सारांश : राजस्थान में एचएमपीवी वायरस के प्रसार के मद्देनजर सरकार ने त्वरित कदम उठाए हैं। डूंगरपुर के बाद अब बारां जिले में एक 6 माह की बच्ची में इस वायरस की पुष्टि हुई है, जिससे चिकित्सा विभाग अलर्ट हो गया है। जयपुर स्थित सवाई मानसिंह मेडिकल कॉलेज में बायोफायर टेस्ट की प्रक्रिया तेज कर दी गई है और संक्रमित परिवारों का सर्वे किया जा रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि इस वायरस से बचाव के लिए सतर्कता जरूरी है, लेकिन घबराने की जरूरत नहीं है।


HMPV Virus को लेकर Rajasthan में बढ़ी चिंता, Baran में 6 माह की बच्ची संक्रमित, सरकार अलर्ट


राजस्थान में एचएमपीवी वायरस का खतरा: बारां में 6 माह की बच्ची संक्रमित


देश के कई राज्यों में एचएमपीवी वायरस का खतरा बढ़ता जा रहा है, और इस संक्रमण ने राजस्थान में भी चिंता बढ़ा दी है। कुछ दिन पहले डूंगरपुर जिले में दो माह की बच्ची में वायरस की पुष्टि हुई थी, और अब राजस्थान के बारां जिले में एक 6 माह की बच्ची इस वायरस से संक्रमित पाई गई है। इससे चिकित्सा विभाग ने तुरंत अलर्ट जारी कर दिया है और वायरस के प्रसार को रोकने के लिए त्वरित कदम उठाए हैं।


एचएमपीवी वायरस: एक खतरनाक संक्रमण


एचएमपीवी (ह्यूमन मेटाप्नेयमोन वायरस) एक श्वसन संक्रमण है जो मुख्य रूप से छोटे बच्चों और बुजुर्गों को प्रभावित करता है। यह वायरस सामान्य सर्दी-खांसी जैसे लक्षण उत्पन्न कर सकता है, लेकिन अगर समय रहते इलाज न किया जाए, तो यह श्वसन तंत्र पर गंभीर असर डाल सकता है। बच्चों में यह वायरस अधिक खतरनाक हो सकता है, क्योंकि उनकी इम्यूनिटी कमजोर होती है और वे जल्दी संक्रमण का शिकार हो सकते हैं।


जयपुर में बायोफायर टेस्ट की सुविधा: संक्रमण का पता लगाना आसान


राजस्थान में वायरस के प्रसार को रोकने के लिए जयपुर के सवाई मानसिंह मेडिकल कॉलेज में बायोफायर टेस्ट की सुविधा बढ़ा दी गई है। यह टेस्ट न केवल एचएमपीवी वायरस की पहचान करता है, बल्कि यह अन्य वायरस और बैक्टीरिया के संक्रमण का भी पता लगाता है। एसएमएस मेडिकल कॉलेज की अतिरिक्त प्राचार्य डॉ. भारती मल्होत्रा का कहना है कि आईसीएमआर की गाइडलाइन के अनुसार, रोजाना 8 से 10 संदिग्ध मरीजों के सैंपल की जांच की जा रही है। इस प्रक्रिया से संक्रमण के फैलने की संभावना को कम किया जा सकता है।


बारां में नया केस, हड़कंप मच गया


राजस्थान के बारां जिले के छीपाबड़ौद इलाके में 6 माह की बच्ची में एचएमपीवी वायरस की पुष्टि होने के बाद चिकित्सा विभाग ने तुरंत कार्रवाई शुरू कर दी है। नया केस सामने आने के बाद, संक्रमित बच्ची के परिवार और आसपास के लोगों के सैंपल लिए गए हैं और सर्वे प्रक्रिया शुरू की गई है। परिवार के सभी सदस्य और आस-पड़ोस के लोग इस वायरस की चपेट में आ सकते हैं, इसलिए बायोफायर टेस्ट के जरिए जल्द से जल्द संक्रमण का पता लगाने की कोशिश की जा रही है। यह कदम सरकार द्वारा एहतियात बरतते हुए उठाया गया है, ताकि वायरस के प्रसार को रोका जा सके।


घबराएं नहीं, सतर्क रहें


एचएमपीवी वायरस के बारे में कई भ्रांतियां फैली हुई हैं, लेकिन चिकित्सा विभाग के अधिकारियों का कहना है कि लोगों को घबराने की जरूरत नहीं है। इस वायरस से बचाव के लिए सिर्फ सतर्क रहना जरूरी है। विशेषज्ञों का कहना है कि स्वस्थ आहार और सही जीवनशैली से इम्यूनिटी को मजबूत किया जा सकता है। हरी सब्जियों, विटामिन सी और बी 12 से भरपूर आहार लेने की सलाह दी गई है। इसके अलावा, बाहर के खाने और पैक्ड फूड से बचने की भी चेतावनी दी गई है, क्योंकि ये वायरस के प्रसार में सहायक हो सकते हैं।


बच्चों और बुजुर्गों को विशेष सावधानी बरतने की सलाह


विशेषज्ञों के अनुसार, बच्चों और बुजुर्गों को एचएमपीवी वायरस से बचाने के लिए खास सावधानियां बरतनी चाहिए। डॉ. वीरेंद्र चौधरी, जो सवाई मानसिंह अस्पताल के पूर्व अधीक्षक हैं, का कहना है कि छोटे-छोटे उपायों से इस वायरस से बचाव किया जा सकता है। जैसे कि हाथों को बार-बार धोना, चेहरे पर हाथ न फेरना, गर्म दूध और सूप का सेवन करना और ठंडे भोजन से बचना। इसके अलावा, संक्रमित बच्चों से दूर रहना और मास्क पहनकर बाहर निकलना भी जरूरी है।


सामान्य सावधानियां और रोकथाम के उपाय


एचएमपीवी वायरस से बचाव के लिए कुछ सामान्य उपायों का पालन करना जरूरी है। सबसे पहले, हाथों को बार-बार धोना चाहिए और चेहरे पर हाथ न लगाएं। इसके अलावा, बाहर निकलते समय मास्क का उपयोग करना चाहिए और भीड़-भाड़ वाले स्थानों से बचना चाहिए। छोटे बच्चों को वायरस से संक्रमित होने से बचाने के लिए उन्हें घर से बाहर न भेजें और खासतौर पर संक्रमित बच्चों से संपर्क में न आएं।


स्वस्थ जीवनशैली का महत्व


स्वस्थ जीवनशैली और इम्यूनिटी बढ़ाने के उपायों से वायरस से बचाव संभव है। लोगों को अपनी डाइट पर ध्यान देना चाहिए, जिसमें ताजे फल, सब्जियां, और पौष्टिक आहार शामिल हो। इसके साथ ही, पर्याप्त पानी पीने और सही समय पर आराम करने की सलाह दी जाती है।


निष्कर्ष


एचएमपीवी वायरस का प्रसार राजस्थान में चिंता का कारण बन चुका है, लेकिन समय रहते सावधानियां और त्वरित इलाज से इसके प्रभाव को कम किया जा सकता है। सरकार और चिकित्सा विभाग द्वारा उठाए गए कदम सराहनीय हैं, और लोगों को घबराने की बजाय सतर्क रहकर एहतियात बरतने की जरूरत है। बच्चों और बुजुर्गों को विशेष रूप से इस वायरस से बचने के लिए सजग रहना चाहिए।

Post a Comment

और नया पुराने