सारांश : लखनऊ के चिन्हट इलाके में 23 सितंबर को एक डिलीवरी ब्वॉय की निर्मम हत्या कर दी गई। आरोपी गजानन और उसके साथी ने कैश ऑन डिलीवरी (सीओडी) पर आईफोन ऑर्डर किया और फोन मिलने पर भुगतान न करने के इरादे से डिलीवरी ब्वॉय भरत साहू का गला घोंटकर हत्या कर दी। शव को नहर में फेंक दिया गया। भरत साहू के गायब होने पर परिवार ने पुलिस को सूचना दी, जिसके बाद कॉल डिटेल्स की जांच से पुलिस आरोपियों तक पहुंची। दोनों ने जुर्म कबूल कर लिया है और पुलिस शव की तलाश कर रही है।


आईफोन की लालच में डिलीवरी ब्वॉय की हत्या, शव को नहर में फेंका


लखनऊ के चिन्हट क्षेत्र में 23 सितंबर की रात एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई, जिसमें एक 30 वर्षीय डिलीवरी ब्वॉय की जान सिर्फ इसलिए ले ली गई, क्योंकि कुछ लोगों को मुफ्त में आईफोन चाहिए था। यह घटना उत्तर प्रदेश के चिन्हट इलाके की है, जहां गजानन नामक व्यक्ति ने अपने साथी के साथ मिलकर कैश ऑन डिलीवरी (सीओडी) पर आईफोन मंगवाया और डिलीवरी के समय डिलीवरी ब्वॉय भरत साहू की हत्या कर दी।


आईफोन के लालच में हत्या की साजिश

इस मामले में पुलिस ने बताया कि गजानन ने फ्लिपकार्ट से 1.5 लाख रुपये का आईफोन मंगवाया था। जब भरत साहू, जो कि निषातगंज का रहने वाला था, 23 सितंबर को फोन की डिलीवरी करने पहुंचा, तो गजानन ने पहले से ही अपने साथी आकाश के साथ मिलकर उसे लूटने और मारने की योजना बना रखी थी। जैसे ही भरत वहां पहुंचा, गजानन और आकाश ने पैसे देने के बजाय फोन हड़पने की कोशिश की। जब भरत ने इसका विरोध किया, तो दोनों ने मिलकर उसका गला घोंटकर उसकी हत्या कर दी।


शव को ठिकाने लगाने की कोशिश

हत्या के बाद, दोनों ने शव को ठिकाने लगाने का प्रयास किया। उन्होंने मृतक के शरीर को एक बोरे में भरा और उसे चिन्हट की इंदिरा नहर में फेंक दिया, ताकि कोई सबूत न बचे। इसके बाद दोनों आरोपी वहां से भाग निकले और फोन का इस्तेमाल करने लगे, मानो कुछ हुआ ही न हो।


परिवार की चिंता और पुलिस की सक्रियता

भरत साहू के दो दिनों तक घर न लौटने पर परिवार वालों को चिंता हुई। जब उन्होंने उससे संपर्क करने की कोशिश की और कोई जवाब नहीं मिला, तो परिवार ने 25 सितंबर को चिन्हट पुलिस स्टेशन में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई। पुलिस ने तुरंत इस मामले की जांच शुरू की। सबसे पहले, पुलिस ने भरत के फोन के कॉल डिटेल्स खंगाले, जिससे उन्हें गजानन तक पहुंचने में मदद मिली।


पुलिस की तत्परता और आरोपियों की गिरफ्तारी

जांच के दौरान पुलिस को पता चला कि 23 सितंबर को आखिरी बार भरत ने गजानन से बात की थी और उसके बाद उसका फोन बंद हो गया था। पुलिस ने गजानन को हिरासत में लेकर पूछताछ की, तो उसने अपना अपराध कबूल कर लिया। गजानन ने बताया कि आईफोन के लालच में उसने अपने साथी आकाश के साथ मिलकर यह साजिश रची थी। इसके बाद पुलिस ने आकाश को भी गिरफ्तार कर लिया।


शव की खोज के लिए एसडीआरएफ की टीम तैनात

डिप्टी पुलिस कमिश्नर शशांक सिंह ने बताया कि शव को इंदिरा नहर से निकालने के लिए राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) की टीम को बुलाया गया है। टीम नहर में शव की तलाश में जुटी हुई है। पुलिस ने कहा कि इस घटना में दोनों आरोपियों ने स्वीकार किया है कि उन्होंने डिलीवरी ब्वॉय की हत्या आईफोन की लालच में की थी। फिलहाल, शव की बरामदगी के बाद ही मामले की पूरी पुष्टि हो पाएगी।


कैश ऑन डिलीवरी का खतरनाक पहलू

यह घटना कैश ऑन डिलीवरी के खतरों को भी उजागर करती है। अक्सर सीओडी के दौरान ऐसे मामले सामने आते हैं, जब ग्राहक किसी न किसी बहाने से डिलीवरी करने आए कर्मचारियों को धोखा देने की कोशिश करते हैं। कई बार यह धोखाधड़ी लूट और हत्या तक पहुंच जाती है। डिलीवरी कंपनियों को अब इस तरह की घटनाओं से निपटने के लिए अपनी सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत करने की जरूरत है।


डिलीवरी ब्वॉय की सुरक्षा का सवाल

यह मामला केवल एक व्यक्ति की हत्या का नहीं है, बल्कि इसमें डिलीवरी ब्वॉय की सुरक्षा का गंभीर सवाल भी उठता है। डिलीवरी करने वाले कर्मचारियों को बिना किसी सुरक्षा व्यवस्था के ग्राहक के दरवाजे तक भेजा जाता है। ऐसे में वे कभी भी असुरक्षित स्थिति में फंस सकते हैं। कंपनियों को इस दिशा में सख्त कदम उठाने चाहिए और डिलीवरी ब्वॉय को सुरक्षित माहौल देना चाहिए, ताकि इस तरह की घटनाएं न दोहराई जा सकें।


परिवार की पीड़ा

भरत साहू के परिवार पर यह घटना किसी वज्रपात से कम नहीं है। परिवार ने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि एक आईफोन की डिलीवरी उनके बेटे की जान ले लेगी। परिवार वालों का रो-रोकर बुरा हाल है। उनका कहना है कि भरत बेहद मेहनती और ईमानदार था और उसने कभी किसी के साथ दुर्व्यवहार नहीं किया। ऐसे में उसकी हत्या ने पूरे परिवार को गहरे सदमे में डाल दिया है।


समाज के लिए संदेश

यह घटना समाज के लिए एक गंभीर संदेश है कि लालच और अपराध की कोई सीमा नहीं होती। एक फोन के लिए किसी की जान लेना कितना अमानवीय हो सकता है, यह इस घटना से स्पष्ट है। पुलिस की त्वरित कार्रवाई और आरोपियों की गिरफ्तारी ने इस मामले में कुछ राहत दी है, लेकिन भरत साहू की मौत एक सवाल छोड़ जाती है कि क्या केवल लालच के कारण मानवता इतनी गिर सकती है?

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