सारांश : बागमती एक्सप्रेस दुर्घटना के बाद कई ट्रेनों के रूट डायवर्ट किए गए हैं। यात्रियों के लिए विशेष ट्रेन चलाई गई, और राहत कार्य तेजी से जारी है। हादसे में 19 लोग घायल हुए हैं, और मरम्मत कार्य में 16 घंटे का समय लगने की संभावना है। तमिलनाडु सरकार द्वारा तत्काल सहायता पहुंचाई गई, और मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार से सुरक्षा उपाय बढ़ाने की मांग की है।

Bagmati Train Accident : कई ट्रेनों के रूट में बदलाव, यात्रियों के लिए विशेष सुविधाएं


बागमती एक्सप्रेस दुर्घटना: यात्रियों की सुरक्षा के लिए विशेष इंतजाम, कई ट्रेनों के रूट में बदलाव


शुक्रवार की रात बागमती एक्सप्रेस, जो दरभंगा से तमिलनाडु की ओर जा रही थी, तमिलनाडु के कावराईपेट्टई रेलवे स्टेशन पर एक खड़ी मालगाड़ी से टकरा गई। इस हादसे के बाद मैसूर-दरभंगा एक्सप्रेस के 12 डिब्बे पटरी से उतर गए और पार्सल बोगी में आग लग गई। हादसे में 19 यात्री घायल हुए, जिनका तत्काल इलाज किया जा रहा है। ट्रेन के पेरंबूर स्टेशन से रवाना होने के महज 10 मिनट बाद ही यह दुर्घटना हो गई, और राहत कार्य रातभर चलता रहा। राहत और बचाव अभियान में तमिलनाडु राज्य के मंत्री और अधिकारी घटनास्थल पर मौजूद रहे, और राज्य सरकार ने तुरंत 22 एंबुलेंस भेजी।


यात्रियों की मदद के लिए विशेष इंतजाम: इस दुर्घटना के बाद रेलवे प्रशासन ने प्रभावित यात्रियों के लिए विशेष ट्रेन का संचालन किया। शनिवार सुबह दरभंगा के लिए यात्रियों को लेकर विशेष ट्रेन रवाना की गई। रेल प्रशासन ने यात्रियों की सुविधा के लिए कई अन्य ट्रेनों का रूट डायवर्ट कर दिया है ताकि दुर्घटनास्थल के आसपास यातायात सुचारू रूप से चल सके।


रूट डायवर्जन की जानकारी: इस हादसे के बाद कई महत्वपूर्ण ट्रेनों के रूट में बदलाव किया गया। धनबाद- अलेप्पी एक्सप्रेस और अलेप्पी-धनबाद एक्सप्रेस समेत कई ट्रेनों का रूट अब रेणीगुंटा, मेलपक्कम, और काटपाडी होकर चलाया जाएगा। इसके अलावा, कोयंबटूर-धनबाद स्पेशल ट्रेन को मेलपक्कम, अरक्कोणम, और रेणीगुंटा के रास्ते भेजा गया है। यह सभी बदलाव तब तक लागू रहेंगे जब तक दुर्घटनास्थल की मरम्मत का कार्य पूरा नहीं हो जाता।


उत्तर पूर्व रेलवे द्वारा कुसमही और गोरखपुर कैंट स्टेशनों के बीच चल रहे आटोमेटिक सिग्नल सिस्टम के कार्य के कारण, भागलपुर रेलवे सेक्शन की कुछ ट्रेनों जैसे गांधीधाम और जम्मूतवी एक्सप्रेस का रूट भी 15 से 22 अक्तूबर तक डायवर्ट किया गया है।


तमिलनाडु सरकार का तत्काल समर्थन: तमिलनाडु के उपमुख्यमंत्री उदयनिधि स्टालिन ने घटनास्थल का दौरा किया और राहत कार्य का जायजा लिया। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए 22 एंबुलेंस और मेडिकल टीम को तुरंत रवाना किया। उन्होंने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री एमके स्टालिन स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं और केंद्र सरकार से ऐसे हादसों को रोकने के लिए सख्त कदम उठाने की अपील की है। राहत और बचाव कार्य बारिश की वजह से कुछ हद तक प्रभावित हुआ, लेकिन स्थानीय प्रशासन की तत्परता ने स्थिति को संभाल लिया।


राहत कार्य और मरम्मत की चुनौतियां: रेलवे अधिकारियों ने बताया कि दुर्घटना के बाद स्थल पर मरम्मत कार्य तेजी से जारी है, लेकिन इसे पूरा करने में करीब 16 घंटे का समय लगेगा। रेलवे के इंजीनियर और तकनीकी टीम दुर्घटनास्थल पर मौजूद हैं और प्रभावित पटरियों की मरम्मत कर रहे हैं। दुर्घटना के बाद आग पर नियंत्रण पाने के बाद राहत कार्य और तेजी से किया जा रहा है।


यात्रियों के लिए विशेष ट्रेन और सहायता: रेलवे प्रशासन ने हादसे में फंसे यात्रियों को सुरक्षित उनके गंतव्य तक पहुंचाने के लिए दरभंगा के लिए विशेष ट्रेन चलाई है। रेलवे के कर्मचारियों और अधिकारियों ने यात्रियों की मदद के लिए विशेष इंतजाम किए हैं, जिसमें खानपान और चिकित्सा सुविधाएं शामिल हैं। यात्रियों को किसी भी तरह की असुविधा न हो, इसका पूरा ध्यान रखा गया है।


हादसे के कारण और भविष्य की सुरक्षा: इस हादसे के पीछे क्या तकनीकी वजहें रहीं, इसकी जांच रेलवे अधिकारियों द्वारा की जा रही है। फिलहाल, प्राथमिक जांच में यह पता चला है कि मालगाड़ी की स्थिति और सिग्नलिंग सिस्टम में कुछ खामियां थीं। तमिलनाडु के उपमुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार से इस तरह की दुर्घटनाओं को रोकने के लिए रेलवे में सुधार की मांग की है।


रेलवे सुरक्षा और यात्री सुविधा को ध्यान में रखते हुए भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचने के लिए कदम उठा रही है। रेलवे ने इस घटना के बाद से ट्रेन संचालन और सुरक्षा के उपायों पर पुनर्विचार करने का फैसला किया है।


निष्कर्ष : बागमती एक्सप्रेस की इस दुर्घटना के बाद रेलवे प्रशासन ने तत्परता दिखाते हुए राहत और बचाव कार्य शुरू किया। राज्य सरकार और रेलवे प्रशासन के सहयोग से यात्रियों को समय पर सहायता मिली। दुर्घटना के बाद कई ट्रेनों का रूट बदला गया है ताकि यातायात बाधित न हो। भविष्य में ऐसे हादसों से बचने के लिए तमिलनाडु सरकार ने केंद्र से और कड़े कदम उठाने की मांग की है।

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