सारांश : महाराष्ट्र में विधानसभा चुनावों के नतीजों से पहले सियासी गहमागहमी तेज हो गई है। महायुति और महाविकास अघाड़ी दोनों ही गठबंधन संभावित त्रिशंकु विधानसभा की स्थिति में सरकार बनाने के लिए पूरी रणनीति तैयार कर चुके हैं। निर्दलीय विधायकों और बागियों को साधने से लेकर विधायकों की बाड़ेबंदी तक हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं।

Result से पहले सियासी हलचल : Maharashtra में Government बनाने की तैयारी तेज


महाराष्ट्र चुनाव : सियासी रणनीतियों का दौर

महाराष्ट्र की राजनीति में इस वीकेंड का दिन बेहद खास है। शनिवार को सुबह 10 बजे से चुनावी नतीजों का ऐलान शुरू होगा, जिससे यह तय हो जाएगा कि अगली सरकार किसकी बनेगी। महायुति (भाजपा, शिवसेना, अजित पवार गुट) और महाविकास अघाड़ी (कांग्रेस, उद्धव ठाकरे गुट, एनसीपी) दोनों ही गठबंधन बहुमत पाने के लिए बेहद उत्सुक हैं। हालांकि, किसी भी पक्ष को पूर्ण बहुमत नहीं मिलने की संभावना के बीच सियासी गतिविधियां तेज हो गई हैं।


नतीजों से पहले सियासी गलियों से लेकर गली-मोहल्लों तक चर्चाओं का दौर जारी है। जहां एग्जिट पोल ने महायुति को बढ़त दिखाई है, वहीं दोनों पक्ष संभावित संकट से निपटने के लिए तैयार हैं। गठबंधन में दरार और विधायकों की खरीद-फरोख्त जैसी संभावनाओं से बचने के लिए रणनीतियां बनाई जा रही हैं।


महायुति की तैयारी : हेलिकॉप्टर और होटल बुक

महायुति की ओर से विधायकों को एकजुट रखने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए गए हैं। रिपोर्ट्स के अनुसार, संभावित जीतने वाले विधायकों को विरोधी पार्टियों के प्रभाव से बचाने के लिए हेलिकॉप्टर और होटलों की बुकिंग की जा चुकी है। भाजपा, शिवसेना और एनसीपी का दावा है कि उन्हें पूर्ण बहुमत मिलेगा, लेकिन इसके बावजूद वे निर्दलीयों और बागियों से संपर्क में हैं।


शिवसेना नेता संजय राउत ने इस मामले पर कहा, "हमने केवल विधायकों के ठहरने और खाने की व्यवस्था की है, इसे किसी अन्य नजरिए से न देखा जाए।"


महाविकास अघाड़ी: विधायकों की बाड़ेबंदी शुरू

महाविकास अघाड़ी ने भी संभावित त्रिशंकु विधानसभा को लेकर अपनी तैयारियां पूरी कर ली हैं। उद्धव ठाकरे, शरद पवार, और अन्य नेताओं ने इस स्थिति से निपटने के लिए गहन चर्चा की है। गठबंधन का मानना है कि उन्हें सरकार बनाने लायक सीटें मिल जाएंगी, लेकिन भाजपा की 'ऑपरेशन लोटस' रणनीति का मुकाबला करने के लिए सतर्कता बरत रहे हैं।


कांग्रेस नेता बालासाहेब थोराट, जयंत पाटिल और संजय राउत ने मुंबई के एक होटल में लंबी बैठक के बाद अपनी योजना तैयार की है। उनका जोर है कि विधायकों को एकजुट रखा जाए ताकि किसी भी तरह की खरीद-फरोख्त से बचा जा सके।


निर्दलीय और बागी : सियासत की नई चाबी

महाराष्ट्र चुनाव में निर्दलीय उम्मीदवार और बागी नेता सरकार बनाने की चाबी बन सकते हैं। महायुति और महाविकास अघाड़ी, दोनों ही पक्ष इन्हें अपने पक्ष में करने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं।


भाजपा का दावा है कि उन्हें निर्दलीयों की जरूरत नहीं होगी, क्योंकि उनकी सीटें बहुमत के आंकड़े को पार कर लेंगी। वहीं, महाविकास अघाड़ी भी छोटे दलों और निर्दलीयों से संपर्क साधने में जुटी है। कांग्रेस और एनसीपी नेताओं ने स्पष्ट किया है कि सभी विधायकों को एकजुट रखा जाएगा, और पार्टी विरोधी गतिविधियों को रोका जाएगा।


छोटे दलों की भूमिका पर नजर

महाराष्ट्र चुनाव में छोटे दल जैसे वंचित विकास अघाड़ी का प्रदर्शन भी अहम रहेगा। भाजपा और कांग्रेस दोनों ही इन दलों के नेताओं से संपर्क में हैं। पार्टियां संभावित बगावत या गठबंधन तोड़ने जैसी घटनाओं से निपटने के लिए तैयार हैं।


एक सीनियर नेता ने कहा, "छोटे दलों का समर्थन निर्णायक हो सकता है। इसलिए, उनकी जरूरतों और मांगों को प्राथमिकता दी जा रही है।"


नतीजों का इंतजार: सियासी हलचल चरम पर

शनिवार को आने वाले चुनावी नतीजों ने राज्य की राजनीति में हलचल मचा दी है। जहां एक ओर महायुति को एग्जिट पोल ने बढ़त दी है, वहीं महाविकास अघाड़ी भी अपनी जीत के प्रति आश्वस्त है। निर्दलीयों और छोटे दलों की भूमिका आने वाले दिनों में राज्य की राजनीति की दिशा तय करेगी।

Post a Comment

और नया पुराने