सारांश : अफगानिस्तान में एक बार फिर भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। 4.2 तीव्रता का यह भूकंप उत्तरी अफगानिस्तान में आया, जिसने कई प्रांतों के नागरिकों को प्रभावित किया। पिछले तीन वर्षों में अफगानिस्तान में लगभग 400 भूकंप आए हैं, जो इस देश की जलवायु-संवेदनशीलता को दर्शाते हैं।


Afghanistan में Earthquake के झटकों से हिली धरती : 24 घंटे में दूसरी बार प्रकृति का प्रकोप


भूकंप का ताजा झटका:

नेशनल सेंटर ऑफ सीस्मोलॉजी (एनसीएस) के अनुसार, उत्तरी अफगानिस्तान में भारतीय मानक समय (आईएसटी) के मुताबिक सुबह 05:05 बजे 4.2 तीव्रता का भूकंप आया। इसकी गहराई 10 किलोमीटर थी। भूकंप के केंद्र का निर्देशांक 37.33 उत्तरी अक्षांश और 74.62 पूर्वी देशांतर पर दर्ज किया गया। इस भूकंप ने अफगानिस्तान के कई क्षेत्रों को हिला दिया और नागरिकों में भय का माहौल पैदा कर दिया।


भूकंप प्रभावित क्षेत्र:

टोलो न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, यह भूकंप उत्तरी अफगानिस्तान के पहाड़ी क्षेत्रों में आया। ये क्षेत्र पहले से ही प्राकृतिक आपदाओं की चपेट में हैं। नागरिकों ने भूकंप के झटकों से सुरक्षा की मांग की है और सरकार से राहत कार्यों को तेज़ करने की अपील की है।


पिछले वर्षों में भूकंप की घटनाएँ:

इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ रेड क्रॉस और रेड क्रिसेंट की रिपोर्ट के अनुसार, अफगानिस्तान दुनिया के सबसे अधिक जलवायु-संवेदनशील देशों में शामिल है। नोट्रे डेम ग्लोबल एडाप्टेशन इंडेक्स के अनुसार, अफगानिस्तान संवेदनशीलता और तत्परता के मामले में 24वें स्थान पर है। पिछले तीन वर्षों में हेरात क्षेत्र में 6.3 तीव्रता के भूकंप सहित लगभग 400 भूकंप दर्ज किए गए हैं। ये घटनाएँ देश में लगातार बढ़ते प्राकृतिक खतरों की ओर इशारा करती हैं।


अंतरराष्ट्रीय समर्थन की आवश्यकता:

पिछले वर्ष, अंतर्राष्ट्रीय आपदा जोखिम न्यूनीकरण दिवस के अवसर पर, संयुक्त राष्ट्र सहायता मिशन (यूएनएएमए) ने अफगानिस्तान के लिए अधिक अंतरराष्ट्रीय समर्थन की आवश्यकता पर बल दिया था। संयुक्त राष्ट्र ने कहा कि देश में आपदाओं से निपटने के लिए बेहतर बुनियादी ढांचे और संसाधनों की आवश्यकता है।


भविष्य की तैयारी:

विशेषज्ञों का मानना है कि अफगानिस्तान को भूकंप जैसी आपदाओं के लिए बेहतर तैयारी करनी होगी। राहत एजेंसियों और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों को मिलकर काम करना होगा ताकि आपदाओं के प्रभाव को कम किया जा सके।


नागरिकों की सुरक्षा:

अफगानिस्तान के नागरिकों ने आपदा प्रबंधन तंत्र को मजबूत करने की मांग की है। सरकार और स्थानीय प्रशासन से अनुरोध किया जा रहा है कि वे भूकंप के संभावित खतरों से निपटने के लिए आवश्यक कदम उठाएं।


निष्कर्ष:

भूकंप की बार-बार आने वाली घटनाओं ने अफगानिस्तान की कमजोर बुनियादी संरचना और प्राकृतिक आपदाओं के प्रति संवेदनशीलता को उजागर किया है। इस चुनौतीपूर्ण समय में अंतरराष्ट्रीय सहयोग और मजबूत आपदा प्रबंधन तंत्र की आवश्यकता स्पष्ट हो गई है।

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