सारांश : महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव प्रचार में PM नरेंद्र मोदी ने महाविकास अघाड़ी (MVA) पर कटाक्ष करते हुए महायुति (BJP+शिवसेना) को सुशासन देने में सक्षम बताया। उन्होंने कहा कि MVA की गाड़ी में न पहिए हैं, न ब्रेक, और ड्राइवर की सीट के लिए भी झगड़ा हो रहा है। नासिक में एक रैली में उन्होंने महाराष्ट्र के विकास के लिए महायुति सरकार की जरूरत पर जोर दिया।
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के प्रचार अभियान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महाविकास अघाड़ी (MVA) गठबंधन पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने धुले जिले में आयोजित जनसभा में MVA की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए इसे अस्थिर और आपसी कलह से ग्रसित बताया। पीएम मोदी ने कहा कि महाराष्ट्र में सुशासन की जरूरत है, जो केवल महायुति सरकार ही दे सकती है। MVA की गाड़ी में पहिए और ब्रेक की कमी की तुलना करते हुए उन्होंने कहा, "महाविकास अघाड़ी में ड्राइविंग सीट पर बैठने के लिए भी झगड़ा हो रहा है।" उनके इस बयान के बाद सभा में तालियों की गूंज सुनाई दी, और उन्होंने महाराष्ट्र के विकास के लिए एक स्थिर और प्रभावी नेतृत्व की आवश्यकता पर जोर दिया।
धुले जिले के बाद पीएम मोदी की अगली सभा नासिक में आयोजित की गई, जहां उन्होंने दोपहर 2 बजे एक बड़ी रैली को संबोधित किया। अपने भाषण में उन्होंने महाराष्ट्र की जनता को सुशासन और स्थिरता के महत्व को समझाने का प्रयास किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि महायुति सरकार (BJP और शिवसेना का गठबंधन) ही महाराष्ट्र को आवश्यक विकास दे सकती है, जबकि दूसरी तरफ महाविकास अघाड़ी में आंतरिक असहमति और विवाद का माहौल है।
MVA पर पीएम मोदी का निशाना:
पीएम मोदी ने MVA की तुलना एक ऐसी गाड़ी से की, जिसमें न पहिए हैं, न ब्रेक, और न ही स्पष्ट दिशा है। उन्होंने इस गठबंधन को अव्यवस्थित और कमजोर बताते हुए इसे महाराष्ट्र के भविष्य के लिए खतरा बताया। उन्होंने कहा कि महाविकास अघाड़ी की गाड़ी में न केवल नेतृत्व के लिए विवाद चल रहा है, बल्कि इसके नेताओं के बीच तालमेल की भी कमी है। पीएम मोदी ने यह भी कहा कि ऐसे गठबंधन से महाराष्ट्र का विकास रुक जाएगा, क्योंकि इसका नेतृत्व ही आपस में सहमत नहीं है।
उन्होंने महाराष्ट्र के नागरिकों से अपील की कि वे ऐसी अस्थिर सरकार को चुनने से बचें, जो केवल आंतरिक विवादों में उलझी रहती है। पीएम मोदी ने कहा कि महाराष्ट्र का भविष्य एक स्थिर, विकासशील और विश्वसनीय सरकार में निहित है। उनका कहना था कि MVA का केवल सत्ता में आने का उद्देश्य है, जबकि महायुति का लक्ष्य महाराष्ट्र को एक उन्नत और खुशहाल राज्य बनाना है।
गृह मंत्री अमित शाह का समर्थन:
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी इस अभियान में जोर-शोर से शामिल हुए। सांगली और कोल्हापुर में आयोजित रैलियों में उन्होंने महायुति के उम्मीदवारों के समर्थन में जनसभाएं कीं। शाह ने भी MVA पर निशाना साधते हुए इसे अस्थिरता और विवाद का प्रतीक बताया। उन्होंने जनता को यह विश्वास दिलाने का प्रयास किया कि महायुति के पास महाराष्ट्र को सुशासन और विकास देने की क्षमता है। उन्होंने कहा कि महायुति सरकार महाराष्ट्र के किसानों, मजदूरों, और युवाओं के कल्याण के लिए कई योजनाएं लेकर आएगी।
