सारांश : किसानों ने अपनी मांगों को लेकर दिल्ली की ओर कूच किया। नोएडा में हजारों किसान महामाया फ्लाईओवर पर एकत्र हुए, जिससे कई जगह ट्रैफिक जाम लग गया। पुलिस ने 5000 जवान, PAC और वाटर कैनन के साथ सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं। किसानों ने बढ़ा हुआ मुआवजा और विकसित जमीन की मांग को लेकर संसद घेराव की योजना बनाई है।
दिल्ली की ओर कूच, नोएडा में किसानों का हुजूम
किसानों ने अपनी लंबित मांगों के समर्थन में रविवार को दिल्ली कूच का ऐलान किया। हजारों की संख्या में किसान नोएडा के महामाया फ्लाईओवर पर जुट गए, जहां से वे संसद का घेराव करने की तैयारी में हैं। किसानों के इस आंदोलन ने नोएडा में यातायात को प्रभावित किया है। कई प्रमुख मार्गों को डायवर्ट किया गया है।
नोएडा पुलिस के एडिशनल कमिश्नर (लॉ एंड ऑर्डर) शिव हरी मीणा ने बताया कि किसानों से लगातार संवाद किया जा रहा है। उन्होंने कहा, "हमने किसानों को रोकने के लिए हर संभव प्रयास किया, लेकिन वे अपनी जिद पर अड़े हुए हैं।"
सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम
किसानों के इस आंदोलन को देखते हुए सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। नोएडा पुलिस ने 5000 जवानों को तैनात किया है, जिनमें 1000 PAC के जवान शामिल हैं। वाटर कैनन, वज्र वाहन और टीयर गैस जैसे उपकरण भी तैयार रखे गए हैं। पुलिस ने स्थिति पर नियंत्रण बनाए रखने के लिए हर संभव उपाय किए हैं।
मीणा ने बताया कि ट्रैफिक को सुगम बनाए रखने के लिए पहले ही डायवर्जन और वैकल्पिक मार्गों की एडवाइजरी जारी कर दी गई थी। बावजूद इसके, नोएडा के कई इलाकों में जाम की स्थिति बनी हुई है।
महामाया फ्लाईओवर पर किसानों का जमावड़ा
महामाया फ्लाईओवर के नीचे किसान बड़ी संख्या में इकट्ठा हुए। ग्रेटर नोएडा यमुना प्राधिकरण से निकले किसानों ने पुलिस के रोकने के प्रयासों को नकारते हुए अपनी यात्रा जारी रखी। "हल्ला बोल" के नारों के साथ किसानों का काफिला दिल्ली की ओर बढ़ रहा है।
किसान संगठनों का कहना है कि उनकी पांच प्रमुख मांगे हैं, जिनमें से बढ़ा हुआ मुआवजा और अधिकृत जमीन में से 10% विकसित जमीन देने की मांग सबसे अहम है। किसानों का कहना है कि उनकी मांगों को लंबे समय से नजरअंदाज किया जा रहा है।
किसानों का दिल्ली तक का सफर
किसान संगठनों ने कहा है कि वे दिल्ली जाकर संसद का घेराव करेंगे। उनका आरोप है कि सरकार उनकी समस्याओं को हल करने में असफल रही है। रविवार को कई घंटे चली बातचीत के बाद भी कोई समाधान नहीं निकल पाया। इसके बाद किसानों ने आंदोलन तेज करने का निर्णय लिया।
प्रमुख मांगें और आंदोलन की वजह
किसानों की मुख्य मांगों में बढ़ा हुआ मुआवजा, अधिकृत जमीन में से 10% विकसित जमीन, उचित पुनर्वास, और जमीन अधिग्रहण से जुड़े नियमों में पारदर्शिता की मांग शामिल हैं। किसानों का कहना है कि इन मांगों को लेकर वे लंबे समय से धरने पर बैठे हैं, लेकिन अब तक कोई ठोस परिणाम नहीं निकला है।
ट्रैफिक और आम जनता पर असर
किसानों के आंदोलन ने नोएडा और आसपास के इलाकों में यातायात को बुरी तरह प्रभावित किया है। महामाया फ्लाईओवर और ग्रेटर नोएडा की कई सड़कें जाम हो गई हैं। पुलिस द्वारा जारी की गई वैकल्पिक मार्गों की सलाह के बावजूद, कई लोग जाम में फंसे रहे।
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