सारांश: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में केंद्र सरकार के तीसरे कार्यकाल के पहले 100 दिनों में 3 लाख करोड़ रुपये से अधिक की इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है। इनमें महाराष्ट्र के वधावन बंदरगाह प्रोजेक्ट, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना, आठ हाई-स्पीड रोड कॉरिडोर, नई रेल परियोजनाएं और हवाई अड्डों का विकास शामिल है। इन परियोजनाओं का उद्देश्य देश में कनेक्टिविटी को बढ़ाना, रोजगार के अवसर पैदा करना और आर्थिक विकास को गति देना है।
मोदी सरकार 3.0 की इंफ्रास्ट्रक्चर प्राथमिकता
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने अपने तीसरे कार्यकाल के पहले 100 दिन पूरे कर लिए हैं। भले ही लोकसभा चुनावों में सीटों में कमी आई हो, लेकिन मोदी सरकार एक बार फिर केंद्र में अपनी स्थिति को मजबूत बनाने में सफल रही है। इस कार्यकाल के शुरुआती दिनों में ही सरकार ने इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास को अपनी प्राथमिकताओं में बनाए रखा है, और इस दिशा में कई बड़े कदम उठाए हैं। इन 100 दिनों के भीतर, सरकार ने 3 लाख करोड़ रुपये से अधिक की बुनियादी संरचना से जुड़ी परियोजनाओं को मंजूरी दी है, जो देश के विकास के लिए मील का पत्थर साबित हो सकती हैं।
वधावन बंदरगाह: सबसे बड़ी परियोजना
इस अवधि में सबसे बड़ी परियोजना महाराष्ट्र के वधावन में बंदरगाह निर्माण से जुड़ी है, जिसके लिए 76,200 करोड़ रुपये का बजट स्वीकृत किया गया है। यह बंदरगाह देश के आयात-निर्यात की क्षमता को बढ़ाने में मददगार साबित होगा और इसे दुनिया के शीर्ष 10 बंदरगाहों में शामिल करने की योजना है। इसके अलावा, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के चौथे चरण के तहत 49,000 करोड़ रुपये की मंजूरी दी गई है, जिससे ग्रामीण भारत में 62,500 किलोमीटर लंबी सड़कों का निर्माण किया जाएगा। इस योजना से देश के लगभग 25,000 गांवों को बेहतर कनेक्टिविटी का लाभ मिलेगा।
सड़क, रेल और हवाई अड्डों का विकास
मोदी सरकार ने न केवल सड़क परियोजनाओं पर ध्यान केंद्रित किया है, बल्कि रेल और हवाई अड्डों के विकास को भी प्राथमिकता दी है। आठ नेशनल हाई-स्पीड रोड कॉरिडोर को मंजूरी दी गई है, जिनकी कुल लंबाई 936 किलोमीटर होगी और इसमें 50,600 करोड़ रुपये का खर्च आएगा। इन सड़कों से शहरों के बीच की दूरी कम होगी और यातायात सुगम बनेगा।
हवाई अड्डों के विकास में भी सरकार ने कदम बढ़ाए हैं। वाराणसी में लाल बहादुर शास्त्री अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का विकास, पश्चिम बंगाल के बागडोगरा और बिहार के बिहटा में नए सिविल एन्क्लेव का विकास जैसे प्रोजेक्ट्स को मंजूरी दी गई है। इसके साथ ही, हिमाचल प्रदेश और लद्दाख को जोड़ने वाली शिनखुन ला सुरंग के निर्माण की भी स्वीकृति दी गई है, जो लद्दाख को बारहों महीने कनेक्टिविटी प्रदान करेगी। इससे व्यापार, पर्यटन और सामरिक महत्व में भी वृद्धि होगी।
रेल परियोजनाओं पर विशेष ध्यान
सरकार ने इस बार रेल परियोजनाओं पर भी खास ध्यान दिया है। आठ नई रेल लाइन परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है, जो देश के विभिन्न हिस्सों में कनेक्टिविटी को और मजबूत करेंगी। यह रेल परियोजनाएं न केवल यात्री यातायात में सुधार करेंगी, बल्कि माल ढुलाई में भी तेजी लाएंगी, जिससे देश की आर्थिक गतिविधियों को बल मिलेगा।
कनेक्टिविटी और रोजगार की दिशा में बड़ा कदम
मोदी सरकार के पिछले कार्यकालों में भी इंफ्रास्ट्रक्चर विकास पर जोर रहा है, और तीसरे कार्यकाल में भी इस दिशा में यह सरकार प्रतिबद्ध दिखाई दे रही है। इन परियोजनाओं का मुख्य उद्देश्य देश में बेहतर कनेक्टिविटी स्थापित करना, रोजगार के नए अवसर पैदा करना और आर्थिक विकास को गति देना है। खासकर, ग्रामीण इलाकों में सड़कों के निर्माण से स्थानीय अर्थव्यवस्था को लाभ मिलेगा, वहीं बंदरगाह और हवाई अड्डों के विकास से अंतर्राष्ट्रीय व्यापार में सुधार होगा।
रोजगार और आर्थिक विकास के नए अवसर
मंजूर की गई परियोजनाओं से न केवल बुनियादी ढांचे का विकास होगा, बल्कि इससे लाखों लोगों को रोजगार के नए अवसर भी मिलेंगे। बंदरगाहों और सड़कों के निर्माण से लेकर रेल और हवाई अड्डों के विकास तक, इन प्रोजेक्ट्स में बड़ी संख्या में कुशल और अकुशल मजदूरों की आवश्यकता होगी। इससे न केवल रोजगार के अवसर बढ़ेंगे, बल्कि आर्थिक गतिविधियों में भी तेजी आएगी।
إرسال تعليق