सारांश : महाराष्ट्र और झारखंड में विधानसभा चुनाव के लिए मतदान जारी है। महाराष्ट्र में 228 सीटों पर 3 बजे तक 45.53% मतदान दर्ज हुआ, जबकि झारखंड में 81 में से 38 सीटों पर दूसरे चरण का मतदान हो रहा है। दोनों राज्यों में बड़े नेताओं की प्रतिष्ठा दांव पर है।
महाराष्ट्र और झारखंड में लोकतंत्र का उत्सव: दिग्गज नेताओं की साख और जनता की भागीदारी
महाराष्ट्र: मतदान की स्थिति
महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के लिए आज सुबह 7 बजे से मतदान प्रक्रिया शुरू हुई। कुल 228 सीटों के लिए हो रहे इस चुनाव में अब तक 3 बजे तक 45.53% मतदान दर्ज किया गया। शहरी क्षेत्रों में मतदान की रफ्तार धीमी रही, जबकि ग्रामीण इलाकों में मतदाता अपेक्षाकृत सक्रिय नजर आए।
दिग्गज नेताओं पर नजरें
महाराष्ट्र के इस चुनाव में कई दिग्गज नेताओं की प्रतिष्ठा दांव पर है। इनमें शरद पवार, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, डिप्टी सीएम अजित पवार और भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस प्रमुख हैं। महाविकास अघाड़ी (शिवसेना उद्धव गुट, कांग्रेस, एनसीपी शरद गुट) और महायुति (शिवसेना शिंदे गुट, भाजपा, एनसीपी अजित गुट) के बीच मुकाबला बेहद कड़ा है।
कम मतदान पर चिंता
मनसे प्रमुख राज ठाकरे और केंद्रीय मंत्रियों ने राज्य में धीमी मतदान दर को लेकर चिंता व्यक्त की है। उन्होंने जनता से अपील की है कि वे अपने मताधिकार का उपयोग करें और लोकतंत्र को सशक्त बनाएं। राज ठाकरे ने कहा, "यह चुनाव महाराष्ट्र के भविष्य के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। हर वोट कीमती है।"
झारखंड: दूसरे चरण का मतदान
81 में से 38 सीटों पर मतदान
झारखंड में आज विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण के तहत 81 में से 38 सीटों पर मतदान हो रहा है। सत्तारूढ़ झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) और कांग्रेस के गठबंधन इंडिया ब्लॉक का मुकाबला भाजपा नीत एनडीए से है।
मतदान केंद्रों पर उत्साह
राज्य के विभिन्न मतदान केंद्रों पर सुबह से ही लंबी कतारें देखने को मिलीं। नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में भी सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं, जिससे मतदाता बेखौफ होकर अपने मताधिकार का प्रयोग कर रहे हैं।
प्रमुख मुद्दे
झारखंड में आदिवासी अधिकार, रोजगार, खनन नीति और ग्रामीण विकास मुख्य चुनावी मुद्दे हैं। झामुमो और कांग्रेस ने विकास और जनहित योजनाओं के वादे किए हैं, जबकि भाजपा ने स्थायित्व और विकास के अपने एजेंडे पर जोर दिया है।
सुरक्षा और प्रबंधन
दोनों राज्यों में शांतिपूर्ण मतदान सुनिश्चित करने के लिए व्यापक सुरक्षा इंतजाम किए गए हैं। महाराष्ट्र में शहरी और ग्रामीण इलाकों में पुलिस बल की तैनाती की गई है, जबकि झारखंड में नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में विशेष सुरक्षा बलों को तैनात किया गया है।
झारखंड में विशेष सुरक्षा इंतजाम
झारखंड के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में ड्रोन और सीसीटीवी कैमरों से निगरानी की जा रही है। मतदान केंद्रों पर अतिरिक्त सुरक्षा बल तैनात किए गए हैं।
चुनावी प्रचार और नेताओं की अपील
चुनाव से पहले दोनों राज्यों में बड़े पैमाने पर प्रचार अभियान चलाए गए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कांग्रेस नेता राहुल गांधी और अन्य प्रमुख नेताओं ने अपनी-अपनी पार्टियों के लिए प्रचार किया। महाराष्ट्र और झारखंड के नेताओं ने जनता से लोकतंत्र के महापर्व में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेने की अपील की।
महाराष्ट्र में प्रचार का माहौल
महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी और महायुति गठबंधन के नेताओं ने एक-दूसरे पर तीखे आरोप लगाए। उद्धव ठाकरे ने भाजपा और शिंदे गुट को "जनता के विश्वास के साथ धोखा" देने का आरोप लगाया, जबकि देवेंद्र फडणवीस ने महाविकास अघाड़ी को "विकास-विरोधी" बताया।
चुनाव परिणाम और भविष्य की उम्मीदें
महाराष्ट्र और झारखंड में मतदान के बाद 23 नवंबर को परिणाम घोषित किए जाएंगे। इन चुनावों के नतीजे न केवल इन राज्यों की राजनीतिक दिशा तय करेंगे, बल्कि राष्ट्रीय राजनीति पर भी इसका असर पड़ेगा।
झारखंड में सत्ता का समीकरण
झारखंड में इंडिया ब्लॉक और एनडीए के बीच कड़ी टक्कर है। यह देखना दिलचस्प होगा कि जनता किसे अपना प्रतिनिधि चुनती है और राज्य का राजनीतिक समीकरण किस ओर जाता है।
महाराष्ट्र की राजनीति में बदलाव की संभावना
महाराष्ट्र के चुनाव परिणाम से राज्य की सत्ता का भविष्य तय होगा। महाविकास अघाड़ी और महायुति दोनों ही अपनी-अपनी जीत को लेकर आश्वस्त हैं, लेकिन जनता का अंतिम फैसला सभी के लिए महत्वपूर्ण होगा।
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