सारांश : महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 के लिए महायुति और महाविकास अघाड़ी के बीच सीटों का बंटवारा लगभग तय हो चुका है। महायुति के 90% सीटों पर सहमति बन गई है, जबकि महाविकास अघाड़ी में भी सीटें लगभग तय हो चुकी हैं। दोनों गठबंधन दशहरे तक अपनी-अपनी उम्मीदवारों की पहली सूची जारी करेंगे। भाजपा, शिवसेना (शिंदे गुट), और एनसीपी (अजित पवार गुट) के बीच महायुति में सीटों का विभाजन हो चुका है, जबकि कांग्रेस, शिवसेना (उद्धव गुट), और एनसीपी (शरद पवार गुट) में भी सीटें तय हो चुकी हैं।

Maharashtra Assembly Election 2024 : NDAऔर Maha Vikas Aghadi में सीट बंटवारे की जंग, जानें कौन कितनी सीटों पर लड़ेगा


महाराष्ट्र में आगामी विधानसभा चुनाव 2024 को लेकर राजनीतिक गलियारों में हलचल तेज हो गई है। राज्य की 288 विधानसभा सीटों पर चुनावी रणभूमि तैयार हो रही है। महायुति और महाविकास अघाड़ी दोनों ही प्रमुख गठबंधन सीट बंटवारे को अंतिम रूप देने में लगे हुए हैं। यह चुनाव दिवाली के बाद होने की संभावना है, और इसमें लोकसभा चुनाव के बाद से बढ़ती राजनीतिक सरगर्मियों का साफ असर दिखाई दे रहा है।


महाराष्ट्र में चुनाव की तारीखें:

महाराष्ट्र विधानसभा का कार्यकाल 26 नवंबर 2024 को खत्म हो रहा है। चुनाव आयोग ने राज्य में अपनी तैयारियों का जायजा ले लिया है और चुनाव की तारीखों का ऐलान दशहरे के बाद कभी भी हो सकता है। माना जा रहा है कि झारखंड के साथ ही महाराष्ट्र में भी नवंबर में विधानसभा चुनाव हो सकते हैं। 2019 के विधानसभा चुनाव भी अक्टूबर में ही हुए थे, इसलिए इस बार भी चुनावी तारीखें त्योहारों के बाद ही निर्धारित होंगी।


मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार के नेतृत्व में चुनाव आयोग की टीम ने 27-28 सितंबर को महाराष्ट्र का दौरा किया था। इस दौरान सभी राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों से सुझाव लिए गए। चुनाव आयोग की टीम ने राज्य में चुनावी तैयारियों का जायजा लिया और मतदान प्रक्रिया की सुचारु व्यवस्था सुनिश्चित करने की कोशिशें की जा रही हैं।


महायुति में सीट बंटवारा:

महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन (भाजपा, शिवसेना-शिंदे गुट, एनसीपी-अजित पवार गुट) के भीतर सीट बंटवारे को लेकर कई दौर की बैठकें हो चुकी हैं। भाजपा, शिवसेना, और एनसीपी के बीच लगभग 90% सीटों पर सहमति बन चुकी है। भाजपा राज्य की 155 से ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ने की योजना बना रही है, जबकि शिवसेना (शिंदे गुट) को 60 से अधिक सीटें मिलने की संभावना है। वहीं, अजित पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी को 60-65 सीटें मिलने की उम्मीद है।


एनसीपी नेता प्रफुल्ल पटेल ने हाल ही में बताया कि महायुति की 235 सीटों पर सहमति बन चुकी है और 12 अक्तूबर को महायुति अपने उम्मीदवारों की पहली सूची जारी करेगी। इस सूची में सबसे पहले उपमुख्यमंत्री अजीत पवार का नाम बारामती सीट से घोषित किया गया है, जिससे यह स्पष्ट हो गया है कि वे अपने पारंपरिक निर्वाचन क्षेत्र से ही चुनाव लड़ेंगे।


महाविकास अघाड़ी में सीट बंटवारा:

महाविकास अघाड़ी (कांग्रेस, शिवसेना-उद्धव गुट, एनसीपी-शरद पवार गुट) में भी सीट बंटवारे को लेकर बातचीत अंतिम चरण में है। वाईबी चव्हाण सेंटर, मुंबई में गठबंधन के नेताओं की लगातार बैठकें हो रही हैं। इस गठबंधन में कांग्रेस के पास 100 से अधिक सीटें हो सकती हैं, जबकि शिवसेना (उद्धव गुट) को भी लगभग 100 सीटें मिलने की उम्मीद है। शरद पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी को 80 से अधिक सीटों पर चुनाव लड़ने की संभावना है।


महाविकास अघाड़ी में सीटों का बंटवारा 2019 के विधानसभा चुनाव में जीती गई सीटों और गठबंधन की मौजूदा स्थिति के आधार पर किया जा रहा है। कुल 154 सीटें उन्हीं पार्टियों को आवंटित की गई हैं जिन्होंने 2019 में इन सीटों पर जीत दर्ज की थी। बाकी 86 सीटों का आवंटन इस आधार पर होगा कि 2019 में किस पार्टी का प्रदर्शन बेहतर रहा और 2024 के लोकसभा चुनाव में कौन सी पार्टी इन सीटों पर बेहतर स्थिति में थी।


सीट बंटवारे पर विवाद और सहमति:

महायुति और महाविकास अघाड़ी दोनों ही गठबंधन में कुछ सीटों को लेकर विवाद की स्थिति है। महायुति में भाजपा, शिवसेना, और एनसीपी के बीच कुछ सीटों पर अब भी बातचीत चल रही है। वहीं, महाविकास अघाड़ी में भी कुछ सीटों को लेकर असहमति है, लेकिन यह तय किया जा चुका है कि दिल्ली के हस्तक्षेप के बिना ही इन मुद्दों का समाधान किया जाएगा।


महायुति और महाविकास अघाड़ी दोनों ही गठबंधन दशहरे तक अपने उम्मीदवारों की पहली सूची जारी करने की योजना बना रहे हैं। महाविकास अघाड़ी की ओर से भी 12 अक्तूबर को पहली सूची जारी की जाएगी, जिसमें अधिकांश सीटों का आवंटन स्पष्ट हो जाएगा।


प्रमुख दलों की चुनावी रणनीति:

महाराष्ट्र के विधानसभा चुनाव 2024 के लिए भाजपा और शिवसेना-शिंदे गुट ने अपनी-अपनी चुनावी रणनीति तैयार कर ली है। दोनों दलों ने राज्य में अपने संगठन को मजबूत करने के लिए व्यापक जनसंपर्क अभियान चलाए हैं। वहीं, महाविकास अघाड़ी के नेता भी राज्य भर में सक्रिय हो चुके हैं और भाजपा-शिवसेना गठबंधन के खिलाफ एकजुट होकर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं।


दोनों गठबंधन अपने-अपने स्तर पर उम्मीदवारों के चयन को अंतिम रूप देने में जुटे हुए हैं, और इस बार के विधानसभा चुनाव बेहद दिलचस्प होने की संभावना है। महायुति जहां अपने वर्तमान कार्यकाल की उपलब्धियों को चुनावी मुद्दा बनाएगी, वहीं महाविकास अघाड़ी महायुति सरकार को हटाने के लिए जनता के बीच जाएगी।

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