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एक ट्वीट ने पूरे इंडिया के स्टार्टअप जगत में हलचल मचा दी।

क्राफ्ट बीयर ब्रांड Bira 91, जिसे कभी इंडिया का सबसे सफल स्टार्टअप कहा जाता था, आज विवादों में है — और वजह बताई जा रही है सिर्फ़ "नाम बदलना"।


फाइनेंस एक्सपर्ट @dmuthuk ने ट्विटर (अब X) पर पोस्ट किया कि बीरा 91 की पैरेंट कंपनी B9 Beverages Private Limited ने जब अपने नाम से "Private" हटाकर सिर्फ़ B9 Beverages Limited कर लिया, तो सारे राज्य सरकारों ने कंपनी की बिक्री पर रोक लगा दी।

कहा गया कि अब ये नई कंपनी बन गई है, और हर राज्य ने नए लाइसेंस, लेबल अप्रूवल्स, और उत्पाद पंजीकरण की मांग कर दी।


पोस्ट वायरल होते ही लोगों ने सवाल उठाए — क्या यही है मोदी सरकार का "Ease of Doing Business"?

कई यूज़र्स ने लिखा कि आज बिज़नेस चलाना पहले से ज़्यादा मुश्किल हो गया है। सरकारें 'बिज़नेस फैसिलिटेशन सेंटर' बनाती हैं, लेकिन असल में सिस्टम अब भी कंट्रोल करने के लिए है, मदद करने के लिए नहीं।


लेकिन कहानी यहीं खत्म नहीं हुई।


चार्टर्ड अकाउंटेंट और टैक्स एक्सपर्ट @AjayRotti ने उसी थ्रेड पर लिखा —


"ये सिर्फ़ नाम बदलने की कहानी नहीं है। ये तो गवर्नेंस फेल्योर की कहानी है।"
"कंपनी का नाम 2023 में ही बदला गया था, शायद उससे पहले भी। प्रोडक्शन बंद है, सैलरी और PF नहीं दिए गए, टैक्स बकाया है — और अब कर्मचारी बोर्ड से सीईओ को हटाने की मांग कर रहे हैं।"


लाइवमिंट की रिपोर्टर वरुणी खोसला ने भी याद दिलाया कि फरवरी 2024 में उनका लेख आया था —


"Bira 91 टैक्स नोटिस, वेंडर पेमेंट और सैलरी डिले में फंसी हुई थी।"


कई पाठकों ने कहा कि बीरा का संकट अचानक नहीं आया।

कंपनी की वित्तीय स्थिति लंबे समय से कमजोर थी, और नाम बदलने का फैसला शायद उस गिरावट के बीच लिया गया एक छोटा कदम था।


"बीरा आज भी शेल्फ पर दिखती है, लेकिन वो पहले जैसी चाहत नहीं रही," एक यूज़र ने लिखा।
"बीयर तो मिल जाती है, लेकिन अब वो 'buzz' गायब है।"


सीख क्या है?


भारत में बिज़नेस करना सिर्फ़ आइडिया और मार्केटिंग का खेल नहीं — ये कानूनी अनुशासन और प्रबंधन की समझ का भी इम्तिहान है।


बीरा की कहानी बताती है कि सिर्फ़ नाम नहीं, विश्वसनीयता और पारदर्शिता भी मायने रखती है।

एक छोटी सी चूक, अगर समय पर समझी न जाए, तो पूरे ब्रांड को डुबा सकती है।


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