सारांश: चक्रवात दाना के कारण ओडिशा और पश्चिम बंगाल में भारी बारिश और तेज हवाओं का खतरा मंडरा रहा है। सरकार ने सुरक्षा के मद्देनजर तटीय क्षेत्रों से लाखों लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा है। हवाई और रेल सेवाएं स्थगित कर दी गई हैं। इसके साथ ही कई इलाकों में आपातकालीन सेवाएं सक्रिय कर दी गई हैं। एनडीआरएफ की टीमों को तैनात किया गया है और लोगों से समुद्र के किनारों से दूर रहने की सलाह दी गई है।
ओडिशा और पश्चिम बंगाल में चक्रवात दाना के चलते खतरनाक हालात बन गए हैं। भारतीय मौसम विभाग (IMD) द्वारा जारी चेतावनी के अनुसार, चक्रवात दाना उत्तरी ओडिशा और पश्चिम बंगाल के तटीय इलाकों से गुरुवार रात को टकराएगा। इस दौरान 100-120 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से तेज हवाओं के चलने की संभावना है, जो बड़े पैमाने पर तबाही मचा सकती हैं।
सरकार ने इस चक्रवात के खतरों को देखते हुए तटीय क्षेत्रों में हाई अलर्ट जारी कर दिया है। ओडिशा के केंद्रपाड़ा, भद्रक, बालासोर, पुरी और जगतसिंहपुर जिलों के कई क्षेत्रों में पहले से ही लोगों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित किया जा रहा है। वहीं, पश्चिम बंगाल के सागर द्वीप, सुंदरवन और काकद्वीप के आसपास के इलाकों में भी राहत कार्य शुरू हो चुका है। करीब 5 लाख से अधिक लोगों को दोनों राज्यों के विभिन्न क्षेत्रों से सुरक्षित स्थानों पर भेजा जा रहा है।
तटीय क्षेत्रों में खतरे की आशंका
मौसम विभाग के अनुसार, चक्रवात दाना के दौरान ओडिशा और पश्चिम बंगाल के तटीय इलाकों में भारी बारिश के साथ-साथ समुद्र में ऊंची लहरें उठेंगी। यह स्थिति अगले 24-48 घंटों तक जारी रहने की संभावना है, जिससे निचले इलाकों में जलजमाव और बाढ़ का खतरा बना हुआ है। मछुआरों को समुद्र में न जाने की सख्त हिदायत दी गई है और उन्हें अपनी नावों को सुरक्षित स्थानों पर खड़ा करने को कहा गया है।
इसके अलावा, ओडिशा के बीजू पटनायक इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर गुरुवार शाम से सभी उड़ानों को रद्द कर दिया गया है। कोलकाता एयरपोर्ट पर भी अगले 15 घंटों तक फ्लाइट सेवाएं स्थगित कर दी गई हैं। पूर्वी रेलवे ने भी 190 से अधिक ट्रेनों को रद्द करने की घोषणा की है, जिससे यात्रा करने वालों को भारी असुविधा का सामना करना पड़ सकता है।
राहत और बचाव कार्यों की तैयारियां
चक्रवात से निपटने के लिए राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) की कुल 56 टीमें ओडिशा, पश्चिम बंगाल, आंध्र प्रदेश, झारखंड और छत्तीसगढ़ में तैनात की गई हैं। इन टीमों को संभावित नुकसान वाले इलाकों में भेजा गया है ताकि वे समय रहते राहत कार्य शुरू कर सकें। ओडिशा में 20 टीमें, पश्चिम बंगाल में 17 टीमें और आंध्र प्रदेश व झारखंड में 9-9 टीमें तैनात हैं। इसके अलावा, छत्तीसगढ़ में भी एक टीम तैनात की गई है।
राज्य सरकारों ने भी अपने आपदा प्रबंधन बलों को सतर्क कर दिया है और प्रभावित क्षेत्रों में भोजन, पानी और चिकित्सा सुविधाओं की व्यवस्था की जा रही है। इसके साथ ही बिजली आपूर्ति की बहाली के लिए भी विशेष टीमें गठित की गई हैं, ताकि आपातकालीन सेवाओं में कोई रुकावट न हो।
पर्यटकों को दी गई चेतावनी
पश्चिम बंगाल के दीघा, शंकरपुर और ताजपुर जैसे पर्यटन स्थलों पर बड़ी संख्या में पर्यटक मौजूद हैं। सरकार ने इन क्षेत्रों में पर्यटकों से अपील की है कि वे अपने होटलों में रहें और समुद्र के किनारे न जाएं। चक्रवात के दौरान ऊंची लहरें उठने का खतरा है, जो तटीय क्षेत्रों में रहने वाले लोगों और पर्यटकों के लिए बेहद खतरनाक साबित हो सकती हैं।
भविष्य की तैयारी और चुनौतियां
चक्रवात दाना से होने वाले नुकसान की आशंका के चलते दोनों राज्यों की सरकारें पूरी तरह से तैयार हैं। ओडिशा और पश्चिम बंगाल के प्रशासनिक अधिकारियों ने कहा है कि वे स्थिति पर लगातार नजर बनाए हुए हैं और हर संभव कदम उठा रहे हैं ताकि लोगों की जान-माल की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
हालांकि, इन राज्यों में पहले से ही कुछ इलाकों में बाढ़ और भारी बारिश से जनजीवन प्रभावित हो चुका है। इसलिए, चक्रवात के बाद राहत और पुनर्वास कार्यों में और भी बड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। बारिश और तेज हवाओं से फसलों और इमारतों को नुकसान पहुंचने की आशंका है, जिससे आर्थिक नुकसान भी होने की संभावना है।
चक्रवात दाना के प्रभाव से न केवल ओडिशा और पश्चिम बंगाल, बल्कि पड़ोसी राज्यों आंध्र प्रदेश, झारखंड और छत्तीसगढ़ में भी भारी बारिश की संभावना जताई जा रही है। इन राज्यों में भी प्रशासन ने सतर्कता बरतने और लोगों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित करने के निर्देश जारी किए हैं।
समुद्र की स्थिति और मछुआरों के लिए चेतावनी
चक्रवात के दौरान समुद्र की स्थिति खतरनाक हो सकती है। इसीलिए मछुआरों को समुद्र में न जाने की सख्त हिदायत दी गई है। ओडिशा और पश्चिम बंगाल के तटीय इलाकों में मछुआरों को सुरक्षित स्थानों पर अपनी नावें खड़ी करने और अगले कुछ दिनों तक समुद्र से दूर रहने की सलाह दी गई है। इसके साथ ही, स्थानीय प्रशासन ने भी मछुआरों के लिए जरूरी कदम उठाए हैं और उन्हें सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के निर्देश दिए गए हैं।
चक्रवात की स्थिति लगातार बदल रही है, इसलिए लोगों से अपील की गई है कि वे स्थानीय प्रशासन द्वारा जारी किए गए निर्देशों का पालन करें और किसी भी प्रकार की अफवाहों पर ध्यान न दें। प्रशासन ने इस आपदा से निपटने के लिए आपातकालीन सेवाओं को भी सक्रिय कर दिया है, ताकि लोगों को तुरंत मदद पहुंचाई जा सके।
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