सारांश : गुरुवार को भारतीय शेयर बाजार में मजबूती के साथ कारोबार हुआ। सेंसेक्स में 500 अंकों की बढ़त और निफ्टी 25,000 के पार पहुंचा। निवेशकों की नजरें मुद्रास्फीति के आंकड़ों और फेडरल रिजर्व के निर्णयों पर टिकी हुई हैं। एलएंडटी, पावर ग्रिड और टाटा स्टील जैसे शेयरों में उछाल देखा गया, जबकि इंफोसिस और टाटा मोटर्स में गिरावट आई।
गुरुवार का दिन भारतीय शेयर बाजार में निवेशकों के लिए एक सकारात्मक शुरुआत लेकर आया। प्रमुख सूचकांक बीएसई सेंसेक्स और निफ्टी दोनों में ही मजबूती देखी गई। बीएसई सेंसेक्स में शुरुआती कारोबार में 513 अंकों की बढ़त दर्ज की गई, जिससे यह 81,980.40 के स्तर पर पहुंच गया, वहीं निफ्टी 130 अंकों की बढ़त के साथ 25,112.65 पर कारोबार कर रहा था। इस तेजी का मुख्य कारण वैश्विक बाजारों में आई मजबूती और फेडरल रिजर्व की ब्याज दरों में कटौती की उम्मीदें थीं।
निवेशकों की नजरें गुरुवार को जारी होने वाले मुद्रास्फीति के आंकड़ों पर टिकी हुई थीं, विशेषकर उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) पर। इन आंकड़ों से यह अंदाजा लगाया जाएगा कि अमेरिकी फेडरल रिजर्व अपनी अगली मौद्रिक नीति बैठक में ब्याज दरों पर क्या फैसला ले सकता है। इसके अलावा, कई प्रमुख कंपनियों के तिमाही नतीजे भी निवेशकों के रुझान को प्रभावित करेंगे।
शेयर बाजार के विभिन्न क्षेत्रों में मिले-जुले रुझान देखे गए। सेंसेक्स के कुछ प्रमुख शेयरों में एलएंडटी, पावर ग्रिड, महिंद्रा एंड महिंद्रा (एमएंडएम), एनटीपीसी और टाटा स्टील ने बाजार को ऊपर खींचा। एलएंडटी के शेयरों में लगभग 2% की बढ़त दर्ज की गई, जिसका कारण महाराष्ट्र में एक नए उर्वरक संयंत्र के लिए राष्ट्रीय केमिकल्स द्वारा 1,000 करोड़ रुपये का अनुबंध मिला। इसी तरह, पावर ग्रिड और एनटीपीसी के शेयरों में भी 1% से अधिक की बढ़त हुई, जो दर्शाता है कि निवेशकों का भरोसा इन कंपनियों पर बढ़ रहा है। टाटा स्टील के शेयरों में भी वृद्धि देखी गई, जो धातु क्षेत्र में मांग के बढ़ते संकेतों का परिणाम है।
वहीं, दूसरी ओर इंफोसिस, टाटा मोटर्स, टेक महिंद्रा, हिंदुस्तान यूनिलीवर और एशियन पेंट्स के शेयरों में गिरावट दर्ज की गई। इंफोसिस और टेक महिंद्रा जैसी आईटी कंपनियों के शेयरों पर वैश्विक मंदी और व्यापारिक चुनौतियों का दबाव बना रहा, जिससे इनके शेयरों में गिरावट देखने को मिली। टाटा मोटर्स के शेयर भी कमजोरी के साथ कारोबार कर रहे थे, जिसका कारण कमजोर मांग और उत्पादन में रुकावटें मानी जा रही हैं। हिंदुस्तान यूनिलीवर और एशियन पेंट्स जैसे उपभोक्ता केंद्रित कंपनियों में भी थोड़ा दबाव देखने को मिला।
इसके अलावा, छोटे और मझोले आकार की कंपनियों के शेयरों में भी अच्छी बढ़त देखी गई। निफ्टी स्मॉलकैप 100 और निफ्टी मिडकैप 100 में प्रत्येक में 0.5% से अधिक की वृद्धि दर्ज की गई, जो दर्शाता है कि घरेलू निवेशकों की रूचि छोटे और मझोले आकार के स्टॉक्स में बनी हुई है। यह वृद्धि इस बात का संकेत है कि निवेशकों को देश के अंदरूनी बाजार में अधिक विश्वास है और वे घरेलू मांग के बढ़ने की उम्मीद कर रहे हैं।
वैश्विक बाजारों की बात करें तो, फेडरल रिजर्व की नवीनतम नीति बैठक के मिनटों में ब्याज दरों में कटौती के संकेत मिलने के बाद, विश्वभर के बाजारों में सकारात्मकता देखी गई। इससे भारतीय बाजार में भी तेजी आई, क्योंकि ब्याज दरों में कटौती से निवेशकों की जोखिम लेने की क्षमता बढ़ सकती है। अमेरिकी डॉलर में भी थोड़ी कमजोरी देखी गई, जिससे विदेशी निवेशकों को भारतीय बाजार में निवेश के अधिक अवसर मिल रहे हैं।
भारतीय बाजार में आगे की दिशा निर्धारित करने में कुछ प्रमुख घटनाएं अहम रहेंगी। सबसे पहले, मुद्रास्फीति के आंकड़े जो यह बताएंगे कि आगे की मौद्रिक नीति किस दिशा में जा सकती है। इसके अलावा, प्रमुख कंपनियों के तिमाही नतीजे और वैश्विक घटनाएं भी बाजार की चाल को प्रभावित कर सकती हैं।
अंततः, गुरुवार का दिन भारतीय शेयर बाजार के लिए सकारात्मक रहा और सेंसेक्स तथा निफ्टी में उछाल देखने को मिला। बड़े और छोटे दोनों ही शेयरों में निवेशकों का भरोसा बढ़ता दिखाई दिया, लेकिन आगे की स्थिति काफी हद तक आर्थिक और वित्तीय आंकड़ों पर निर्भर करेगी। फेडरल रिजर्व के फैसले और घरेलू बाजार की स्थिति दोनों ही भारतीय बाजार को आने वाले दिनों में प्रभावित करेंगे।
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