सारांश : अमेरिकी फेडरल रिजर्व के ब्याज दरों में 50 आधार अंकों की कटौती के फैसले से भारतीय शेयर बाजार में जोरदार तेजी देखी गई। सेंसेक्स में 700 अंकों की बढ़त और निफ्टी के पहली बार 25,500 का स्तर पार करने से निवेशकों का उत्साह बढ़ा। बैंकिंग और आईटी सेक्टर के शेयरों में मजबूती आई, जबकि एनटीपीसी और आईआरईडीए जैसे शेयरों ने बाजार को और ऊंचाइयों पर पहुंचाया। बीएसई के आंकड़ों के अनुसार मार्केट कैप में भी इजाफा हुआ और रुपया डॉलर के मुकाबले थोड़ी मजबूती के साथ कारोबार करता दिखा।

Federal Reserve की Interest Rate कटौती से Indian Stock market में तेजी, Sensex 700 अंकों की उछाल के साथ Nifty 25,500 के पार


फेडरल रिजर्व का ऐतिहासिक फैसला और बाजार पर असर

अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व ने नीतिगत ब्याज दरों में 50 आधार अंकों की कटौती करने का निर्णय लिया, जिसका असर भारतीय शेयर बाजार पर काफी सकारात्मक देखा गया। इस फैसले ने घरेलू बाजार में नई ऊर्जा भर दी, और निवेशकों ने तेजी से खरीदारी शुरू की। परिणामस्वरूप, सेंसेक्स शुरुआती कारोबार में 700 अंकों से अधिक की बढ़त के साथ खुला। निफ्टी ने भी इस मौके का फायदा उठाया और पहली बार 25,500 का स्तर पार कर गया। यह भारतीय बाजार के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हुआ।


बैंकिंग और आईटी सेक्टर की मजबूती

फेड की ओर से ब्याज दरों में कटौती के बाद सबसे ज्यादा लाभ बैंकिंग और आईटी सेक्टर को हुआ। एचडीएफसी बैंक और इंफोसिस जैसे दिग्गज कंपनियों के शेयरों ने प्रमुख योगदान दिया, जिससे सेंसेक्स और निफ्टी दोनों में मजबूत उछाल देखने को मिला। निवेशकों का भरोसा बैंकिंग सेक्टर पर और बढ़ गया, जिससे बैंकिंग शेयरों में तेज खरीदारी देखी गई। आईटी सेक्टर के शेयरों में भी मजबूती आई, खासकर विप्रो और एलटीआई माइंडट्री जैसे शेयरों में करीब 2% की वृद्धि दर्ज की गई।


एनटीपीसी और आईआरईडीए के शेयरों की रैली

बाजार में एनटीपीसी और आईआरईडीए के शेयरों में भी खासा उछाल देखा गया। एनटीपीसी के शेयरों में 3% की वृद्धि दर्ज की गई, जिसका मुख्य कारण एनटीपीसी ग्रीन एनर्जी द्वारा 10,000 करोड़ रुपये के आईपीओ के लिए ड्राफ्ट पेपर दाखिल करना था। इसके साथ ही, आईआरईडीए के शेयरों में भी 3% की बढ़त हुई, सरकार द्वारा क्यूआईपी के जरिए फंड जुटाने की घोषणा के बाद। ये घटनाएं बाजार में सकारात्मकता फैलाने में अहम रहीं।


बीएसई का मार्केट कैप और विभिन्न सेक्टर्स का प्रदर्शन

गुरुवार के कारोबारी सत्र के दौरान बीएसई पर लिस्टेड कंपनियों का कुल मार्केट कैप 2.5 लाख करोड़ रुपये बढ़कर 470 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया। यह दर्शाता है कि बाजार में नए निवेशक तेजी से शामिल हो रहे हैं और मौजूदा निवेशक भी उत्साहित हैं। निफ्टी बैंक, निफ्टी आईटी और निफ्टी रियल्टी इंडेक्स में भी 1% से ज्यादा की बढ़त देखी गई। यह विभिन्न सेक्टर्स में सकारात्मक विकास को दर्शाता है। खासकर एनर्जी और बैंकिंग सेक्टर में बेहतर प्रदर्शन ने बाजार को और ऊंचाईयों तक पहुंचाया।


