सारांश: गुजरात के अहमदाबाद में एक सर्राफा व्यापारी को नकली नोट देकर 1.6 करोड़ रुपये की ठगी की घटना सामने आई है। इन 500 रुपये के नकली नोटों पर महात्मा गांधी की जगह बॉलीवुड अभिनेता अनुपम खेर की तस्वीर छपी हुई थी और 'रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया' की जगह 'रिसोल बैंक ऑफ इंडिया' लिखा था। इस घटना के बाद सोशल मीडिया पर नकली नोटों का वीडियो वायरल हो गया, जिस पर खुद अनुपम खेर ने भी प्रतिक्रिया दी है। पुलिस मामले की गहराई से जांच कर रही है।
अहमदाबाद में नकली नोटों का सनसनीखेज मामला:
अहमदाबाद में पुलिस ने हाल ही में नकली नोटों का एक ऐसा मामला उजागर किया है जिसने पूरे शहर को चौंका दिया है। ये 500 रुपये के नोट न सिर्फ नकली थे, बल्कि इन पर महात्मा गांधी की जगह बॉलीवुड अभिनेता अनुपम खेर की तस्वीर छपी थी। पुलिस ने ऐसे हजारों नकली नोट जब्त किए हैं, जिनकी कुल रकम 1 करोड़ 60 लाख रुपये बताई जा रही है। यह मामला तब सामने आया जब एक सर्राफा व्यापारी को नकली नोटों के रूप में बड़ी रकम दी गई।
रिसोल बैंक ऑफ इंडिया: नया नाम, नया फ्रॉड
सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि इन नोटों पर 'रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया' की जगह 'रिसोल बैंक ऑफ इंडिया' लिखा हुआ था। इसके अलावा, नोट के बंडल पर SBI के बजाय 'स्टार्ट बैंक ऑफ इंडिया' का नाम छपा था। इस तरह की स्पष्ट गलतियों ने यह साबित कर दिया कि इस फ्रॉड को बहुत सोची-समझी योजना के तहत अंजाम दिया गया है।
अनुपम खेर की प्रतिक्रिया:
जब सोशल मीडिया पर इन नकली नोटों का वीडियो वायरल हुआ, तो खुद अभिनेता अनुपम खेर भी हैरान रह गए। उन्होंने इस पर मजाकिया लहजे में प्रतिक्रिया दी और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर अपनी तस्वीर वाले नकली नोट की फोटो शेयर करते हुए लिखा, "लो जी कर लो बात! कुछ भी हो सकता है!" उनकी यह प्रतिक्रिया सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गई और लोगों ने इस पर खूब चुटकी ली।
सर्राफा व्यापारी से हुई ठगी:
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, यह घटना तब सामने आई जब एक व्यक्ति ने अहमदाबाद के एक सर्राफा व्यापारी मेहुल ठक्कर को नकली नोटों के रूप में 1.6 करोड़ रुपये दिए। व्यापारी को कैश की जरूरत थी, और उसे यह रकम बैग में भरकर दी गई। जब व्यापारी ने बैग खोला, तो उसे पता चला कि सारे नोट नकली हैं और इन पर अनुपम खेर की तस्वीर छपी है।
नकली नोटों की योजना:
पुलिस का मानना है कि यह ठगी किसी बड़ी योजना का हिस्सा हो सकती है, जिसमें कई लोग शामिल हो सकते हैं। फेक करेंसी बनाने और इसे बाजार में फैलाने की योजना लंबी और गहराई से की गई प्रतीत होती है। 'रिसोल बैंक ऑफ इंडिया' और 'स्टार्ट बैंक ऑफ इंडिया' जैसे नकली नाम इस फ्रॉड की योजना का स्पष्ट संकेत हैं। पुलिस अब यह जांच कर रही है कि इन नकली नोटों की छपाई कहां से हुई और कितनी मात्रा में ये नोट बाजार में पहले से फैलाए गए हैं।
पुलिस की जांच:
सर्राफा व्यापारी की शिकायत पर पुलिस ने अज्ञात आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। पुलिस अब यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि यह नकली करेंसी किसने बनाई और इसके पीछे मास्टरमाइंड कौन है? इसके अलावा, पुलिस यह भी जांच कर रही है कि यह नकली करेंसी किस तरह फैलाई गई और इसके कौन-कौन से नेटवर्क शामिल हो सकते हैं।
सोने के व्यापारी पर असर:
इस ठगी के शिकार व्यापारी का नाम मेहुल ठक्कर बताया जा रहा है, जो अहमदाबाद में एक जाना-माना सर्राफा व्यापारी है। ठक्कर ने बताया कि उसे कैश में 1.6 करोड़ रुपये की राशि दी जानी थी, लेकिन जब उसने बैग खोला तो उसे नकली नोट मिले। व्यापारी को समझ नहीं आया कि इतनी बड़ी राशि के नकली नोट कैसे दिए गए और यह फ्रॉड किस हद तक फैल सकता है।
फेक करेंसी से जुड़ी चिंताएँ:
यह घटना केवल एक व्यापारी तक सीमित नहीं है, बल्कि फेक करेंसी के माध्यम से देश की अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचाने की एक बड़ी योजना का हिस्सा हो सकती है। पुलिस और जांच एजेंसियों के लिए यह समझना जरूरी हो गया है कि नकली करेंसी का यह नेटवर्क कितना फैला हुआ है और इसे जल्द से जल्द रोकने की दिशा में ठोस कदम उठाए जाएं।
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