सारांश : महाराष्ट्र में भाजपा के नेता देवेंद्र फडणवीस के मुख्यमंत्री बनने की संभावना के साथ सरकार के गठन की प्रक्रिया तेजी से आगे बढ़ रही है। हालांकि, सवाल यह उठता है कि शिवसेना (एकनाथ शिंदे गुट) और एनसीपी के हिस्से में कौन से मंत्रालय जाएंगे और शिंदे का क्या राजनीतिक भविष्य होगा। फडणवीस की मुख्यमंत्री पद की दावेदारी के बावजूद, शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना गृह मंत्रालय जैसे महत्वपूर्ण विभागों की मांग कर रही है, जिससे मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री पदों को लेकर स्थिति साफ नहीं हो पाई है।

महाराष्ट्र में नए Chief Minister की नियुक्ति और Government का स्वरूप : Devendra Fadnavis और Eknath Shinde के बीच शक्ति संघर्ष


मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री की भूमिका का सवाल

महाराष्ट्र में भाजपा, शिवसेना और एनसीपी की महायुति सरकार के गठन को लेकर बड़े सवाल उठ रहे हैं। प्रमुख नेता देवेंद्र फडणवीस के मुख्यमंत्री बनने की संभावना जताई जा रही है, जबकि दो डिप्टी सीएम पद शिवसेना और एनसीपी के नेताओं को मिलने की उम्मीद है। हालांकि, सबसे बड़ा सवाल यह है कि मुख्यमंत्री के पद पर देवेंद्र फडणवीस के साथ-साथ शिंदे गुट की भूमिका और मंत्रालयों का बंटवारा कैसे होगा। 4 दिसंबर को भाजपा विधायकों की बैठक होने की उम्मीद है, और 5 दिसंबर को शपथ ग्रहण समारोह तय है, लेकिन सरकार के स्वरूप को लेकर स्थिति अभी स्पष्ट नहीं है।


शिंदे का भविष्य और उनकी भूमिका

एकनाथ शिंदे के बारे में यह सवाल उठ रहा है कि वे क्या केंद्रीय राजनीति में जाने का निर्णय लेंगे या फिर डिप्टी सीएम पद स्वीकार करेंगे। शिंदे का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह जो भी निर्णय लेंगे, वह उनका समर्थन करेंगे। हालांकि, शिंदे के समर्थकों के बीच यह चर्चा है कि उनका बेटा श्रीकांत शिंदे डिप्टी सीएम बन सकते हैं, लेकिन शिंदे इस पर सीधे कोई प्रतिक्रिया देने से बच रहे हैं।


मंत्रालयों का बंटवारा

बीजेपी चाहती है कि वह गृह मंत्रालय समेत 20 से अधिक मंत्रालय अपने पास रखे, जबकि शिवसेना और एनसीपी को भी मंत्रालय दिए जाएंगे। शिवसेना 11-12 मंत्रालयों की मांग कर रही है और एनसीपी को 10 मंत्रालय दिए जाने की संभावना है। अजित पवार को वित्त मंत्रालय देने की चर्चाएं चल रही हैं। हालांकि, शिवसेना के नेताओं ने एकनाथ शिंदे को फिर से मुख्यमंत्री बनाने की मांग की है, और एनसीपी ने फडणवीस के नाम पर सहमति जताई है।


फडणवीस और शिंदे के बीच टकराव

महाराष्ट्र में महायुति की सरकार का गठन असमंजस की स्थिति में है। शिंदे गुट का तर्क है कि चुनाव एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में लड़ा गया था और उनकी योजनाओं को जनता तक पहुंचाया गया। हालांकि, बीजेपी के पास सबसे बड़ी पार्टी होने के कारण सीएम पद पर उनका दावा मजबूत है। शिंदे गुट गृह मंत्रालय की मांग कर रहा है, लेकिन बीजेपी इस पर सहमत नहीं हो रही है। इस स्थिति में यह देखना होगा कि शिंदे को आखिरकार क्या पद मिलेगा और उनके मंत्रालयों का बंटवारा कैसे होगा।


महायुति में कितनी सीटें जीतीं?

महाराष्ट्र में महायुति गठबंधन में बीजेपी, शिवसेना (शिंदे गुट) और एनसीपी प्रमुख रूप से शामिल हैं। कुल 288 सीटों में से महायुति ने 233 सीटें जीतकर शानदार सफलता हासिल की। बीजेपी ने 132 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनने का दावा किया, जबकि शिवसेना और एनसीपी ने क्रमशः 57 और 41 सीटों पर जीत दर्ज की।


शिवसेना के दावे और बीजेपी की स्थिति

शिवसेना का यह तर्क है कि चुनाव शिंदे के नेतृत्व में लड़ा गया था और उनकी भूमिका को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। शिंदे गुट का कहना है कि जब फडणवीस डिप्टी सीएम थे, तो उनके पास गृह मंत्रालय था, इसलिए यदि शिंदे को डिप्टी सीएम बनाया जाता है, तो उन्हें यह मंत्रालय दिया जाना चाहिए।


राजनीतिक असमंजस और जल्द समाधान की उम्मीद

सरकार के गठन में देरी के पीछे महायुति के नेताओं का कहना है कि यह पहली बार नहीं है, जब सरकार गठन में समय लग रहा है। इससे पहले 1999 में भी महाराष्ट्र में सरकार बनने में एक महीने का समय लगा था। इस समय भी महायुति के नेताओं के बीच विभिन्न मुद्दों पर चर्चा चल रही है, और उम्मीद जताई जा रही है कि जल्द ही अंतिम निर्णय लिया जाएगा।


निष्कर्ष

महाराष्ट्र में सरकार गठन की प्रक्रिया अब अंतिम चरण में है, लेकिन मुख्यमंत्री पद और मंत्रालयों के बंटवारे को लेकर अभी भी असमंजस बना हुआ है। फडणवीस के मुख्यमंत्री बनने के साथ-साथ शिंदे गुट की मांग और मंत्रालयों का बंटवारा राज्य की राजनीतिक दिशा तय करेगा। यह देखना होगा कि इस असमंजस का समाधान कब और कैसे निकलता है।

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