सारांश : कंगना रनौत ने हाल ही में कृषि कानूनों की वापसी की मांग की थी, जिससे विवाद खड़ा हो गया। बीजेपी ने इस बयान से खुद को अलग कर लिया, जिसके बाद कंगना ने अपने विचारों को निजी बताते हुए माफी मांगी। उन्होंने वीडियो के माध्यम से कहा कि यह उनके निजी विचार थे और पार्टी का रुख इससे भिन्न है। विपक्षी दलों ने उनके इस बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया दी, खासकर कांग्रेस ने इसे किसानों के खिलाफ बताते हुए बीजेपी पर निशाना साधा।

Kangana Ranaut का कृषि कानूनों पर यू-टर्न: निजी विचार बताते हुए मांगी माफी, BJP से बनाई दूरी


बॉलीवुड अभिनेत्री और बीजेपी सांसद कंगना रनौत अक्सर अपने विवादास्पद बयानों के कारण चर्चा में रहती हैं। हाल ही में एक बार फिर वह सुर्खियों में तब आईं, जब उन्होंने निरस्त किए गए कृषि कानूनों को वापस लाने की मांग की। कंगना का यह बयान न केवल किसानों के बीच बल्कि उनकी अपनी पार्टी बीजेपी में भी विवाद का कारण बन गया। पार्टी ने उनके बयान से खुद को अलग कर लिया, जिसके बाद कंगना को सफाई देने के लिए आगे आना पड़ा।


कृषि कानूनों पर कंगना की टिप्पणी

कंगना रनौत ने एक बयान में कहा था कि उन्हें लगता है कि कृषि कानूनों को वापस लाया जाना चाहिए और किसानों को इसके लिए खुद मांग करनी चाहिए। उनका कहना था, "मुझे पता है कि यह बयान विवादास्पद होगा, लेकिन मुझे लगता है कि किसानों के भले के लिए कृषि कानूनों की वापसी होनी चाहिए। किसान हमारे देश के विकास के स्तंभ हैं और उन्हें अपनी भलाई के लिए इन कानूनों की पुनर्स्थापना की मांग करनी चाहिए।"


यह बयान ऐसे समय पर आया जब केंद्र सरकार ने किसानों के विरोध के बाद तीन विवादास्पद कृषि कानूनों को वापस ले लिया था। कंगना के इस बयान के बाद बीजेपी के कई नेताओं ने खुलकर असहमति जताई।


बीजेपी ने बनाई दूरी

कंगना के इस बयान पर बीजेपी ने अपनी ओर से स्पष्टीकरण जारी करते हुए कहा कि यह कंगना का व्यक्तिगत विचार है और पार्टी इस बयान का समर्थन नहीं करती। बीजेपी के प्रवक्ता गौरव भाटिया ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट के जरिए स्पष्ट किया कि कंगना का यह बयान बीजेपी के दृष्टिकोण का प्रतिनिधित्व नहीं करता और उन्हें इस विषय पर बोलने के लिए पार्टी की ओर से अधिकृत नहीं किया गया है।


गौरव भाटिया ने अपने पोस्ट में कहा, "सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे कृषि बिलों पर कंगना रनौत के बयान को बीजेपी समर्थन नहीं करती है। यह उनका निजी बयान है और यह पार्टी के दृष्टिकोण को नहीं दिखाता है। हम इस बयान को अस्वीकार करते हैं।"


कंगना की सफाई

बीजेपी की ओर से स्पष्टता के बाद कंगना ने भी अपने बयान पर सफाई दी। उन्होंने कहा, "बिल्कुल, कृषि कानूनों पर मेरे विचार व्यक्तिगत हैं और पार्टी के रुख का प्रतिनिधित्व नहीं करते।" कंगना ने इसके साथ ही अपने शब्दों को वापस लेते हुए माफी भी मांगी। उन्होंने एक वीडियो जारी कर कहा कि उनका इरादा किसी को ठेस पहुंचाने का नहीं था और यह उनके व्यक्तिगत विचार थे।


