सारांश : दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के इस्तीफे और विधानसभा भंग न करने को लेकर सियासी हलचल जारी है। न्यूज18 इंडिया के एक मंच पर सौरभ भारद्वाज ने बताया कि आम आदमी पार्टी ने पहले एक बार गलती की थी, जिसे दोहराना सही नहीं होता। भाजपा की बांसुरी स्वराज ने इस पर गंभीर आरोप लगाते हुए केजरीवाल को शराब घोटाले का मुख्य आरोपी बताया।

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का इस्तीफा और दिल्ली विधानसभा भंग न करने का फैसला पिछले कुछ दिनों से सियासी गलियारों में चर्चा का विषय बना हुआ है। जब सवाल उठा कि अगर केजरीवाल को इस्तीफा देना ही था, तो उन्होंने विधानसभा को भंग क्यों नहीं किया? इस सवाल का जवाब दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज ने न्यूज18 इंडिया के मंच पर दिया। उन्होंने खुलासा किया कि आम आदमी पार्टी (AAP) ने पहले भी एक बार विधानसभा भंग करने की गलती की थी, जिसे दोहराने से इस बार पार्टी बची।
विधानसभा भंग न करने की असली वजह
सौरभ भारद्वाज ने इस मुद्दे पर विस्तार से बात करते हुए कहा कि जब AAP ने पहले विधानसभा भंग की थी, तब विपक्ष ने पार्टी पर आरोप लगाया था कि वह सरकार चलाने से भाग रही है। अगर इस बार भी ऐसा किया जाता, तो वही आरोप दोबारा लगाए जाते। उन्होंने कहा, "हम सरकार से भाग नहीं रहे हैं। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल केवल अपने पद का त्याग कर रहे हैं, और अगर जनता उन्हें फिर से चुनेगी तो वह दोबारा इस जिम्मेदारी को निभाने के लिए तैयार हैं।" भारद्वाज के इस बयान से यह स्पष्ट होता है कि AAP ने यह निर्णय विपक्ष के संभावित हमलों से बचने के लिए लिया।
इस्तीफा देने में देरी पर सफाई
जब सवाल उठाया गया कि अगर केजरीवाल इस्तीफा देना ही चाहते थे, तो उन्होंने दो दिन का समय क्यों लिया? इस पर सौरभ भारद्वाज ने जवाब दिया कि रविवार और ईद की वजह से दो दिन का समय मांगा गया। उन्होंने कहा, "रविवार को सरकारी कार्यालय बंद होते हैं और आज ईद का त्योहार है। इसलिए सोमवार को इस्तीफा दिया जाएगा।" इस सफाई के बाद भी भाजपा ने AAP पर आरोप लगाए कि 48 घंटे के अंदर कुछ महत्वपूर्ण फाइलों को मंजूरी दिलाने की योजना हो सकती है।
भाजपा के आरोप और सौरभ भारद्वाज का खंडन
भाजपा की ओर से लगाए गए आरोपों पर भी इस चर्चा में विस्तार से बात हुई। भाजपा का आरोप था कि आम आदमी पार्टी ने इस्तीफे में 48 घंटे का समय इसलिए लिया ताकि कुछ महत्वपूर्ण फाइलों को क्लियर किया जा सके। इस पर सौरभ भारद्वाज ने कड़ा खंडन करते हुए कहा कि किसी भी सरकारी फाइल को साइन करने में गोपनीयता नहीं हो सकती। हर फाइल उपराज्यपाल (LG) के पास जाती है, और हर कोई उस पर नजर रख सकता है। उन्होंने कहा कि 48 घंटे में कुछ भी छिपाना संभव नहीं है।
भारद्वाज ने यह भी आरोप लगाया कि पिछले दो सालों से अरविंद केजरीवाल के खिलाफ झूठे प्रचार किए जा रहे हैं, जिसमें उनके खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप लगाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि अगर भाजपा के पास सबूत होते, तो अब तक किसी न किसी जांच के जरिए केजरीवाल पर ट्रायल शुरू हो चुका होता।
भाजपा की बांसुरी स्वराज के गंभीर आरोप
इस चर्चा में भाजपा की सांसद बांसुरी स्वराज ने केजरीवाल पर और गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि अदालतों में यह साबित हो चुका है कि अरविंद केजरीवाल शराब घोटाले के मुख्य योजनाकार (किंगपिन) हैं। बांसुरी स्वराज के अनुसार, 90 से 100 करोड़ रुपये के किकबैक का इस्तेमाल आम आदमी पार्टी की राजनीतिक गतिविधियों में हुआ था, जिसमें गोवा चुनाव भी शामिल है। उन्होंने यह भी दावा किया कि अदालत ने केजरीवाल को शर्तों पर जमानत दी है, जो उनकी संलिप्तता का प्रमाण है।
AAP का बचाव
हालांकि, AAP ने इन आरोपों का कड़ा विरोध किया है। सौरभ भारद्वाज ने कहा कि केजरीवाल और उनकी पार्टी के खिलाफ जितने भी आरोप लगाए जा रहे हैं, वे केवल राजनीतिक प्रचार का हिस्सा हैं। उन्होंने कहा, "अगर भाजपा के पास इतने ठोस सबूत हैं, तो दो साल बाद भी अब तक कोई ट्रायल क्यों नहीं शुरू हुआ?"
यह साफ है कि भाजपा और आम आदमी पार्टी के बीच यह टकराव केवल राजनीतिक नहीं है, बल्कि इसमें व्यक्तिगत आरोप-प्रत्यारोप भी शामिल हो गए हैं। जहां एक तरफ भाजपा केजरीवाल पर शराब घोटाले का आरोप लगाकर उन पर हमले कर रही है, वहीं AAP अपने नेता के बचाव में यह कह रही है कि ये सारे आरोप बेबुनियाद हैं और राजनीति से प्रेरित हैं।
निष्कर्ष
अरविंद केजरीवाल के इस्तीफे और विधानसभा भंग न करने का फैसला राजनीतिक रणनीति का हिस्सा है, ताकि विपक्ष को यह मौका न मिले कि वे AAP पर सरकार से भागने का आरोप लगा सकें। वहीं, भाजपा ने इस मुद्दे को और ज्यादा गर्म कर दिया है, खासकर केजरीवाल पर शराब घोटाले में संलिप्तता के गंभीर आरोप लगाकर। दोनों पक्षों के बीच यह राजनीतिक विवाद आने वाले दिनों में और भी गहरा हो सकता है, क्योंकि एक तरफ भाजपा इन आरोपों को लेकर हमलावर है, तो दूसरी तरफ AAP अपने नेता का बचाव कर रही है।
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