सारांश : जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव 2024 के तीसरे और अंतिम चरण का मतदान जोरदार तरीके से हो रहा है। इस चरण में 40 सीटों पर 415 उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमा रहे हैं, जबकि 39 लाख से अधिक मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग कर रहे हैं। दोपहर 1 बजे तक 44.08% मतदान हो चुका है, और मतदाताओं में जबरदस्त उत्साह देखने को मिल रहा है। सुरक्षा के कड़े इंतजामों के बीच जम्मू और कश्मीर के प्रमुख जिलों में मतदान शांतिपूर्ण ढंग से हो रहा है।
जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव 2024 का तीसरा और अंतिम चरण अब पूरे जोर-शोर से जारी है। इस निर्णायक चरण में राज्य की 40 विधानसभा सीटों पर मतदान हो रहा है, जहां 415 उम्मीदवार अपनी राजनीतिक किस्मत आजमा रहे हैं। चुनाव के इस चरण में, लगभग 39 लाख से अधिक मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग कर रहे हैं। यह चुनाव बेहद महत्वपूर्ण है, क्योंकि इस चरण के परिणाम से यह तय होगा कि राज्य की अगली सरकार किसकी होगी।
चुनाव के पहले दो चरणों में 50 सीटों पर मतदान संपन्न हो चुका है, जिसमें मतदाताओं ने भारी उत्साह के साथ भाग लिया था। तीसरे चरण के तहत मंगलवार को 40 सीटों पर मतदान हो रहा है, जिनमें से 24 सीटें जम्मू संभाग और 16 सीटें कश्मीर संभाग की हैं। राज्य के मतदाता अपने प्रतिनिधियों को चुनने के लिए उत्साहपूर्वक मतदान केंद्रों पर पहुंच रहे हैं। दोपहर 1 बजे तक 44.08% मतदान दर्ज किया गया है, जो इस बात का संकेत है कि जनता अपने मताधिकार के प्रति बेहद जागरूक है और राजनीतिक भागीदारी में रुचि दिखा रही है।
मतदान के प्रति जबरदस्त क्रेज
सुबह से ही पोलिंग बूथों के बाहर मतदाताओं की लंबी कतारें देखने को मिल रही हैं। लोग मतदान केंद्रों पर अपने मतदान के अधिकार का प्रयोग करने के लिए बड़ी संख्या में इकट्ठे हो रहे हैं। खासकर युवा और महिलाएं इस बार के चुनाव में बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रही हैं। यह चुनाव केवल राजनीतिक भविष्य ही नहीं बल्कि राज्य की सुरक्षा, विकास और शांति के लिए भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
जम्मू और कश्मीर संभाग के प्रमुख जिलों में मतदान हो रहा है। जम्मू संभाग के चार जिलों—जम्मू, सांबा, ऊधमपुर और कठुआ में मतदाता अपने अधिकार का प्रयोग कर रहे हैं, जबकि कश्मीर के बांडीपोरा, बारामुला और कुपवाड़ा जिलों में भी मतदान प्रक्रिया जोरदार ढंग से चल रही है। पाकिस्तान की सीमा के पास स्थित क्षेत्रों में सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए गए हैं, ताकि किसी भी अप्रिय घटना से बचा जा सके और मतदान प्रक्रिया शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हो सके।
सुरक्षा के सख्त इंतजाम
पाकिस्तान सीमा के पास स्थित संवेदनशील क्षेत्रों में सुरक्षा के विशेष इंतजाम किए गए हैं। चुनाव आयोग और सुरक्षा एजेंसियों ने इन क्षेत्रों में शांति बनाए रखने और मतदान प्रक्रिया को निर्बाध रूप से जारी रखने के लिए व्यापक प्रबंध किए हैं। जम्मू और कश्मीर में पिछले कुछ समय से सुरक्षा स्थिति में सुधार हुआ है, और इस चुनाव में लोगों का उत्साह यह दर्शाता है कि वे अपनी राजनीतिक और सामाजिक स्थिति को मजबूत करने के लिए पूरी तरह तैयार हैं।
चुनाव का राजनीतिक महत्व
जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव 2024 का यह तीसरा चरण राजनीतिक दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण है, क्योंकि इस चरण के बाद यह तय हो जाएगा कि राज्य में अगली सरकार किसकी बनेगी। राज्य के राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इस बार के चुनाव परिणाम राज्य के विकास और सुरक्षा नीतियों पर सीधा प्रभाव डाल सकते हैं। मतदाता इस बार विकास, रोजगार, और शांति जैसे मुद्दों को ध्यान में रखकर मतदान कर रहे हैं, जिससे राजनीतिक दलों के लिए यह चुनाव एक बड़ी चुनौती साबित हो रहा है।
इस बार चुनाव में एक खास बात यह भी है कि राज्य के मतदाता जाति, धर्म और क्षेत्रीय राजनीति से ऊपर उठकर वोट कर रहे हैं। महिलाएं और युवा भी इस बार बढ़-चढ़कर मतदान में हिस्सा ले रहे हैं, जो राज्य में लोकतंत्र के प्रति लोगों की बढ़ती जागरूकता को दर्शाता है। यह चुनाव राज्य के लिए नई दिशा तय करने वाला साबित हो सकता है।
प्रशासन की तैयारियां और मतदाताओं का उत्साह
प्रशासन और चुनाव आयोग ने मतदान प्रक्रिया को सुचारू और निष्पक्ष रूप से संपन्न कराने के लिए पुख्ता इंतजाम किए हैं। मतदान केंद्रों पर सुरक्षा के सख्त इंतजाम किए गए हैं और कहीं भी किसी अप्रिय घटना की सूचना नहीं आई है। लोगों में मतदान को लेकर जोश और उत्साह साफ तौर पर देखा जा सकता है। राज्य के विभिन्न हिस्सों में शांतिपूर्ण तरीके से मतदान हो रहा है और प्रशासन ने भी यह सुनिश्चित किया है कि हर नागरिक अपने मताधिकार का स्वतंत्र रूप से प्रयोग कर सके।
चुनाव आयोग की ओर से मतदाताओं को सुविधाएं मुहैया कराई जा रही हैं ताकि वे बिना किसी परेशानी के मतदान कर सकें। जम्मू-कश्मीर के लोग इस बार के चुनाव को एक नए राजनीतिक युग की शुरुआत के रूप में देख रहे हैं। राज्य के विकास और शांति के लिए यह चुनाव बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है और मतदाताओं के बीच इसको लेकर भारी उत्साह है।
निष्कर्ष
जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव 2024 का तीसरा चरण राज्य के राजनीतिक भविष्य के लिए निर्णायक साबित हो सकता है। लोगों ने अपने लोकतांत्रिक अधिकारों का पूरी जिम्मेदारी के साथ इस्तेमाल किया है, और यह राज्य की राजनीति में एक बड़ा बदलाव ला सकता है। अब सभी की निगाहें आने वाले चुनाव परिणामों पर टिकी हैं, जो यह तय करेंगे कि राज्य का नेतृत्व कौन करेगा और किस दिशा में राज्य का विकास होगा।
एक टिप्पणी भेजें