कंगना ने यह भी कहा कि उनका बयान किसानों के खिलाफ नहीं था, बल्कि वह चाहती थीं कि किसानों को उनके भले के लिए सही दिशा में कदम उठाना चाहिए। उन्होंने कहा कि वह राजनीति में पार्टी की अनुशासन की पूरी इज्जत करती हैं और इसलिए अपने बयान को वापस ले रही हैं।


कांग्रेस ने साधा निशाना

कंगना रनौत के इस बयान पर विपक्षी दलों ने कड़ी प्रतिक्रिया दी, खासकर कांग्रेस ने इसे किसानों के खिलाफ बताते हुए बीजेपी पर निशाना साधा। कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने कंगना के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, "जब 750 से ज्यादा किसानों की शहादत के बाद मोदी सरकार ने इन काले कानूनों को वापस लिया, तो अब बीजेपी के सांसद इन्हें फिर से लागू करने की बात कर रहे हैं। कांग्रेस हमेशा किसानों के साथ खड़ी रहेगी।"


सुप्रिया ने यह भी कहा कि कंगना का यह बयान किसानों के घावों पर नमक छिड़कने जैसा है, और यह दर्शाता है कि बीजेपी किस तरह से कृषि कानूनों को लेकर अपने सांसदों को अनुशासन में नहीं रख पाई है।


पहले भी विवादों में रही हैं कंगना

यह पहली बार नहीं है जब कंगना रनौत अपने बयानों के कारण विवादों में आई हैं। इससे पहले भी वह कई बार किसानों के विरोध प्रदर्शन को लेकर बयान दे चुकी हैं, जिससे उनकी आलोचना हुई थी। कुछ महीने पहले उन्होंने किसानों के आंदोलन को लेकर कहा था कि अगर केंद्र सरकार ने सख्त कदम नहीं उठाए होते, तो भारत में "बांग्लादेश जैसी स्थिति" पैदा हो सकती थी।


कंगना के इस बयान को भी काफी आलोचना का सामना करना पड़ा था और बीजेपी ने इस पर कड़ी नाराजगी जाहिर की थी। उनकी टिप्पणियों को लेकर उन्हें कई बार अपनी ही पार्टी से फटकार भी लग चुकी है। इसके बावजूद कंगना अपने बेबाक बयानों के लिए जानी जाती हैं और कभी पीछे नहीं हटतीं।


कंगना की राजनीतिक छवि पर असर

कंगना रनौत की राजनीतिक छवि पर इस हालिया बयान का असर हो सकता है। उनकी पार्टी ने स्पष्ट रूप से उनके बयान से दूरी बना ली है और यह दर्शाता है कि पार्टी उनकी टिप्पणियों को गंभीरता से नहीं लेती। हालांकि कंगना ने अपने विचारों को निजी बताया और माफी मांगी, लेकिन इस विवाद ने उनकी छवि पर एक बार फिर से सवाल खड़े कर दिए हैं।


कंगना का यह बयान उनके राजनीतिक करियर के लिए एक और चुनौती हो सकता है, क्योंकि उनकी टिप्पणियों से न केवल विपक्षी दल बल्कि उनकी अपनी पार्टी भी असहज हो गई है। यह देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले समय में कंगना कैसे इस स्थिति को संभालती हैं।


निष्कर्ष

कंगना रनौत का कृषि कानूनों पर दिया गया बयान एक बार फिर से उन्हें विवादों में ले आया है। हालांकि उन्होंने अपने बयान को निजी विचार कहकर वापस ले लिया और माफी भी मांगी, लेकिन इस घटना ने उनकी राजनीतिक छवि को कमजोर कर दिया है। विपक्षी दलों ने उनके इस बयान पर बीजेपी पर हमला बोला है, जबकि कंगना ने इसे अपनी व्यक्तिगत राय बताते हुए विवाद को शांत करने की कोशिश की है। अब यह देखना बाकी है कि आने वाले समय में यह मामला कैसे सुलझता है और इसका कंगना के राजनीतिक करियर पर क्या असर पड़ता है।

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