सारांश : सोमवार को भारतीय शेयर बाजार में भारी गिरावट दर्ज की गई, जिसमें सेंसेक्स 500 अंकों से ज्यादा फिसला और निफ्टी 26,050 के नीचे पहुंच गया। विदेशी निवेशकों की बिकवाली और एशियाई बाजारों में कमजोरी के कारण टेक और बैंकिंग सेक्टर के शेयरों पर दबाव रहा। रिलायंस, इंफोसिस और आईसीआईसीआई बैंक जैसे प्रमुख शेयरों की कमजोरी से बाजार में यह गिरावट आई।
सोमवार की सुबह भारतीय शेयर बाजार में बड़ी गिरावट देखी गई, जहां सेंसेक्स और निफ्टी, दोनों प्रमुख सूचकांक अपने निचले स्तरों पर खुलने के बाद लगातार गिरावट के साथ कारोबार करते रहे। करीब 9:50 बजे बीएसई सेंसेक्स 706 अंक या 0.83% की गिरावट के साथ 84,865.79 पर पहुंच गया, जबकि निफ्टी50 206 अंक या 0.79% की गिरावट के साथ 25,973.15 पर कारोबार कर रहा था।
प्रमुख शेयरों पर दबाव:
भारतीय बाजारों पर रिलायंस इंडस्ट्रीज, इंफोसिस, टीसीएस और आईसीआईसीआई बैंक जैसे हैवीवेट शेयरों में कमजोरी का सीधा असर पड़ा। इन प्रमुख कंपनियों में आई गिरावट ने पूरे बाजार को नीचे की ओर धकेल दिया।
एशियाई बाजारों में कमजोरी:
विदेशी फंडों की निकासी और एशियाई बाजारों में कमजोरी का असर भारतीय बाजारों पर भी पड़ा। जापान का निक्केई सूचकांक लगभग 5 प्रतिशत गिर गया, जिससे एशियाई बाजारों में गिरावट का माहौल बना रहा। इसके अलावा, सियोल और टोक्यो में भी नकारात्मक रुझान देखने को मिला। हालाँकि, शंघाई और हांगकांग के बाजारों में सकारात्मक कारोबार जारी रहा।
विदेशी निवेशकों की बिकवाली:
शुक्रवार को विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) द्वारा 1,209.10 करोड़ रुपये की इक्विटी बेचे जाने से भी बाजार पर दबाव बना रहा। जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी.के. विजयकुमार ने कहा कि चीनी अधिकारियों द्वारा घोषित मौद्रिक और राजकोषीय प्रोत्साहन के बाद चीनी अर्थव्यवस्था में सुधार की उम्मीद से बाजार में कुछ हलचल हुई, लेकिन यह भारतीय बाजारों के लिए काफी नहीं थी।
गिरने वाले प्रमुख शेयर:
सेंसेक्स की 30 कंपनियों में से टेक महिंद्रा, महिंद्रा एंड महिंद्रा, आईसीआईसीआई बैंक, रिलायंस इंडस्ट्रीज, एक्सिस बैंक और अल्ट्राटेक सीमेंट जैसे प्रमुख शेयरों में गिरावट दर्ज की गई। इन कंपनियों में हुई गिरावट ने सेंसेक्स और निफ्टी दोनों सूचकांकों को नीचे खींचा।
लाभ वाले शेयर:
जहाँ अधिकांश शेयरों में गिरावट दर्ज की गई, वहीं कुछ कंपनियों ने सकारात्मक प्रदर्शन किया। टाटा स्टील, जेएसडब्ल्यू स्टील, एनटीपीसी, टाइटन, हिंदुस्तान यूनिलीवर और एशियन पेंट्स के शेयरों में लाभ देखा गया। इन कंपनियों ने कुछ हद तक बाजार की गिरावट को थामने की कोशिश की, लेकिन कुल मिलाकर बाजार की स्थिति कमजोर बनी रही।
अमेरिकी बाजार का मिश्रित रुख:
शुक्रवार को अमेरिकी बाजार भी मिश्रित रुझान के साथ बंद हुए थे, जिससे वैश्विक बाजारों में स्पष्ट दिशा का अभाव दिखा। इसके कारण भारतीय बाजार में भी स्पष्टता की कमी बनी रही।
तेल की बढ़ती कीमतें:
वैश्विक तेल बाजार में भी उतार-चढ़ाव का दौर जारी रहा। ब्रेंट क्रूड की कीमत 0.71% बढ़कर 72.49 डॉलर प्रति बैरल हो गई। इससे वैश्विक आर्थिक स्थितियों पर असर पड़ सकता है, जिसका सीधा प्रभाव भारतीय बाजारों पर भी देखने को मिल सकता है।
शुक्रवार का बाजार प्रदर्शन:
पिछले सत्र में, शुक्रवार को बीएसई सेंसेक्स 264.27 अंक या 0.31% की गिरावट के साथ 85,571.85 पर बंद हुआ था। इस दौरान सेंसेक्स ने 142.13 अंक या 0.16% की तेजी के साथ 85,978.25 के नए रिकॉर्ड स्तर को भी छुआ था, लेकिन बाजार आखिरकार नकारात्मक में बंद हुआ। निफ्टी भी 37.10 अंक या 0.14% की गिरावट के साथ 26,178.95 पर बंद हुआ, जबकि यह 61.3 अंक या 0.23% की तेजी के साथ 26,277.35 के सर्वकालिक उच्चतम स्तर पर भी पहुंचा था।
भविष्य की संभावनाएं:
बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि विदेशी फंडों की निकासी और एशियाई बाजारों में कमजोर प्रदर्शन भारतीय बाजार पर दबाव बनाए रख सकता है। इसके अलावा, घरेलू कंपनियों के तिमाही नतीजे आने वाले दिनों में बाजार की दिशा तय करेंगे। निवेशकों को सावधानी से निवेश करने की सलाह दी जा रही है, क्योंकि वैश्विक और घरेलू आर्थिक संकेतकों पर बाजार की चाल निर्भर करेगी।
निष्कर्ष:
भारतीय शेयर बाजार में सोमवार की भारी गिरावट वैश्विक बाजारों की कमजोरी, विदेशी निवेशकों की बिकवाली और घरेलू शेयरों में आई कमजोरी का परिणाम है। प्रमुख टेक और बैंकिंग शेयरों में गिरावट ने बाजार को और कमजोर बना दिया। आने वाले दिनों में बाजार की दिशा वैश्विक आर्थिक संकेतकों और घरेलू कंपनियों के प्रदर्शन पर निर्भर करेगी।
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