सारांश: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस महीने के अंत में अमेरिका दौरे पर जा रहे हैं, जहां वह क्वाड शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे। इसके साथ ही, रिपब्लिकन पार्टी के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप से भी उनकी मुलाकात की संभावना है। ट्रंप ने मिशिगन की एक चुनावी रैली में भारत-अमेरिका व्यापार संबंधों पर जोर देते हुए इस मुलाकात का संकेत दिया है। पीएम मोदी संयुक्त राष्ट्र महासभा में भी भाग लेंगे और अमेरिका में भारतीय समुदाय को संबोधित करेंगे।


प्रधानमंत्री मोदी अमेरिका दौरे पर, ट्रंप से मुलाकात और क्वाड शिखर सम्मेलन में होगी अहम चर्चा


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अगले सप्ताह अमेरिका के महत्वपूर्ण दौरे पर जाने वाले हैं। इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य क्वाड (क्वाड्रीलेटरल सिक्योरिटी डायलॉग) शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेना है, जो कि 21वीं सदी में हिंद-प्रशांत क्षेत्र में बढ़ते सामरिक सहयोग का प्रतीक है। इसके साथ ही, संयुक्त राष्ट्र महासभा में भी प्रधानमंत्री अपनी उपस्थिति दर्ज कराएंगे, जहां विभिन्न वैश्विक मुद्दों पर चर्चा की जाएगी। यह दौरा भारत-अमेरिका संबंधों को और सशक्त बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण माना जा रहा है।


रिपब्लिकन पार्टी के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार और अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने चुनाव प्रचार के दौरान घोषणा की है कि वह प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात करेंगे। हालांकि, इस मुलाकात की सटीक तिथि और स्थान के बारे में जानकारी साझा नहीं की गई है। मिशिगन में आयोजित एक चुनावी रैली के दौरान ट्रंप ने कहा कि भारत-अमेरिका व्यापारिक संबंधों को और मजबूत बनाने के लिए यह मुलाकात महत्वपूर्ण होगी। यह भी माना जा रहा है कि ट्रंप भारतीय समुदाय का समर्थन हासिल करने के लिए इस मुलाकात का उपयोग करेंगे, जो अमेरिका के आगामी राष्ट्रपति चुनाव में एक प्रभावशाली समूह है।


प्रधानमंत्री मोदी और डोनाल्ड ट्रंप के बीच रिश्ते पहले से ही बेहद सौहार्दपूर्ण रहे हैं। ट्रंप के राष्ट्रपति काल में दोनों नेताओं के बीच कई बार मुलाकातें हुईं, जिनमें रक्षा और व्यापारिक सहयोग पर विशेष रूप से जोर दिया गया। 'हाउडी मोदी' कार्यक्रम, जो ह्यूस्टन में आयोजित किया गया था, और उसके बाद भारत में 'नमस्ते ट्रंप' समारोह, दोनों देशों के बीच गहरे संबंधों के उदाहरण हैं। इन बैठकों के दौरान भारत और अमेरिका ने चीन के बढ़ते प्रभाव और अन्य वैश्विक मुद्दों पर अपनी सामरिक दृष्टिकोण साझा किए थे। दोनों नेताओं ने रक्षा सहयोग और व्यापारिक संबंधों को मजबूत करने की दिशा में कई कदम उठाए थे, जिसमें भारत की रक्षा क्षमताओं को सुदृढ़ करने में अमेरिका की महत्वपूर्ण भूमिका रही थी।


इस दौरे के दौरान, प्रधानमंत्री मोदी का भारतीय समुदाय के साथ संवाद भी एक अहम पड़ाव होगा। मोदी 24 सितंबर को अमेरिकी भारतीय समुदाय को संबोधित करेंगे, जिसमें वह भारतीय प्रवासियों की उपलब्धियों और भारत के विकास में उनके योगदान पर चर्चा कर सकते हैं। इस कार्यक्रम में बड़े स्तर पर भारतीय प्रवासियों की उपस्थिति होने की संभावना है, जो भारतीय राजनीति और अर्थव्यवस्था के प्रति अपने समर्थन और संबंधों को और गहरा बनाएगी।


क्वाड शिखर सम्मेलन का आयोजन 20 सितंबर को होने जा रहा है, जहां भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया के नेता एक साथ मिलकर हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति और स्थिरता बनाए रखने पर चर्चा करेंगे। यह सम्मेलन इस बात पर केंद्रित होगा कि इन चार देशों के बीच सुरक्षा सहयोग को कैसे और बेहतर किया जा सकता है और क्षेत्रीय चुनौतियों से निपटने के लिए सामूहिक कदम कैसे उठाए जा सकते हैं। साथ ही, आर्थिक और तकनीकी सहयोग पर भी चर्चा की जाएगी, जिससे इन देशों के बीच साझेदारी को और सुदृढ़ किया जा सके।


प्रधानमंत्री का यह दौरा ऐसे समय में हो रहा है जब वैश्विक राजनीति और सामरिक संबंधों में कई बदलाव देखे जा रहे हैं। यूक्रेन-रूस संघर्ष, चीन की आक्रामक नीतियों और बदलते व्यापारिक समीकरणों के बीच भारत की भूमिका वैश्विक मंच पर और भी अधिक महत्वपूर्ण हो गई है। क्वाड जैसे संगठन इस क्षेत्र में भारत की कूटनीति और सामरिक दृष्टिकोण को और मजबूत करने में मददगार साबित हो सकते हैं।


मोदी का संयुक्त राष्ट्र महासभा में हिस्सा लेना भी कई मायनों में अहम है। इस सभा के दौरान वैश्विक महामारी के बाद के हालात, जलवायु परिवर्तन, वैश्विक व्यापार और सुरक्षा से जुड़े मुद्दों पर गहन चर्चा होने की संभावना है। भारत के बढ़ते वैश्विक प्रभाव के मद्देनज़र, प्रधानमंत्री मोदी इस मंच पर भारत के विचारों और दृष्टिकोणों को सामने रखने का एक महत्वपूर्ण अवसर प्राप्त करेंगे।


इसके अलावा, इस दौरे के दौरान भारत-अमेरिका व्यापार संबंधों पर भी ध्यान केंद्रित रहेगा। दोनों देशों के बीच व्यापारिक सहयोग को और बढ़ाने के लिए कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए जा सकते हैं। अमेरिका, भारत के लिए सबसे बड़े व्यापारिक साझेदारों में से एक है, और इस दौरे के दौरान व्यापारिक सहयोग को और सशक्त बनाने के प्रयास किए जाएंगे। यह भी संभव है कि दोनों देशों के बीच नई व्यापारिक संधियाँ और समझौतों पर हस्ताक्षर किए जाएं, जो भारत की आर्थिक विकास और रोजगार सृजन की संभावनाओं को और गति देंगे।

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