सारांश : कर्नाटक की कांग्रेस सरकार ने हालिया मीडिया रिपोर्टों का खंडन किया है, जिसमें कहा गया था कि मुसलमानों को 1 करोड़ तक के सरकारी निर्माण कार्यों में आरक्षण देने का प्रस्ताव है। सरकार ने स्पष्ट किया कि उनके पास ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं आया है। इस खबर के बीच, राज्य में वर्तमान में 43% सरकारी ठेकों का आरक्षण एससी/एसटी और ओबीसी वर्गों के लिए है।


कर्नाटक सरकार ने मुस्लिमों को सरकारी निविदाओं में आरक्षण देने के दावों को किया खारिज


कर्नाटक की कांग्रेस सरकार ने उन खबरों का खंडन किया है, जिनमें कहा गया था कि राज्य के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया मुसलमानों को 1 करोड़ रुपये तक के निर्माण कार्यों में आरक्षण देने का विचार कर रहे हैं। सरकार ने स्पष्ट किया कि फिलहाल ऐसा कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। यह प्रतिक्रिया तब आई जब मीडिया में यह खबरें फैलने लगीं कि कर्नाटक सरकार सार्वजनिक अनुबंधों में मुस्लिम ठेकेदारों के लिए आरक्षण देने की योजना बना रही है।


इस समय कर्नाटक में सरकारी निर्माण कार्यों के लिए जारी निविदाओं में 43% आरक्षण है, जिसमें अनुसूचित जाति (SC) और अनुसूचित जनजाति (ST) के लिए 24%, ओबीसी श्रेणी-1 के लिए 4%, और श्रेणी-2ए के लिए 15% आरक्षण शामिल है। यह आरक्षण सिद्धारमैया के पहले कार्यकाल के दौरान आरंभ किया गया था, जिसमें एससी/एसटी के लिए सरकारी अनुबंधों में आरक्षण लागू किया गया था।


इस साल की शुरुआत में, ओबीसी के दो समूहों को भी इस लाभ में शामिल किया गया। इनमें श्रेणी-1 में बेस्टा, उप्पारा और दलित ईसाई समुदाय जैसे 95 समूह हैं, जबकि श्रेणी-2ए में कुरुबा, इदिगा, और अन्य 100 समुदाय शामिल हैं। खुद मुख्यमंत्री सिद्धारमैया कुरुबा समुदाय से आते हैं।


हाल ही में, मुस्लिम समुदाय के नेताओं ने सरकारी निविदाओं में आरक्षण की मांग को लेकर मुख्यमंत्री सिद्धारमैया से मुलाकात की। इस प्रतिनिधिमंडल में मंत्री जमीर अहमद खान, रहीम खान, सीएम के राजनीतिक सचिव नजीर अहमद, और अन्य विधायक शामिल थे। उन्होंने मुख्यमंत्री से मुस्लिम ठेकेदारों के लिए भी आरक्षण का अनुरोध किया। हालांकि, सरकार ने साफ किया है कि उनके पास मुस्लिमों के लिए आरक्षण का कोई आधिकारिक प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है।


इधर, इस आरक्षण नीति के कारण कर्नाटक के ठेकेदारों के कुछ अन्य समूहों में नाराजगी देखी गई है। वोक्कालिगा और लिंगायत समुदाय के ठेकेदारों ने आरोप लगाया कि ओबीसी वर्गों में बढ़ते आरक्षण के कारण उनके अवसर कम हो रहे हैं। ठेकेदारों के एक संघ ने इस मुद्दे पर चर्चा के लिए बैठक बुलाने की योजना बनाई है, ताकि वे सरकार के सामने अपनी चिंताओं को उठा सकें।


मुस्लिम ठेकेदारों की ओर से आरक्षण की मांग पर राज्य सरकार का कहना है कि वे सभी वर्गों की चिंताओं को ध्यान में रखते हुए नीतिगत निर्णय लेगी। मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के नेतृत्व में कांग्रेस सरकार राज्य के विकास कार्यों में सभी समुदायों के साथ सामंजस्य बनाए रखने की कोशिश कर रही है।

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