सारांश:इस्लामिक धर्म प्रचारक जाकिर नाइक ने भारतीय कानून का सम्मान करते हुए गोमांस पर प्रतिबंध का समर्थन किया। उन्होंने पाकिस्तान में प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ से मुलाकात की और इस्लाम पर अपने विचार साझा किए। जाकिर नाइक का बयान भारतीय जनता के बीच चर्चा का विषय बन गया, जबकि पाकिस्तान में उनके दौरे को लेकर खासा उत्साह है।
जाकिर नाइक, जो अक्सर विवादों में घिरे रहते हैं, ने इस बार भारतीय कानून के प्रति सकारात्मक बयान देकर एक नई बहस छेड़ दी है। पाकिस्तान में दिए गए अपने इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि अगर भारत में गोमांस की खपत पर प्रतिबंध लगाया जाता है, तो इसका पालन करना चाहिए। नाइक ने यह भी स्पष्ट किया कि इस्लाम में गोमांस खाना आवश्यक नहीं है। उन्होंने इस संदर्भ में भारतीय कानून का पालन करने की बात कही, जो उनके समर्थकों और आलोचकों के बीच चर्चा का मुख्य बिंदु बन गया है।
जाकिर नाइक के इस बयान की सराहना केवल पाकिस्तान में ही नहीं, बल्कि भारत में भी कुछ राजनीतिक व्यक्तित्वों ने की है। जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) के वरिष्ठ नेता केसी त्यागी ने नाइक के इस बयान का स्वागत किया और इसे एक सकारात्मक कदम बताया। त्यागी ने कहा कि नाइक के इस विचार से भारतीय कानून और इस्लामिक मान्यताओं के बीच सामंजस्य बनाने में मदद मिलेगी।
शरीफ से मुलाकात और पाकिस्तान में भाषणों की योजना:
इस बीच, जाकिर नाइक की पाकिस्तान यात्रा भी सुर्खियों में है। लगभग तीन दशक बाद पाकिस्तान आए नाइक ने इस्लामाबाद में प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ से मुलाकात की। शरीफ ने नाइक की इस्लाम पर दी गई तकरीरों की तारीफ की और इस्लाम को लेकर उनके विचारों की सराहना की। नाइक ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट ‘एक्स’ पर इस मुलाकात की जानकारी साझा की। उनकी पाकिस्तान यात्रा सरकार के निमंत्रण पर हुई है, और वे कराची, इस्लामाबाद और लाहौर में व्याख्यान देने वाले हैं।
नाइक की पाकिस्तान यात्रा को लेकर वहां के इस्लामिक समुदाय में उत्साह है। उनके व्याख्यान का इंतजार कर रहे लोग उनकी बातों को सुनने के लिए बेहद उत्सुक हैं। पाकिस्तान में उनके समर्थक मानते हैं कि नाइक इस्लाम की सही शिक्षा और संदेश को प्रसारित करने में अहम भूमिका निभा सकते हैं।
भारत छोड़ने के पीछे की कहानी:
जाकिर नाइक 2016 में भारत छोड़कर चले गए थे, जब उन पर मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकवाद को बढ़ावा देने के आरोप लगे थे। उस समय भारत में उनके खिलाफ कई केस दर्ज किए गए थे। इन मामलों के कारण नाइक ने भारत छोड़ने का फैसला किया और उन्हें मलेशिया के तत्कालीन प्रधानमंत्री महातिर मोहम्मद की मदद से वहां स्थायी निवास मिल गया। तब से वह मलेशिया में रह रहे हैं, लेकिन विभिन्न इस्लामी मंचों पर अपने भाषणों और व्याख्यानों से वह अपनी उपस्थिति दर्ज कराते रहते हैं।
नाइक का पाकिस्तान दौरा उनके जीवन का एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकता है, खासकर ऐसे समय में जब भारत में उनकी छवि विवादों से घिरी हुई है। पाकिस्तान में उनका स्वागत और वहां की जनता का समर्थन उनकी छवि को और मजबूत कर सकता है। वहीं, भारत में उनके समर्थक इस यात्रा को सकारात्मक दृष्टि से देख सकते हैं।
नाइक के विचारों पर प्रतिक्रियाएं:
हालांकि नाइक के बयान और पाकिस्तान यात्रा को लेकर मिश्रित प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। कुछ लोग उनके भारतीय कानून के प्रति सम्मान को सकारात्मक दृष्टि से देख रहे हैं, वहीं अन्य लोग इसे उनकी छवि को सुधरने की एक कोशिश मान रहे हैं। भारत में उनके खिलाफ लगे आरोप अभी भी उनकी छवि को धूमिल किए हुए हैं।
इसके बावजूद, उनके गोमांस पर दिए गए बयान ने धार्मिक और सांस्कृतिक मसलों पर एक नई बहस छेड़ दी है। भारत जैसे बहुसांस्कृतिक देश में कानून का पालन और धार्मिक स्वतंत्रता के बीच संतुलन बनाना हमेशा से एक चुनौती रहा है, और नाइक के बयान ने इस मुद्दे को एक बार फिर से उठाया है।
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