सारांश: अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के साथ ही पर्यटन और आर्थिक गतिविधियों में भारी वृद्धि हुई है। श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि मंदिर निर्माण से प्राप्त जीएसटी का अनुमान लगभग 400 करोड़ रुपये है। इस निर्माण कार्य से जुड़े सभी टैक्स सरकार को पूरी तरह से चुकाए जाएंगे। इसके साथ ही मंदिर परिसर में 18 नए मंदिर भी बनाए जा रहे हैं।
अयोध्या नगरी, जो कभी राम की पावन जन्मभूमि के रूप में जानी जाती थी, आज एक प्रमुख पर्यटन और धार्मिक केंद्र बन गई है। राम मंदिर के निर्माण के बाद से इस नगरी में लोगों की संख्या में जबरदस्त वृद्धि हुई है। देश और विदेश से श्रद्धालु राम मंदिर के दर्शन के लिए अयोध्या आ रहे हैं। इस बढ़ते पर्यटन का न सिर्फ धार्मिक बल्कि आर्थिक लाभ भी अयोध्या को मिल रहा है।
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण जानकारी साझा की है, जिससे पता चलता है कि मंदिर निर्माण से प्राप्त जीएसटी की अनुमानित राशि लगभग 400 करोड़ रुपये तक पहुंच सकती है। हालांकि, यह सिर्फ अनुमान है और वास्तविक आंकड़ा निर्माण कार्य पूरा होने के बाद ही स्पष्ट हो सकेगा।
100% टैक्स अदायगी:
चंपत राय ने यह भी स्पष्ट किया है कि मंदिर निर्माण में समाज के योगदान से होने वाले आर्थिक लाभ पर पूरी तरह से टैक्स चुकाया जाएगा। उनका कहना है कि "हम 100% टैक्स देंगे और किसी भी प्रकार की टैक्स छूट नहीं लेंगे।" यह दिखाता है कि मंदिर निर्माण के साथ ही सामाजिक जिम्मेदारी को भी पूरा किया जा रहा है।
मंदिर परिसर का विस्तार:
अयोध्या में केवल राम मंदिर ही नहीं, बल्कि इसके साथ ही 70 एकड़ के विशाल परिसर में कुल 18 मंदिर बनाए जा रहे हैं। इनमें महर्षि वाल्मिकी, शबरी और गोस्वामी तुलसीदास के मंदिर भी शामिल हैं। इस विस्तार से अयोध्या को एक और धार्मिक केंद्र के रूप में पहचान मिलने की उम्मीद है। इसके अलावा, शिव मंदिर के निर्माण का कार्य भी जारी है, जिसमें मध्य प्रदेश के प्रसिद्ध बकावा गांव के अद्भुत शिवलिंग की स्थापना की जाएगी।
शिवलिंग की स्थापना:
बकावा गांव, जो शिवलिंग निर्माण के लिए प्रसिद्ध है, से शिवलिंग की स्थापना के लिए ऑर्डर प्राप्त हुआ है। राम मंदिर परिसर में महादेव के मंदिर के लिए विशेष रूप से यहां से शिवलिंग मंगवाया जा रहा है। चंपत राय ने बताया कि वे खुद इस प्रक्रिया की देखरेख के लिए बकावा गांव गए थे, जहां से शिवलिंग की उत्कृष्टता और शिल्पकला का अनुभव किया।
आंदोलन की धरोहर:
राम मंदिर निर्माण सिर्फ एक भव्य धार्मिक संरचना का प्रतीक नहीं है, बल्कि यह उस आंदोलन का परिणाम है जिसने समाज के कई वर्गों को प्रभावित किया है। चंपत राय ने इस आंदोलन को एक हजार साल पहले लड़ी गई आजादी की लड़ाई से भी तुलना की, जिसमें लोगों को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। लेकिन आज, उन सभी प्रयासों का फल अयोध्या के रूप में दुनिया के सामने है।
पर्यटन और आर्थिक वृद्धि:
राम मंदिर के निर्माण के साथ ही अयोध्या में पर्यटन को एक नई दिशा मिली है। जहां एक ओर धार्मिक आस्था के कारण लाखों लोग अयोध्या की ओर आकर्षित हो रहे हैं, वहीं दूसरी ओर इससे स्थानीय व्यापार और जीएसटी संग्रहण में भी वृद्धि हुई है। मंदिर के उद्घाटन के बाद से ही यहां आने वाले दर्शनार्थियों की संख्या में निरंतर वृद्धि हो रही है, जिससे अयोध्या एक समृद्ध पर्यटन स्थल के रूप में उभर रहा है।
आने वाले समय की संभावनाएं:
जब राम मंदिर पूरी तरह से बनकर तैयार हो जाएगा, तब यह न सिर्फ धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व का केंद्र बनेगा, बल्कि यह आर्थिक रूप से भी भारत को समृद्ध बनाने में अहम भूमिका निभाएगा। अनुमानित 400 करोड़ रुपये की जीएसटी संग्रहण एक बड़ी राशि है, जो यह दिखाती है कि अयोध्या के इस परियोजना ने देश की अर्थव्यवस्था में भी योगदान दिया है।
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