अमित शाह ने महाराष्ट्र की जनता को आश्वासन दिया कि यदि महायुति को सत्ता मिलती है तो राज्य में विकास की एक नई शुरुआत होगी। उन्होंने कहा कि MVA की सरकार ने केवल राजनीतिक अवसरवादिता का प्रदर्शन किया है, और इसके चलते राज्य के हितों की अनदेखी की गई है। अमित शाह ने महायुति के प्रति जनता का समर्थन मांगते हुए कहा कि यह गठबंधन महाराष्ट्र को सही दिशा में ले जाएगा।
महायुति की प्रतिबद्धता:
महायुति गठबंधन ने महाराष्ट्र के विकास और सुशासन के प्रति अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की है। बीजेपी और शिवसेना का यह गठबंधन राज्य के नागरिकों के जीवन स्तर को सुधारने और रोजगार के अवसर बढ़ाने के लिए कई योजनाएं लेकर आ रहा है। पीएम मोदी ने कहा कि महाराष्ट्र में अब बदलाव का समय है, और जनता को एक ऐसी सरकार की जरूरत है, जो उनकी जरूरतों को समझे और उनके विकास के लिए कार्य करे। उन्होंने जनता को यह भी आश्वासन दिया कि महायुति सरकार राज्य की शिक्षा, स्वास्थ्य, और रोजगार में सुधार लाने के लिए ठोस कदम उठाएगी।
महायुति सरकार ने यह भी वादा किया है कि वह राज्य में बड़े निवेश आकर्षित करेगी, जिससे आर्थिक उन्नति और रोजगार सृजन हो सकेगा। उनका कहना है कि महाराष्ट्र को एक स्थिर और कुशल नेतृत्व की आवश्यकता है, जो उसकी जरूरतों को समझकर सही दिशा में ले जा सके। महायुति ने अपने घोषणापत्र में कई विकास योजनाओं को शामिल किया है, जिनसे राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में सुधार आएगा।
MVA की प्रतिक्रिया:
महाविकास अघाड़ी ने पीएम मोदी और अमित शाह के बयानों पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उनके नेताओं ने कहा है कि MVA एक स्थिर और प्रगतिशील गठबंधन है, जो महाराष्ट्र के सभी वर्गों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है। MVA नेताओं ने यह भी कहा कि महायुति का प्रचार अभियान केवल जनता को गुमराह करने के लिए है, और उनकी सरकार ने राज्य के लिए कई लाभकारी योजनाएं लागू की हैं। उन्होंने कहा कि महायुति केवल राजनीतिक लाभ के लिए राज्य की स्थिति को खराब करने की कोशिश कर रही है।
MVA के नेताओं का कहना है कि उनकी सरकार ने कोरोना महामारी के समय में जनता की पूरी सहायता की और राज्य को स्थिरता प्रदान की। उन्होंने यह भी कहा कि महायुति गठबंधन की सरकार केवल अमीरों और बड़े उद्योगपतियों के हितों की रक्षा करेगी, जबकि MVA गरीब और मध्यम वर्ग के लोगों की भलाई के लिए कार्य कर रही है।
चुनाव की स्थिति:
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में महायुति और महाविकास अघाड़ी के बीच कड़ा मुकाबला है। दोनों गठबंधनों ने अपनी-अपनी रैलियों और सभाओं में जनता से समर्थन मांगा है। यह चुनाव महाराष्ट्र के भविष्य के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है, और जनता को यह तय करना है कि वह किस प्रकार की सरकार चाहती है।
पीएम मोदी और अमित शाह की रैलियों ने चुनावी माहौल को और गर्म कर दिया है, और अब सभी की निगाहें मतदान के परिणामों पर हैं। महायुति जहां सुशासन और विकास की बात कर रही है, वहीं MVA जनता के कल्याण और समानता का मुद्दा उठा रही है। ऐसे में महाराष्ट्र के मतदाताओं को एक सूझबूझ भरा निर्णय लेना होगा, जिससे राज्य का भविष्य संवार सके।
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