सारांश : वैश्विक चुनौतियों के बावजूद, भारतीय अर्थव्यवस्था ने वित्तीय वर्ष 2024-25 की पहली तिमाही में 6.7% की जीडीपी वृद्धि दर्ज की, जिससे शेयर बाजार में तेजी आई। सेंसेक्स 360 अंकों की बढ़त के साथ 82,612.55 पर पहुंच गया, जबकि निफ्टी ने 25300 का नया मील का पत्थर पार कर लिया। आईटी और वित्तीय सेवा क्षेत्र में निवेशकों की खरीदारी ने इस उछाल को और मजबूत किया।
भारतीय शेयर बाजार ने सोमवार को एक नई उपलब्धि हासिल की, जब सेंसेक्स और निफ्टी ने एक बार फिर से नई ऊंचाइयों को छू लिया। वैश्विक चुनौतियों और आर्थिक सुस्ती के बावजूद, भारतीय अर्थव्यवस्था ने वित्तीय वर्ष 2024-25 की पहली तिमाही में मजबूत प्रदर्शन किया, जिससे बाजार में जबरदस्त उछाल देखा गया। इस तिमाही में भारतीय जीडीपी वृद्धि दर 6.7% रही, जो निवेशकों के लिए आश्वस्त करने वाला संकेत था।
सप्ताह की शुरुआत हरे निशान पर हुई, जिसमें सेंसेक्स ने 360 अंकों की छलांग लगाई और 82,612.55 के स्तर पर पहुंच गया। इसी तरह, निफ्टी ने पहली बार 25300 का आंकड़ा पार किया, जो बाजार के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। यह उछाल आईटी और वित्तीय सेवा क्षेत्र के शेयरों में हुई भारी खरीदारी के कारण आया है।
इस हफ्ते की शुरुआत में बाजार की यह तेजी पिछले हफ्ते की रिकॉर्ड-ब्रेकिंग प्रदर्शन की निरंतरता थी। शुक्रवार को जारी किए गए जीडीपी के मजबूत आंकड़े ने बाजार में और भी विश्वास भरा, जिससे निवेशक अधिक उत्साहित हुए। इस तेजी का मुख्य कारण यह है कि भारतीय अर्थव्यवस्था ने वैश्विक आर्थिक सुस्ती और चुनौतियों के बावजूद स्थिरता बनाए रखी है।
सुबह 10 बजकर 32 मिनट पर, सेंसेक्स 233.99 अंकों की बढ़त के साथ 82,612.55 पर कारोबार कर रहा था, जबकि निफ्टी 62.10 अंकों की मजबूती के साथ 25,298.00 पर पहुंच गया। यह न केवल भारतीय बाजार की स्थिरता को दर्शाता है, बल्कि भविष्य में और भी बेहतर प्रदर्शन की संभावनाओं को उजागर करता है।
आईटी और वित्तीय सेवा क्षेत्र में आई तेजी ने इस उछाल में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इन क्षेत्रों के शेयरों में निवेशकों की बढ़ती दिलचस्पी ने बाजार को मजबूती दी है। इसके साथ ही, यह भी संकेत मिलता है कि इन क्षेत्रों में निवेशकों का विश्वास बना हुआ है, जिससे भविष्य में और भी बेहतर रिटर्न की संभावना है।
इस तेजी के बावजूद, बाजार में कुछ अनिश्चितताएँ भी बनी हुई हैं। वैश्विक आर्थिक परिदृश्य और घरेलू मुद्दों के चलते, निवेशकों को सतर्क रहने की आवश्यकता है। हालांकि, भारतीय अर्थव्यवस्था की मौजूदा स्थिति और इसके मजबूत बुनियादी ढांचे के चलते, यह उम्मीद की जा सकती है कि बाजार आने वाले समय में भी सकारात्मक प्रदर्शन करेगा।
सेंसेक्स और निफ्टी के इस नए रिकॉर्ड ने भारतीय शेयर बाजार को वैश्विक स्तर पर भी मजबूत स्थिति में ला खड़ा किया है। यह उछाल न केवल एक दिन की बात है, बल्कि यह दर्शाता है कि भारतीय बाजार में निवेशकों का विश्वास बना हुआ है। इसके अलावा, विदेशी निवेशकों की बढ़ती दिलचस्पी ने भी इस तेजी में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
आने वाले दिनों में, भारतीय शेयर बाजार की यह तेजी जारी रह सकती है, लेकिन निवेशकों को सतर्क रहना होगा। उन्हें यह सुनिश्चित करना होगा कि वे बाजार के उतार-चढ़ाव को समझकर सही समय पर निवेश करें, ताकि उन्हें अधिकतम लाभ मिल सके। इस हफ्ते की शुरुआत ने भारतीय बाजार के लिए एक सकारात्मक संकेत दिया है, और अगर यह रुझान जारी रहता है, तो निवेशकों को और भी बेहतर रिटर्न की संभावना है।
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