सारांश : भारत सरकार ने बढ़ते वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए पराली जलाने पर जुर्माना दोगुना कर दिया है। अब 2 एकड़ से कम भूमि पर पराली जलाने पर 5,000 रुपये, 2 से 5 एकड़ पर 10,000 रुपये, और 5 एकड़ से अधिक भूमि पर 30,000 रुपये का जुर्माना लगेगा। यह नए नियम तुरंत प्रभाव से लागू होंगे और इसके लिए गजट नोटिफिकेशन भी जारी किया गया है।
प्रदूषण को रोकने के लिए सरकार का बड़ा कदम
बढ़ते वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के उद्देश्य से भारत सरकार ने पराली जलाने पर जुर्माने की राशि को दोगुना कर दिया है। पराली जलाने के कारण उत्पन्न होने वाले प्रदूषण से हर साल गंभीर वायु गुणवत्ता समस्याएं उत्पन्न होती हैं, विशेष रूप से उत्तर भारत के क्षेत्रों में। इसी के चलते, सरकार ने यह सख्त कदम उठाया है ताकि किसानों को पराली जलाने से हतोत्साहित किया जा सके और प्रदूषण को कम किया जा सके।
नए जुर्माने की संरचना
भारत सरकार द्वारा जारी किए गए गजट नोटिफिकेशन के अनुसार, अब पराली जलाने पर भूमि के आकार के हिसाब से जुर्माना तय किया गया है। अगर कोई किसान 2 एकड़ से कम भूमि पर पराली जलाते पकड़ा गया, तो उस पर 5,000 रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा। वहीं, 2 से 5 एकड़ की भूमि पर पराली जलाने पर 10,000 रुपये और 5 एकड़ से अधिक पर पराली जलाने पर 30,000 रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा।
पहले यह जुर्माना क्रमशः 2,500 रुपये, 5,000 रुपये और 15,000 रुपये था। अब जुर्माने की राशि को दोगुना कर दिया गया है ताकि पराली जलाने की घटनाओं में कमी आ सके।
बुधवार को नियमों में हुआ संशोधन
सरकार ने बुधवार (6 नवंबर 2024) को इस बदलाव को मंजूरी दी, जिसके बाद अगले दिन 7 नवंबर को इसका नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया। यह संशोधन राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) और इसके आसपास के क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग अधिनियम, 2021 के तहत अधिसूचित किया गया है।
तत्काल प्रभाव से लागू होगा नया नियम
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, नए नियम किसी भी तरह के परामर्श के बिना ही लागू किए जाएंगे। इससे यह संकेत मिलता है कि प्रदूषण की समस्या को देखते हुए सरकार ने इसे तत्काल प्रभाव से लागू करने का निर्णय लिया है। अब राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र और आसपास के इलाकों में इन नियमों का सख्ती से पालन होगा।
शिकायत दर्ज करने की प्रक्रिया भी स्पष्ट
सरकार ने पर्यावरण संरक्षण (जांच और जुर्माना लगाने की प्रक्रिया) नियम, 2024 के तहत एक नया नोटिफिकेशन जारी किया है, जिसमें वायु प्रदूषण के खिलाफ शिकायत दर्ज करने की प्रक्रिया का उल्लेख किया गया है। इसमें प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग, और केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय के कार्यालयों में शिकायत दर्ज कराने का तरीका बताया गया है। इसके अलावा, प्रदूषण से संबंधित शिकायतों की जांच और उनके निपटारे की प्रक्रिया को भी विस्तार से बताया गया है।
नए नियमों का उद्देश्य
पराली जलाने के कारण हर साल दिल्ली और उसके आसपास के क्षेत्रों में वायु प्रदूषण बढ़ जाता है, जिससे लाखों लोगों की सेहत पर बुरा असर पड़ता है। इस प्रदूषण के कारण सांस से संबंधित बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। सरकार ने यह कदम इसीलिए उठाया है ताकि वायु प्रदूषण पर नियंत्रण पाया जा सके और वायु गुणवत्ता को सुधारने में मदद मिल सके।
नए नियमों का प्रभाव और भविष्य की दिशा
इस निर्णय से किसानों के बीच पराली जलाने की प्रवृत्ति में कमी की संभावना है। सरकार द्वारा लगाए गए उच्च जुर्माने का उद्देश्य किसानों को वैकल्पिक तरीकों को अपनाने के लिए प्रेरित करना है। हालांकि, यह भी आवश्यक है कि सरकार किसानों को पराली प्रबंधन के लिए उचित सहायता और संसाधन उपलब्ध कराए ताकि वे मजबूरी में पराली जलाने का सहारा न लें।
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