सारांश : झारखंड विधानसभा चुनाव 2024 के दूसरे और अंतिम चरण में 38 सीटों पर मतदान हो रहा है। सुबह 11 बजे तक 31% वोटिंग दर्ज की गई। झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के नेतृत्व वाले 'इंडिया' गठबंधन और भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए के बीच कड़ा मुकाबला है। पहले चरण का मतदान 13 नवंबर को हुआ था।
झारखंड में लोकतंत्र का महापर्व: दूसरे चरण में जोश और उत्साह
झारखंड में विधानसभा चुनाव के दूसरे और अंतिम चरण का मतदान आज हो रहा है। 81 सदस्यीय विधानसभा की कुल 38 सीटों के लिए यह चरण निर्णायक माना जा रहा है। झारखंड के मतदाता सुबह से ही मतदान केंद्रों पर पहुंचकर अपनी भागीदारी सुनिश्चित कर रहे हैं।
सुबह से ही मतदान में तेजी
सुबह 7 बजे से मतदान प्रक्रिया शुरू हुई। चुनाव आयोग के अनुसार, 11 बजे तक कुल 31% मतदान दर्ज किया गया, जो दर्शाता है कि झारखंड की जनता लोकतंत्र के प्रति उत्साहित है। मतदाता लंबी कतारों में खड़े होकर अपने अधिकार का प्रयोग कर रहे हैं।
मुख्य राजनीतिक मुकाबला: झामुमो बनाम भाजपा
इस बार का चुनाव झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के नेतृत्व वाले 'इंडिया' गठबंधन और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के बीच है। झामुमो ने स्थानीय मुद्दों जैसे रोजगार, शिक्षा और आदिवासी अधिकारों पर जोर दिया है, जबकि भाजपा ने विकास और बुनियादी ढांचे को अपना मुख्य एजेंडा बनाया है।
पहले चरण का प्रभाव
13 नवंबर को हुए पहले चरण के मतदान में 43 सीटों के लिए वोटिंग हुई थी। पहले चरण में भी जनता की भागीदारी प्रशंसनीय रही, और अब दूसरे चरण में भी मतदान की तेज गति इसे और खास बना रही है।
सुरक्षा इंतजाम: नक्सल प्रभावित क्षेत्रों पर विशेष ध्यान
चुनाव आयोग ने दूसरे चरण के लिए कड़े सुरक्षा इंतजाम किए हैं। नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में सुरक्षा बलों की अतिरिक्त तैनाती की गई है। इसके अलावा, मतदान केंद्रों पर ईवीएम और वीवीपैट की सुरक्षा के लिए भी विशेष प्रबंध किए गए हैं।
महिलाओं और युवाओं का उत्साह
इस चुनाव में महिलाओं और युवाओं की भागीदारी पर खास ध्यान दिया जा रहा है। मतदान केंद्रों पर महिलाओं की उपस्थिति ने लोकतांत्रिक प्रक्रिया को मजबूत किया है। वहीं, युवा मतदाता भी अपनी भागीदारी से बदलाव की उम्मीद जता रहे हैं।
वोटिंग का महत्व: जागरूकता का संदेश
विशेषज्ञों का कहना है कि झारखंड चुनाव न केवल राजनीतिक दलों के लिए बल्कि राज्य के विकास के लिए भी अहम है। जनता अपने वोट के माध्यम से न केवल सरकार चुनती है, बल्कि अपनी अपेक्षाएं और प्राथमिकताएं भी व्यक्त करती है।
चुनावी मुद्दे और जनता की उम्मीदें
झारखंड के ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में रोजगार, शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति, और आदिवासी अधिकार सबसे बड़े मुद्दे बने हुए हैं। झामुमो ने इन मुद्दों पर गहरी पकड़ बनाने की कोशिश की है, जबकि भाजपा ने बुनियादी ढांचे के विकास और रोजगार सृजन पर जोर दिया है।
मतदान के बाद की प्रक्रिया
चुनाव आयोग ने मतगणना के लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं। 23 नवंबर को मतों की गिनती होगी, और उसी दिन यह तय होगा कि राज्य की सत्ता किसके हाथ में जाएगी।
जनता की अपील: वोट डालें, भविष्य बनाएं
चुनाव के दौरान विभिन्न सामाजिक संगठनों और विशेषज्ञों ने जनता से अपील की है कि वे अधिक से अधिक संख्या में वोटिंग करें। लोकतंत्र को मजबूत बनाने के लिए हर एक वोट का महत्व है।
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