सारांश : भारतीय शेयर बाजार ने सप्ताह की शुरुआत सकारात्मक नोट पर की, लेकिन दिन में गिरावट देखी गई। सेंसेक्स और निफ्टी में शुरुआती बढ़त के बावजूद, बाद में लाल निशान में कारोबार हुआ। बीते हफ्ते, दोनों सूचकांकों ने मजबूत प्रदर्शन किया था। प्रमुख शेयरों में बजाज फाइनेंस, टाइटन, और इंफोसिस गेनर्स रहे, जबकि कोटक महिंद्रा बैंक और टाटा स्टील लूजर्स में शामिल हुए।
सप्ताह के पहले कारोबारी दिन, भारतीय शेयर बाजार में सकारात्मक शुरुआत देखी गई। अमेरिकी बाजारों में मजबूती का असर भारतीय बाजारों पर भी साफ नजर आया। 6 जनवरी को, बीएसई सेंसेक्स ने 58 अंकों की बढ़त के साथ 79,281 पर खुला, जबकि एनएसई निफ्टी ने 40 अंकों की बढ़त के साथ 24,045 पर कारोबार शुरू किया। शुरुआती घंटे में ही सेंसेक्स ने 296.94 अंकों की बढ़त के साथ 79,520.05 और निफ्टी ने 85.2 अंकों की बढ़त के साथ 24,089.95 का स्तर छू लिया।
हालांकि, शुरुआती बढ़त लंबे समय तक टिक नहीं पाई। सुबह 9:30 बजे तक सेंसेक्स 234.26 अंकों (0.30%) की बढ़त के साथ 79,457.37 पर था, जबकि निफ्टी 50 ने 60.95 अंकों (0.25%) की बढ़त दर्ज करते हुए 24,065.70 पर कारोबार किया। इसके बावजूद, दोपहर तक बाजार ने गिरावट दर्ज की। सेंसेक्स 68.56 अंक गिरकर 79,159.58 पर आ गया, जबकि निफ्टी 48.20 अंकों की गिरावट के साथ 23,956.55 पर पहुंच गया।
प्रमुख शेयरों का प्रदर्शन:
बीएसई पर लिस्टेड कई प्रमुख शेयरों ने शुरुआती कारोबार में मजबूती दिखाई। बजाज फाइनेंस, टाइटन, इंफोसिस, एचसीएल टेक, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज, और टेक महिंद्रा शीर्ष गेनर्स रहे। वहीं, कोटक महिंद्रा बैंक, टाटा स्टील, पावर ग्रिड और एशियन पेंट्स जैसे प्रमुख शेयर लूजर्स की सूची में शामिल हुए।
पिछले हफ्ते का प्रदर्शन:
बीता हफ्ता भारतीय शेयर बाजार के लिए बेहतरीन साबित हुआ। निफ्टी ने 191 अंकों (0.80%) की बढ़त के साथ 24,004 पर बंद किया, जबकि सेंसेक्स 524 अंकों (0.67%) की तेजी के साथ 79,223 पर बंद हुआ। इस शानदार प्रदर्शन का श्रेय घरेलू और वैश्विक बाजारों में सकारात्मक रुझानों को दिया जा सकता है।
विदेशी निवेशकों की भूमिका:
शुक्रवार को, विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) शुद्ध बिकवाल रहे। उन्होंने 4,227.25 करोड़ रुपये के शेयर बेचे। एफआईआई की बिकवाली का असर बाजार पर पड़ा, जिससे दिन के अंत में गिरावट दर्ज की गई।
मौजूदा हालात:
भारतीय शेयर बाजार का मौजूदा प्रदर्शन घरेलू और वैश्विक कारकों पर निर्भर है। अमेरिकी बाजार में मजबूती भारतीय बाजारों को सपोर्ट देती है, लेकिन विदेशी निवेशकों की बिकवाली से दबाव बना रहता है। निवेशकों के लिए यह समय सतर्कता बरतने का है, खासकर उन शेयरों में जिनका प्रदर्शन अस्थिर है।
विश्लेषकों की राय:
विश्लेषकों का मानना है कि बाजार में उतार-चढ़ाव बना रह सकता है। निफ्टी के 24,000 और सेंसेक्स के 79,000 के स्तर पर बने रहने की संभावना है। निवेशकों को सलाह दी जाती है कि वे दीर्घकालिक दृष्टिकोण से निवेश करें और छोटी अवधि की गिरावट से घबराएं नहीं।
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