सारांश: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आबकारी नीति से जुड़े भ्रष्टाचार मामले में तिहाड़ जेल से रिहा होने के बाद इस्तीफा देने का ऐलान किया है। उन्होंने कहा कि वह पार्टी के विधायकों के साथ बैठक करेंगे और नए मुख्यमंत्री का चुनाव होगा। मनीष सिसोदिया भी मुख्यमंत्री नहीं बनेंगे। पार्टी की पॉलिटिकल अफेयर्स कमेटी (PAC) की बैठक में नए सीएम पर चर्चा होगी। संभावित नामों में आतिशी, गोपाल राय और सुनीता केजरीवाल शामिल हैं।
केजरीवाल का इस्तीफे का ऐलान और संभावित बदलाव
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आबकारी नीति से जुड़े विवादित भ्रष्टाचार मामले में तिहाड़ जेल से रिहा होने के कुछ ही दिनों बाद मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने की घोषणा की है। उन्होंने यह साफ किया कि वे जनता से ईमानदारी का प्रमाणपत्र मिलने तक मुख्यमंत्री पद पर नहीं रहेंगे। केजरीवाल ने अपने समर्थकों और पार्टी कार्यकर्ताओं से कहा कि अगले 2 दिनों में वह इस्तीफा देंगे और इसके बाद नए मुख्यमंत्री का चुनाव किया जाएगा।
PAC बैठक और नए मुख्यमंत्री के चुनाव पर चर्चा
मुख्यमंत्री केजरीवाल ने रविवार को अपने समर्थकों से संवाद करते हुए यह भी कहा कि मनीष सिसोदिया, जो पहले उपमुख्यमंत्री थे, अगला मुख्यमंत्री नहीं बनेंगे। इस घोषणा के बाद दिल्ली के अगले मुख्यमंत्री के नाम को लेकर अटकलें तेज हो गई हैं। आज शाम 5:30 बजे मुख्यमंत्री आवास पर आम आदमी पार्टी की पॉलिटिकल अफेयर्स कमेटी (PAC) की बैठक बुलाई गई है, जिसमें नए मुख्यमंत्री के नाम पर विचार होगा। इस बैठक में अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया, संजय सिंह, दुर्गेश पाठक, आतिशी, गोपाल राय, इमरान हुसैन, राघव चड्ढा समेत कई वरिष्ठ नेता शामिल होंगे।
संभावित मुख्यमंत्री के नाम
केजरीवाल के इस्तीफे की घोषणा के बाद पार्टी के भीतर संभावित नए मुख्यमंत्री के नामों पर चर्चाएं जोरों पर हैं। इस दौड़ में दिल्ली सरकार में मंत्री आतिशी, गोपाल राय और अरविंद केजरीवाल की पत्नी सुनीता केजरीवाल के नाम शामिल हैं। आतिशी शिक्षा और विकास कार्यों के लिए जानी जाती हैं, जबकि गोपाल राय पार्टी के एक प्रमुख नेता और संगठनात्मक कार्यों में सक्रिय हैं। सुनीता केजरीवाल भी पार्टी के भीतर एक मजबूत चेहरा हो सकती हैं, हालांकि उनका नाम फिलहाल अटकलों के दौर में ही है।
मनीष सिसोदिया की भूमिका
मनीष सिसोदिया, जो कि लंबे समय तक केजरीवाल के करीबी सहयोगी रहे हैं और दिल्ली सरकार में उपमुख्यमंत्री पद संभाल चुके हैं, फिलहाल मुख्यमंत्री पद की दौड़ में नहीं हैं। सिसोदिया भी इसी आबकारी मामले में जेल में थे और उन्हें हाल ही में जमानत मिली है। उनकी अनुपस्थिति में नए मुख्यमंत्री का चयन पार्टी के लिए एक महत्वपूर्ण निर्णय होगा।
सौरभ भारद्वाज का बयान
दिल्ली के एक और प्रमुख नेता सौरभ भारद्वाज ने कहा कि वह भी इस प्रक्रिया में एक स्टेकहोल्डर हैं और उन्हें भी उतनी ही जानकारी है जितनी कि बाकी लोगों को। उन्होंने मीडिया से बातचीत में यह साफ किया कि केजरीवाल के इस्तीफे के बाद विधायक दल की बैठक होगी और नए मुख्यमंत्री का चुनाव जल्द किया जाएगा। उनके अनुसार, सरकार बनाने का दावा पेश करने में पार्टी को कोई दिक्कत नहीं होगी, क्योंकि पार्टी के पास 60 विधायक हैं, जो बहुमत के लिए पर्याप्त हैं।
दिल्ली विधानसभा का कार्यकाल और चुनाव
दिल्ली विधानसभा का कार्यकाल 23 फरवरी को समाप्त हो रहा है। संभावना जताई जा रही है कि अगले विधानसभा चुनाव जनवरी के अंत या फरवरी की शुरुआत में हो सकते हैं। ऐसे में मुख्यमंत्री का इस्तीफा और नया मुख्यमंत्री चुने जाने की प्रक्रिया राजधानी में राजनीतिक समीकरणों को बदल सकती है। केजरीवाल ने यह भी इशारा किया कि वह चाहते हैं कि समय से पहले चुनाव कराए जाएं, ताकि जनता एक बार फिर से अपनी राय दे सके।
PAC बैठक में होगा अंतिम निर्णय
आज शाम होने वाली PAC की बैठक में नए मुख्यमंत्री के नाम पर अंतिम चर्चा की जाएगी। इस बैठक के बाद यह स्पष्ट हो जाएगा कि अगले मुख्यमंत्री के रूप में किसे चुना जाएगा। पार्टी के भीतर यह सुनिश्चित करने के लिए कड़ी चर्चाएं हो रही हैं कि नया मुख्यमंत्री जनता और पार्टी दोनों की उम्मीदों पर खरा उतरे।
जनता की उम्मीदें और पार्टी का भविष्य
केजरीवाल के इस्तीफे के बाद यह देखना दिलचस्प होगा कि आम आदमी पार्टी कैसे आगे बढ़ती है। पार्टी ने पिछले कुछ वर्षों में दिल्ली की राजनीति में अपनी सशक्त उपस्थिति दर्ज कराई है और आने वाले चुनावों में भी पार्टी का प्रदर्शन महत्वपूर्ण होगा।
नतीजा
अरविंद केजरीवाल का इस्तीफा दिल्ली की राजनीति में एक बड़ा बदलाव लेकर आ सकता है। नए मुख्यमंत्री के चयन से पार्टी के भविष्य की दिशा तय होगी। PAC की बैठक और पार्टी नेताओं के बीच चर्चा के बाद यह तय किया जाएगा कि दिल्ली का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा।
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