिका की खुफिया एजेंसी CIA, भारत की मोदी सरकार को गिराने की साजिश रच रही है। इस साजिश में आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू की मदद ली जा रही है। रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका ने भारतीय विपक्षी नेताओं और कुछ धार्मिक संगठनों से संपर्क साधा है, ताकि वे मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास पैदा कर सकें।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कद एक वैश्विक नेता के रूप में बढ़ता जा रहा है, और दुनिया के कई देश उनकी बातों को गंभीरता से लेते हैं। भारत ने अपनी विदेश नीतियों में कड़ा रुख अपनाया है, जिसमें रूस से तेल की खरीदारी भी शामिल है, जिसे लेकर अमेरिका सहित कई देशों ने आपत्ति जताई है। इसके बावजूद, भारत अपनी नीतियों पर अडिग रहा है। इसी के बीच, एक चौंकाने वाली खबर सामने आई है जिसमें रूस के सरकारी मीडिया स्पूतनिक ने दावा किया है कि अमेरिका की खुफिया एजेंसी CIA, मोदी सरकार को गिराने के लिए बड़े पैमाने पर प्रयास कर रही है। इस साजिश में आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू की मदद ली जा रही है।
स्पूतनिक की रिपोर्ट में कहा गया है कि CIA, आंध्र प्रदेश के बैप्टिस्ट चर्च और विपक्षी नेताओं के साथ मिलकर मोदी सरकार को गिराने की योजना बना रही है। रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिकी खुफिया एजेंसी भारतीय विपक्षी नेताओं से लगातार संपर्क में है और उन्हें मोदी सरकार के खिलाफ माहौल बनाने के लिए उकसा रही है।
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि अमेरिकी राजदूत और कुछ उच्च अधिकारियों ने कई बार भारत के विपक्षी नेताओं से मुलाकात की है, जो कि चिंता का विषय है। इन मुलाकातों को लेकर रूसी मीडिया ने सवाल उठाए हैं और इसे एक सोची-समझी साजिश के रूप में देखा जा रहा है।
रूस का यह भी कहना है कि जल्द ही मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की योजना बनाई जा रही है, जिसके लिए बड़े पैमाने पर तैयारियां की जा रही हैं। इस साजिश का मुख्य लक्ष्य चंद्रबाबू नायडू के जरिए मोदी सरकार का समर्थन कम करना है। बैप्टिस्ट चर्च के माध्यम से नायडू को अपने पक्ष में करने की कोशिश की जा रही है, ताकि उन्हें समर्थन वापस लेने के लिए तैयार किया जा सके।
स्पूतनिक की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि यदि नायडू समर्थन वापस लेने में हिचकिचाते हैं, तो विपक्ष को इसके लिए अनुकूल माहौल बनाने का निर्देश दिया गया है। रूसी मीडिया ने इन घटनाओं को मोदी सरकार के खिलाफ एक गहरी साजिश का हिस्सा बताया है, जिसमें CIA की भूमिका महत्वपूर्ण बताई गई है।
इसके अलावा, रिपोर्ट में कहा गया है कि अमेरिकी महावाणिज्यदूत जेनिफर लार्सन ने हैदराबाद में AIMIM नेता असदुद्दीन ओवैसी और चंद्रबाबू नायडू सहित तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव से भी मुलाकात की थी। लार्सन के नेतृत्व में अमेरिकी मिशन संस्था के जरिए CIA, बैप्टिस्ट चर्च की मदद से इस साजिश को अंजाम देने की कोशिश कर रही है।
रूस का आरोप है कि अमेरिका ने मोदी सरकार के खिलाफ जनता में अविश्वास फैलाने के लिए कई स्तरों पर काम किया है। इसमें न केवल राजनीतिक नेता शामिल हैं, बल्कि सामाजिक कार्यकर्ता, सोशल मीडिया हस्तियां, उद्योगपति और कलाकार भी शामिल हैं। जुलाई 2024 में, अमेरिकी दूतावास ने 'इन्फ्लुएंस टू इम्पैक्ट' नामक एक कार्यक्रम आयोजित किया था, जिसमें कांग्रेस समर्थक अभिषेक बनर्जी को भी बुलाया गया था। इस कार्यक्रम के माध्यम से, आधे सच और भ्रामक सूचनाओं के जरिए मोदी सरकार के खिलाफ माहौल बनाया जा रहा है।
रूस का दावा है कि भारत में रहकर हिंदू त्योहारों, रीति-रिवाजों और देवी-देवताओं के खिलाफ बोलने वाले आरजे सैयमा को भी अमेरिकी दूतावास द्वारा सम्मानित किया गया था। यह सब योजनाबद्ध तरीके से भारत के लोगों को मोदी सरकार के खिलाफ भड़काने की एक गहरी साजिश का हिस्सा बताया जा रहा है।
स्पूतनिक की रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका द्वारा की जा रही यह साजिश सिर्फ राजनीतिक स्तर पर नहीं है, बल्कि इसे सामाजिक और सांस्कृतिक मोर्चे पर भी अंजाम देने की कोशिश की जा रही है। इस साजिश में धार्मिक संगठनों और सामाजिक कार्यकर्ताओं का भी सहयोग लिया जा रहा है, ताकि भारतीय जनता में सरकार के प्रति अविश्वास पैदा किया जा सके।
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