सारांश  उत्तर प्रदेश के संभल में मस्जिद सर्वे के कारण हुए विवाद ने गंभीर रूप ले लिया। हिंसक झड़प में 20 से अधिक पुलिसकर्मी और कई लोग घायल हुए। पुलिस ने लाठीचार्ज और आंसू गैस के गोले छोड़े। 4 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है। प्रशासन ने इंटरनेट सेवाएं बंद कर दीं और 12वीं तक के स्कूल-कॉलेज बंद कर दिए।


संभल में मस्जिद सर्वे विवाद: हिंसा के बाद इंटरनेट सेवाएं बंद, स्कूल-कॉलेज भी बंद


संभल में मस्जिद सर्वे के कारण बढ़ा तनाव

रविवार को उत्तर प्रदेश के संभल में मस्जिद सर्वे को लेकर तनाव अचानक बढ़ गया। पहले शांत दिख रहा मामला जल्द ही हिंसक झड़प में बदल गया। जैसे ही प्रशासनिक अधिकारी मस्जिद का सर्वे करने पहुंचे, विरोध जताने के लिए लोग जमा हो गए। यह विरोध जल्द ही हिंसा में तब्दील हो गया।


भीड़ ने पुलिस पर पथराव और आगजनी शुरू कर दी। स्थिति नियंत्रण से बाहर होने पर पुलिस को लाठीचार्ज और आंसू गैस का सहारा लेना पड़ा। इस हिंसा में 20 से अधिक पुलिसकर्मी और करीब दो दर्जन लोग घायल हुए। इसके अलावा, अब तक 4 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है।


प्रशासन ने कड़े कदम उठाए

इस घटना के बाद जिला प्रशासन ने स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए कई कदम उठाए। सबसे पहले, इलाके में इंटरनेट सेवाएं अगले 24 घंटे के लिए बंद कर दी गईं। 12वीं तक के सभी स्कूल और कॉलेजों को अगले आदेश तक बंद रखने का निर्णय लिया गया।


इसके अलावा, क्षेत्र में किसी भी बाहरी व्यक्ति, सामाजिक संगठन या जन प्रतिनिधि के बिना अनुमति प्रवेश पर 1 दिसंबर तक प्रतिबंध लगा दिया गया। नागरिकों को पत्थर, ज्वलनशील सामग्री, या सोडा की बोतलें खरीदने या जमा करने पर रोक लगा दी गई है।


स्थानीय नेताओं और नागरिकों की प्रतिक्रियाएं

इस गंभीर घटना पर स्थानीय सांसद जियाउर्रहमान ने अपनी चिंता व्यक्त की। उन्होंने जनता से शांति बनाए रखने की अपील की और कहा, “यह आखिरी फैसला नहीं है। सभी को अल्लाह की अदालत में जवाब देना होगा। मैं लोगों से संयम बरतने और प्रशासन का सहयोग करने का अनुरोध करता हूं।”


वहीं, कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर बयान जारी करते हुए बीजेपी पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि बीजेपी समाज को बांटने की राजनीति कर रही है। राहुल गांधी ने जनता से शांति और एकता बनाए रखने का आग्रह किया।


डर और असुरक्षा के साए में स्थानीय लोग

संभल की स्थिति इतनी बिगड़ गई कि कई स्थानीय लोग अपने घरों में ताला लगाकर सुरक्षित स्थानों पर जाने को मजबूर हो गए। कुछ परिवार अस्थायी रूप से रिश्तेदारों के पास चले गए हैं, जबकि अन्य ने राहत शिविरों में शरण ली है।


इलाके के लोगों का कहना है कि वे अपने भविष्य को लेकर चिंतित हैं। “हम यहां सुरक्षित महसूस नहीं करते। प्रशासन से उम्मीद है कि जल्द ही स्थिति को सामान्य किया जाएगा,” एक स्थानीय निवासी ने कहा।


अधिकारियों की योजना और सुरक्षा प्रबंध

संभल प्रशासन ने घटना के मद्देनजर सुरक्षा व्यवस्था और कड़ी कर दी है। अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है, और इलाके में हर संदिग्ध गतिविधि पर नजर रखी जा रही है।


प्रशासनिक अधिकारियों का कहना है कि मस्जिद सर्वे का उद्देश्य कानूनी विवादों को सुलझाना था। लेकिन जनता के बीच गलतफहमी और भड़काऊ अफवाहों के कारण मामला गंभीर हो गया। जिला अधिकारी ने कहा, “हम सभी पक्षों से शांति बनाए रखने की अपील करते हैं और आश्वासन देते हैं कि कानून के अनुसार निष्पक्ष कार्रवाई होगी।”


आगे की राह

इस घटना ने क्षेत्र में शांति और आपसी विश्वास को गहरा झटका दिया है। प्रशासन, नेताओं और सामाजिक संगठनों को एक साथ आकर जनता को यह भरोसा दिलाना होगा कि न्याय होगा और ऐसे हालात दोबारा नहीं बनेंगे।


स्थानीय लोगों और धार्मिक समुदायों को भी शांति और एकता का संदेश फैलाना चाहिए। साथ ही, प्रशासन को भड़काऊ अफवाहों पर रोक लगाने और संवाद को बढ़ावा देने की दिशा में काम करना होगा।

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