रुपये की स्थिरता

फेड के इस फैसले का असर केवल शेयर बाजार पर ही नहीं, बल्कि मुद्रा बाजार पर भी दिखा। गुरुवार के शुरुआती सत्र में भारतीय रुपया डॉलर के मुकाबले 6 पैसे की बढ़त के साथ 83.70 पर कारोबार करता दिखा। यह मामूली सुधार बाजार की स्थिरता का संकेत है और निवेशकों को भरोसा दिलाता है कि अर्थव्यवस्था सही दिशा में आगे बढ़ रही है।


बाजार के लिए आगे की संभावनाएं

फेडरल रिजर्व के ब्याज दरों में कटौती के फैसले ने भारतीय बाजार को एक मजबूत आधार दिया है। बैंकिंग और आईटी सेक्टर की मजबूती को देखते हुए, यह संभावना जताई जा रही है कि आने वाले दिनों में बाजार में और अधिक उछाल देखने को मिल सकता है। एनटीपीसी और आईआरईडीए जैसे ऊर्जा सेक्टर की कंपनियों के आईपीओ और फंड रेजिंग गतिविधियों से बाजार में नया उत्साह भर सकता है। इसके साथ ही, निवेशक अब आगामी नीतिगत फैसलों और आर्थिक सुधारों पर भी नजर बनाए रखेंगे, जिससे बाजार की दिशा और साफ हो सकेगी।


निवेशकों की रणनीति और बाजार का रुझान

इस बाजार की तेजी ने निवेशकों के बीच नई उम्मीदें जगा दी हैं। बैंकिंग, आईटी और एनर्जी सेक्टर में निवेश के अच्छे अवसर नजर आ रहे हैं। फेड के फैसले के बाद बाजार में जो स्थिरता आई है, वह निवेशकों के लिए संकेत है कि यह सही समय हो सकता है निवेश करने का। साथ ही, आने वाले दिनों में भी बाजार में उछाल की उम्मीद की जा रही है, जिससे निवेशकों को लाभ हो सकता है।


आने वाले समय में बाजार की दिशा

फेडरल रिजर्व का यह फैसला वैश्विक और घरेलू बाजारों के लिए एक सकारात्मक संकेत है। आने वाले समय में यदि फेड और अन्य केंद्रीय बैंक इसी प्रकार के नीतिगत फैसले लेते हैं, तो भारतीय बाजार में और अधिक उछाल देखने को मिल सकता है। भारतीय निवेशक इस समय आशावान हैं और विभिन्न सेक्टर्स में निवेश के अवसर तलाश रहे हैं। बाजार के इस सकारात्मक रुझान को देखते हुए, आने वाले महीनों में भारतीय शेयर बाजार में नई ऊंचाइयों की उम्मीद की जा सकती है।


निष्कर्ष

फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में की गई कटौती ने भारतीय बाजार में नई जान फूंक दी है। सेंसेक्स और निफ्टी दोनों ने जोरदार प्रदर्शन किया, जिससे निवेशकों के आत्मविश्वास में वृद्धि हुई। बैंकिंग और आईटी सेक्टर में आई तेजी ने बाजार को मजबूती दी, जबकि एनटीपीसी और आईआरईडीए के शेयरों ने अतिरिक्त समर्थन प्रदान किया। रुपये की मामूली मजबूती और बाजार की समग्र सकारात्मकता यह दर्शाती है कि भारतीय बाजार आने वाले समय में और प्रगति कर सकता है। निवेशकों के लिए यह समय निवेश करने का उपयुक्त मौका हो सकता है, जिससे वे आने वाले दिनों में अधिक लाभ कमा सकें।

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